झारखंड: नक्सली संगठन JJMP में टूट , कमांडर सुकरा उरांव की मर्डर के बाद विवाद

झारखंड में एक्टिव नक्सली संगठन जेजेएमपी (JJMP) का विभाजन हो गया है। कमांडर सुकरा उरांव की हत्या के बाद संगठन में आंतरिक कलह शुरू हो गया है। संगठन से जुड़े उग्रवादी बगावत कर दूसरा संगठन बनाने में लगे हुए हैं। नया उग्रवादी संगठन का नाम झारखंड जनसंग्राम सेनानी (JJSS) रखा गया है और इसके सुप्रीमो दिवाकर व अमर हैं।

झारखंड: नक्सली संगठन JJMP में टूट , कमांडर सुकरा उरांव की मर्डर के बाद विवाद

रांची। झारखंड में एक्टिव नक्सली संगठन जेजेएमपी (JJMP) का विभाजन हो गया है। कमांडर सुकरा उरांव की हत्या के बाद संगठन में आंतरिक कलह शुरू हो गया है। संगठन से जुड़े उग्रवादी बगावत कर दूसरा संगठन बनाने में लगे हुए हैं। नया उग्रवादी संगठन का नाम झारखंड जनसंग्राम सेनानी (JJSS) रखा गया है और इसके सुप्रीमो दिवाकर व अमर हैं।

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जेजेएमपी के पूर्व कमांडर दिवाकर व अमर सहित सात उग्रवादियों ने मिलकर ने जेजेएमपी के कमांडर सुकरा उरांव की मर्डर कर दूसरा संगठन बनाया है। लोगों को अपने संगठन में जोड़ने का काम कर रहा है। जेजेएसएस में 17 हथियारबंद उग्रवादी हैं। इन सभी नक्सलियों के पास AK-47, इंसास, रायफल, पिस्तौल है। सुकरा उरांव की मर्डर कर दिवाकर व अमर कई अत्याधुनिक हथियार लेकर भागे हैं।जेजेएसएस अपना संगठन विस्तार कर रहा है। गांव-गांव के बेरोजगार व जेजेएमपी से प्रताड़ित युवक-युवतियों से जेजेएसएस के उग्रवादी संपर्क कर रहे हैं। दर्जन भर से अधिक 10 युवकों को जेजेएसएस ने संगठन से जोड़ा है। ये सभी युवक गुमला, चैनपुर व घाघरा प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों के हैं।

क्तूबर में की गयी थी जेजेएमपी के कमांडर सुकरा उरांव की मर्डर

गुमला के घाघरा ब्लॉक के लावादाग गांव में 30 अक्तूबर, 2021 को जेजेएमपी के कमांडर सुकरा उरांव की उसके ही दस्ते के कमांडरों ने मिलकर मर्डर कर दी थी। इसके बाद सुकरा उरांव का आर्म्स भाग गये थे। सुकरा उरांव महीने में लेवी का चार लाख रुपये वसूलता था, लेकिन वह अपने दस्ते के सदस्यों को पैसा नहीं देता था। सभी पैसा घाघरा ब्लॉक के एक ईंट भट्ठा मालिक को देता था, ताकि सुकरा का पैसा सुरक्षित रहे। सुकरा द्वारा अपने दस्ते के सदस्यों को पैसा नहीं देने से नाराज सात उग्रवादियों ने मिलकर सुकरा की गोली मारकर मर्डर कर दी। इसके बाद संगठन छोड़कर भाग गये थे। 
जेजेएमपी के कब्जे में है शनिचरवा
कुटवां गांव के बहुरा मुंडा भी सुकरा उरांव की मर्डर में शामिल था। वह जेजेएमपी छोड़कर भाग गया है। सुकरा की मर्डर के बाद जेजेएमपी के उग्रवादियों ने बहुरा के घर पर हमला कर उसके पिता शनिचरवा मुंडा (60 वर्ष) को पहले उठाकर ले गये।अभी तक उग्रवादियों ने शनिचरवा मुंडा को मुक्त नहीं किया है। बहुरा ने कहा है कि दुश्मनी मेरी से है, तो मेरे से लड़े नक्सली संगठन जेजेएमपी के लोग. मेरे घर के लोगों को परेशान करने व घर उजाड़ना यह कायर उग्रवादियों की पहचान है। बहुरा ने कहा कि सुकरा ने पहले मेरे ऊपर हमला किया था। इसके बाद योजना बनाकर सुकरा की मर्डर की गयी। सुकरा को मारने के बाद 12 हजार रुपये उसके बैग से मिला , जिसे बहुरा लिया था। लेवी का चार लाख रुपये महीने में सुकरा को मिलता था। वह अपने साथियों को पॉकेट खर्च भी नहीं देता था। हलांकि नक्सली संगठन जेजेएमपी ने पत्र जारी कर कहा कि शनिचरवा मुंडा का अपहरण करने में जेजेएमपी के किसी भी सदस्य के हाथ नहीं है। 

जेजेएमपी से गांव की बहू-बेटी सुरक्षित नहीं
सुकरा उरांव को मारकर भागे नये संगठन जेजेएसएस के सुप्रीमो दिवाकर ने कहा है कि जेजेएमपी उग्रवादी अपने नीति व सिद्धांत से भटक गये हैं। वर्तमान में जेजेएमपी के जितने भी उग्रवादी हैं. उनकी बुरी नजर गांव की बहू-बेटियों पर रहती है। जिस गांव में जवान लड़कियां अधिक है. उस गांव में जेजेएमपी के उग्रवादी कई दिनों तक कैंप करते हैं। दिवाकर ने कहा जेजेएसएस गांव की बहू-बेटियों को अब जेजेएमपी से सुरक्षा करेगी।

सुरेश यादव थाजेजेएमपी का सुप्रीमो 
जेजेएसएस के सुप्रीमो दिवाकर ने कहा कि जेजेएमपी के सुप्रीमो सुरेश यादव थे। वे बहुत अच्छे इंसान थे। गांव के विकास के बारे में सोचते थे। गरीबों की मदद करते थे।  एक साजिश के तहत जेजेएमपी के उग्रवादी मंजीत ने सुरेश यादव की मर्डर कर उसके बॉडी को गायब कर दिया। सुरेश यादव की मर्डर के बाद से जेजेएमपी में लूटेरे, बहू-बेटियों की इज्जत से खेलने व गरीबों को परेशान करने वाले सदस्य कमांडर बन गये। विकास योजनाओं को प्रभावित कर लेवी वसूलकर जेजेएमपी के सभी कमांडर मोटी रकम जमा कर लिये हैं। जेजेएसएस अब जेजेएमपी के खिलाफ काम करेगा। जेजेएमपी को गुमला जिले से खत्म करेगा।