Jharkhand: अब आदिवासी परिवार के लोगों को अब 50 साल में मिलेगी वृद्धावस्था पेंशन,CM हेमंत सोरेन ने किया एलान

झारखंड के सीएम सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि अब आदिवासी परिवार के लोगों को 60 वर्षपूरा होने पर नहीं, बल्कि 50 साल की उम्र में ही पेंशन मिलेगी। सीएम शुक्रवार कोझारखंड सरकार की चौथी वर्षगांठ पर मोरहाबादी मैदान में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।

Jharkhand: अब आदिवासी परिवार के लोगों को अब 50 साल में मिलेगी वृद्धावस्था पेंशन,CM हेमंत सोरेन ने किया एलान
हेमंत सरकार की चौथी वर्षगांठ।
रांची। झारखंड के सीएम सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि अब आदिवासी परिवार के लोगों को 60 वर्षपूरा होने पर नहीं, बल्कि 50 साल की उम्र में ही पेंशन मिलेगी। सीएम शुक्रवार कोझारखंड सरकार की चौथी वर्षगांठ पर मोरहाबादी मैदान में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार बनी, तो कोरोना काल चल रहा था. ये अभिशाप की तरह था. ऐसे भी झारखंड की गिनती सबसे पिछड़े राज्य में की जाती है। यहां मजदूर एक दिन मजदूरी नहीं करता है तो उसके घर का चूल्हा नहीं जलता है। ऐसे समय में हमारी जंग कोरोना और भुखमरी दोनों से थी। उस समय हमने पूरे देश में ऑक्सीजन दिया। बिना पैनिक किए हमने पूरी स्थिति को संभाला। इस कोरोना में हमारे दो मिनिस्टर चले गये। टाइगर जगरनाथ महतो हमारे बीच नहीं रहे. उनकी पत्नी को हमने मंत्री बनाया।
हेमंत ने कहा कि नवजात झारखंड का जब 2000 में जन्म हुआ तो इसे मजबूत करने के बजाय इसे लूट लिया गया। उस वक्त हम सहानुभूति के अलावा कुछ नहीं दे सके। झारखंड तो अलग हुआ लेकिन उसे वो सब नहीं मिल सका जिससे झारखंड का विकास हो सके। हम जब सरकार में आये तो इसकी स्थिति काफी भयावह थी. यहां पलायन अपने शीर्ष पर था. कोरोना में तो आपने देखा ही लाखों मजदूर बाहर फंसे थे, सबको हमने बचाया। आपदा में भी हमने एक को भी भूख से मरने नहीं दिया। इन लोगों ने आम मौके पर ही भुखमरी की स्थिति में ला दिया था.

पूर्व की सरकार ने खजाना खाली कर दिया था
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि जब हमारी सरकार थी तो हमे पता था कि राज्य की स्थिति कितनी खराब हो चुकी थी। लेकिन हमने लोगों को राशन कार्ड दिया. जरूरतमंदों को पेंशन दी, लेकिन इससे भी काम नहीं चलेगा। कई ऐसे गरीब हैं जो आज के समय में भी मुसीबत से जूझ रहे हैं। आज इस राज्य के हमारे आदिवासी भाइयों की पेंशन लिमिट को 60 साल से घटा कर 50 साल कर दिया जायेगा। अबसे झारखंड में 50 साल की उम्र से ही लोगों को पेंशन मिलनी शुरू हो जायेगी।

उन्होंने कहा कि 20 सालों में पिछली सरकार ने लगभग 20 लाख लोगों को ही पेंशन दी। लेकिन सोरेन सरकार ने केवल चार सालों में 36 लाख 20 हजार लोगों को पेंशन दी है।उन्होंने कहा कि आज झारखंड में कई ऐसे घर हैं जहां पिता 98 साल के हैं। बेटा 60 साल का है। दोनों को पेंशन मिल रही है।बुजुर्ग विधवा को भी पेंशन मिल रही है। अब आदिवासी लोगों को भी 60 के बजाए 50 साल की उम्र मेंपेंशन दी जायेगी। उन्होंने कहा है कि जो भी कंपनियां झारखंड में ऑफिस स्थापित करेंगी, उनमें 75 फीसदी जगह स्थानीय लोगों के लिए रिजर्व रहेगी।हेमंत ने कहा कि आज दूसरे राज्यों को केंद्र से पैसा मिलता है हमें नहीं मिलता है। हमने मात्र चार वर्षों में 20 लाख किसानों को केसीसी से जोड़ दिया।अब झारखंड सरकार किसानों को बीमाकृत जानवर बांटेगी. अगर जानवर मरा भी तो इसका पैसा सरकार देगी, लेकिन पहले ऐसा नहीं था। पहले की सरकार किसानों को कमजोर जानवर देती थी, जो जल्दी ही मर जाते थे। उन्होंने कहा कि जिस राज्य मेंडबल इंजन की सरकार नहीं है उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है। जब राज्य अलग हुआ था तो गरीब राज्य अलग नहीं हुआ था, खजाने में पैसेथे, लेकिन उस वक्त की सरकार ने खजाना खाली कर दिया और हमें मरने के लिए छोड़ दिया।
झारखंड को मजबूरी से मजबूती की राह पर बढ़ते देखा
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि हमने झारखंड को मजबूरी से मजबूती की राह पर बढ़ते देखा है। झारखंड के जो लोग विधवा पेंशन, सर्वजन पेंशन के लिए भटक रहे थे, उनके लिए हमने सब कुछ सुगम किया। जिन्हें केंद्र सरकार का आवास नहीं मिल सका, उनके लिए हमने अबुआ आवास योजना की शुरुआत की। आज तक किसी भी सरकार ने आवास के लिए दो-दो लाख नहीं दिए, लेकिन हम वो कर रहे हैं। हमनेमहंगाई पर बात की थी, रोजगार पर बात की थी। मैं मानता हूं कि हमारी सरकार समर्पित भावना से उस कार्य को कर रही है। मैं बीजेपी सेपूछना चाहता हूं कि 1932 खतियान का समर्थन वो किस हक से कर रही है, जो कभी उनका मुद्दा रहा ही नहीं।
श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि झारखंड सरकार लोगों को अबुआ आवास दे रही है। सर्वजन पेंशन योजना के लिए कई लोग भटकते रहते थे, लेकिन लोगों को इन योजनाओं का लाभ हेमंत सरकार के आनेके बाद ही मिल रहा है। हेमंत सरकार ने युवाओं को रोजगार से जोड़ने का काम किया है। इसके पू र्वमें जो सरकार रही, उसने क्या किया, वह किसी को नहीं पता. हमारे आने के बाद से ही झारखंड में विकास दिख रहा है।
कार्यक्रम के दौरान कुछ लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया गया। सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, सर्वजन पेंशन योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, नि:शुल्क साइकिल वितरण योजना, धोती-साड़ी वितरण योजना, अबुआ आवास योजना के लाभुकों के बीच सांकेतिक रूप से परिसंपत्तियों का वितरण किया गया। उद्योग विभाग के द्वारा मंच पर टिनप्लेट कंपनी और झारखंड सरकार के बीच एमओयू किया गया। कार्यक्रम में जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन, मिनिस्टर रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता, चंपई सोरेन, बादल पत्रलेख, मिथिलेश ठाकुर समेत स्टेट के सीनीयर पुलिस व प्रशासनिक अ्फसर समेत कई विभागों से सचिव उपस्थित थे।