Jharkhand: 15 लाख का इनामी नक्सली इंदल गंझू ने पुलिस व CRPF ऑफिसर्स के सामने किया सरेंडर

भाकपा माओवादी के रिजनल कमेटी मेंबर और 15 लाख का इनामी नक्सली इंदल गंझू उर्फ ललन गंझू उर्फ उमा उर्फ बढ़न ने गुरुवार को रांची जोनल आइजी ऑफिस पुलिस और सीआरपीएफ के ऑफिसर्स के सामने सरेंडर कर दिया। मौके पर आइजी एवी होमकर, राकेश रंजन, डीआईजी हजारीबाग आदि मौजूद थे।

Jharkhand: 15 लाख का इनामी नक्सली इंदल गंझू ने पुलिस व CRPF ऑफिसर्स के सामने किया सरेंडर

रांची। भाकपा माओवादी के रिजनल कमेटी मेंबर और 15 लाख का इनामी नक्सली इंदल गंझू उर्फ ललन गंझू उर्फ उमा उर्फ बढ़न ने गुरुवार को रांची जोनल आइजी ऑफिस पुलिस और सीआरपीएफ के ऑफिसर्स के सामने सरेंडर कर दिया। मौके पर आइजी एवी होमकर, राकेश रंजन, डीआईजी हजारीबाग आदि मौजूद थे।

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बिहार-झारखंड के 145 कांडों में वांछित है इंदल गंझू
बिहार-झारखंड के145 कांडों में वांछित 15 लाख के इनामी कुख्यात इंदल गंझू उर्फ ललन गंझू उर्फ उमा उर्फ बढ़न के मुख्य धारा में लौटने पर सीआरपीएफ के अफसरों ने शाल व बुके से स्वागत किया। इंदल मूल रूप से बिहार के गया जिले के इमामगंज थाना क्षेत्र के असरैन गांव का रहने वाला है। उसका चतरा जिले के कौलेश्वरी सब जोन में आतंक था। सरेंडर के पूर्व भाकपा माओवादी संगठन में वह रीजनल कमेटी सदस्य के पद पर था।
ऐसे पुलिस के संपर्क में आया इंदल
चतरा जिले के लावालौंग में विगत तीन अप्रैल को पुलिस एनकाउंटर में 25-25 लाख रुपये के इनामी दो व पांच-पांच लाख रुपये के इनामी तीन नक्सलियों के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद से ही इंदल पुलिस के संपर्क में आ गया था। उसने सरेंडर की इच्छा जताई थी। इसके बाद उसका सरेंडर कराया गया है। इंदल पर दर्ज कांडों में चतरा जिला में 48, पलामू में एक, हज़ारीबाग़ में पांच, बिहार के गया में 78 व औरंगाबाद में 13 कांड शामिल हैं।
इंदल के खिलाफ विभिन्न पुलिस स्टेशन में दर्ज है145 FIR
चतरा: प्रतापपुर (एक), ईटखोरी (तीन), राजपुर (18), वशिष्ठनगर (आठ), हंटरगंज (आठ), सदर (नौ), कुंदा (एक)।

पलामू: मनिका थाना (एक)।
हजारीबाग: चौपारण (पांच)।
गया: बाराचट्टी (15), शेरघाटी डोभी (एक), भदवर (एक), इमामगंज (21), रौशनगंज (पांच), डुमरिया मैगरा (एक), डुमरिया (11), चकरबंधा (एक), आमस (छह), बांकेबाजार (सात), लटुआ (सात), धनगाईं (एक) व सलैया (एक)।
औरंगाबाद: मदनपुर (11) व देव (दो)।
जमीन विवाद में संगठन में शामिल हुआ था इंदल
इंदल गंझू उर्फ इंदल उर्फ ललन गंझू उर्फ उमा जी उर्फ इंदल जी के पिता का नाम हरिहर भोक्ता है। वह गया जिला के इमामगंज थाना क्षेत्र के असरैना गांव का रहनेवाला है। झारखंड पुलिस की ओर से उसके खिलाफ 15 लाख का इनाम है।इंदल गंझू ने बताया कि वह एक करोड़ के इनामी पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस उर्फ किशन दा से प्रेरित था। उन्हें अपना आदर्श मानता था। विगत वर्ष किशन दा की गिरफ्तारी का उसे दुख है। उसने बताया कि वर्ष 2006-2007 के आसपास उसका जमीन विवाद था।  उसके गांव में नक्सलियों का आना-जाना था, जिन्हें वह खाना भी खिलाता था। किशन दा के विचारधारा का भी उसपर प्रभाव पड़ा और वह नक्सली संगठन में शामिल हो गया। उसने बताया कि उसपर दर्ज कई मामले ऐसे हैं, जिनमें वह शामिल नहीं था, लेकिन उसे आरोपित बना दिया गया।
हिंसावादी विचाराधारा छोड़कर सरेंडर करें नक्सली
आइजी ऑपरेशन अमोल वीनुकांत होमकर ने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि झारखंड के बचे हुए नक्सली हिंसावादी विचाराधारा छोड़कर सरेंडर करें।था झारखंड सरकार की सरेंडर एवं पुनर्वास नीति का लाभ लेकर मुख्य धारा से जुड़ें। ऐसा नहीं करने पर उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी। फरार नक्सलियों के विरुद्ध भी आवश्यक कार्रवाई की जायेगी। झारखंड सरकार ने राज्य को नक्सल मुक्त राज्य बनाने का संकल्प लिया है। इसी संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ, झारखंड जगुआर व अन्य केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के माध्यम से सभी नक्सली संगठनों के विरुद्ध चौतरफा कार्रवाई की जा रही है। इसमें पुलिस को लगातार सफलताएं भी मिल रही हैं।
झारखंड पुलिस के लिए बड़ी सफलता सीआरपीएफ के एवी बोहरा नेकहा कि झारखंड पुलिस और झारखंड सीआरपीएफ के लिए यह बड़ी सफलता का दिन है। झारखंड को उग्रवाद मुक्त राज्य बनानेके दिशा निर्देश में अबतक कई नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इससे माओवादी नक्सलियों की कमर टूट रही है। चतरा जिले के गया और औरंगाबाद के बॉर्डर पर माओवादी संगठन को आगे बढ़ाना चाह रहे थे। इन्हें रोकने के लिए कई ऑपरेशन चलाये गये। कई बार एनकाउंटर भी हुई। इसमें पांच माओवादी मारे गये। इनमे 25 लाख के 2 इनामी नक्सली थे।
.इंदल ने साथियों को भी सरेंडर करने की अपील की
सरेंडर करने के बाद इंदल ने कहा कि संगठन के और लोगों को डर लगता है कि पुलिस परेशान करेगी, लेकिन ऐसीकोई बात नहीं है। इंदल ने सभी साथियों को भी सरेंडर करने की अपील की है। सरेंडर के बाद इंदल को जेल भेज दिया गया। जेल जाने से पहले उसने बताया कि जेल से छूटने के बाद वह समाज के उत्थान के लिए काम करेगा। सरकारी योजनाएं जन-जन तक कैसे पहुंचे, इसपर उसकी जोर होगी। इंदल को पांच बच्चे हैं। सभी सरकारी विद्यालय में पढ़ते हैं। उसका पैतृक पेशा किसानी है। बच्चे पढ़कर नौकरी करेंगे नहीं तो खेती में उसका हाथ बंटायेंगे।