Jharkhand: गिरिडीह में पांच करोड़ लूट की वारदात बनी पहेली,पटना, कोलकाता और गुजरात पहुंची पुलिस टीम

झारखंड के गिरिडीह में पांच करोड़ कैश लूट की वारदात पहेली बन गयी है। लूटपाट का यह मामला पुलिस के सिरदर्द बना हुआ है। घटना के एक सप्ताह बाद भी मामले में पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। इस लूट की गुत्थी सुलझाने में पुलिस का पसीना छूट रहा है।

Jharkhand: गिरिडीह में पांच करोड़ लूट की वारदात बनी पहेली,पटना, कोलकाता और गुजरात पहुंची पुलिस टीम
क्रेटा कार में रखी पांच करोड़ कैश की लूट।
  • कार ड्राइवर के बयान का सत्यापन कर मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश

गिरिडीह। झारखंड के गिरिडीह में पांच करोड़ कैश लूट की वारदात पहेली बन गयी है। लूटपाट का यह मामला पुलिस के सिरदर्द बना हुआ है। घटना के एक सप्ताह बाद भी मामले में पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। इस लूट की गुत्थी सुलझाने में पुलिस का पसीना छूट रहा है।

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गिरिडीह एसपी अमित रेणु ने खोरीमहुआ के एसडीपीओ मुकेश महतो के नेतृत्व में स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम गठित किया है। इस टीम में साइबर सेल के अफसरों के अलावा एक दर्जन से भी ज्यादा पुलिस अफसरों को शामिल किया गया है। पुलिस टीम में शामिस अफसर अलग-अलग बिंदुओं पर काम कर रहे हैं।  एक टीम जमुआ और आसपास के क्षेत्र लोगों से पूछताछ कर रही है। वहीं दूसरी व तीसरी टीम कोलकाता और गुजरात के लिए रवाना हो चुकी है। जिस कंपनी की रकम लूटी गयी है, उसका हेडक्वार्टर गुजरात में है। गुजरात के कृषि व्यवसाय से जुड़े कमलेश साह के पास पुलिस पहुंचने के प्रयास में है। पुलिस की एक टीम पटना से वापस लौट गयी है। पटना में पुलिस को डीवाइ कंपनी के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।पटना के एक निजी घर में कंपनी का ब्रांच संचालित था। गिरिडीह पुलिस वहां पहुंची तो पुलिस को कमरा में ताला लटका मिली। वहां का कोई स्टाफ भी नहीं मिला।सभी स्टाफ फरार हैं।
पांच सौ रुपये के नोट की गड्डियों से भरा हुआ था सेफ
क्रेटा कार के फर्श के नीचे बनाये गये स्पेशल सेफ में 500 रुपये के नोट की गड्डियां भरी होने की बात कही गयी है। कार ड्राइवर मयूर सिंह जडेजा के अनुसार पटना में डीवाइ कंपनी के एक मैनेजर की उपस्थिति में पांच सौपये की गड्डियों को कार में रखा गया था। रकम ज्यादा रहने के कारण सेफ भर गया था। कार में जिस तरह से फर्श के नीचे सेफ बना हुआ है, उससे यह स्पष्ट है कि कैश का कारोबार इस कार से होता रहा है। डिजिटल के इस जमाने में इतनी बड़ी रकम लेकर चलना ही कई सवाल खड़ा करता है।आईटी की टीम भी मामले की जांच कर रही है। 
40 सीसीटीवी कैमरे जांच, नतीजा सिफर
पुलिस की एक टीम जो जमुआ के आसपास के चिह्नित क्रिमिनलों से लगातार पूछताछ कर कैश लूटकांड का खुलासा करने में जुटी है। साइबर डीएसपी के नेतृत्व में सभी टेक्नीकल पहलुओं की जांच की जा रही है। अभी तक 40 से अधिक सीसीटीवी कैमरे को खंगाला जा चुका है। गिरिडीह टाउन एरिया के मेन रोड पर लगे कई कैमरे को खंगाला गया है। पुलिस व्हाइट कलर की स्कॉपियो और एक्सयूवी 300 कार की तलाश कर रही है।
पटना-जमुआ-कोलकाता रूट का इस्तेमाल करना संदेहास्पद
पांच करोड़ कैश से भरी क्रेटा कार को कोलकाता जाने के लिए पटना-जमुआ-कोलकाता रूट का इस्तेमाल किया जाना संदेहास्पद लग रहा है। इसका जवाब कार ड्राइवर भी देने में असमर्थ है। क्रिमिनल इस रूट का उपयोग पटना से कोलकाता जाने के लिए किया करते है। कंपनी का कैश लेकर जाने वाली क्रेटा कार मेन रोड पटना-बरही-बगोदर-कोलकाता का इस्तेमाल क्यों नहीं किया। मेन रोड पर रात-दिन काफी गाड़ियां चलती है और ज्यादा सुरक्षित है।

गिरिडीह पुलिस परेशान 
पांच करोड़ कैश लूट  मामले को लेकर गिरिडीह पुलिस काफी परेशान है। पुलिस पिछले एक सप्ताह से लूटपाट के खुलासे ल इसमें शामिल क्रिमिनलों को दबोचने के लिए हाथ-पैर मार रही है। पुलिस क्रिमिनलों तक पहुंचने के साथ-साथ इतनी बड़ी रकम को एक एक्सयूवी में रखकर रात में ले जाने के मामले की तह तक जाने में जुटी है। मामले को लेकर गुजरात के पाटन जिला अंतर्गत सांतलपुर निवासी मयूर सिंह जड़ेजा के आवेदन पर 21 जून को जमुआ एफआइआर दर्ज की गई है। पुलिस सब इंस्पेक्टर नितेश कुमार पांडेय को केस का आइओ बनाया गया है। 
यह है मामला
पुलिस कंपलेन में कार ड्राइवर मयूर सिंह का कहना है कि वह गुजरात में एक टेक्नीशियन के रूप में कार्यरत है। उसकी पहचान गोविंद सिंह सोलंकी नामक व्यक्ति से हुई। उसने अच्छा काम दिलाने का भरोसा दिलाया। बाद में गोविंद सिंह ने उसे गुजरात से दिल्ली और फिर दिल्ली से कानपुर जाने को कहा। वह कानपुर पहुंचा तो वहां करण भाई नामक व्यक्ति ने उसे रिसीव किया। तीन दिन वहां रुकने के बाद उसकी मुलाकात गुजरात के ही जगत सिंह जडेजा उर्फ जगत भाई से करवायी गयी। जगत सिंह उसे क्रेटा वाहन (आरजे 45 सीयू /9964) में बैठा कर पटना लाया।बकौल मयूर सिंह पटना में उसे बताया गया कि उक्त क्रेटा से पांच करोड़ रुपया पटना से कोलकाता ले जाना है। पटना की डीवाई कंपनी से पांच करोड़ रुपये कैश लेकर गाड़ी के अंदर बने एक बॉक्स में डाल दिया गया। वे लोग कोलकाता के लिए 20 जून की रात लगभग नौ बजे रवाना हुए।
मयूर सिंह चला रहा था कार
मयूर ने पुलिस को बताया है कि पटना से कोलकाता जाने के क्रम में वह और जगत सिंह 21 जून की रात लगभग 1.30 बजे जमुआ में टिकामगहा गांव के पास स्थित एक पेट्रोल पंप में तेल भरवाया। यहां से आगे बढ़े ही थे कि बाटी गांव के पास एक स्कॉर्पियो ने ओवरटेक कर गाड़ी रुकवायी। स्कॉर्पियो से पांच लोग उतरे और क्रेटा का दरवाजा खुलवा चाबी ले ली। हम दोनों को स्कॉर्पियो पर जबरन बैठने को कहा। इस दौरान दोनों के साथ मारपीट भी की। जब दोनों स्कॉर्पियो पर बैठ गये तो क्रिमिनलों में से एक उनकी क्रेटा वाहन की ड्राइविंग सीट पर बैठ गया। उसे ले गया। स्कॉर्पियो के साथ एक एसयूवी भी था। दोनों को स्कॉर्पियो से कच्ची रास्ते होते हुए इधर-उधर घुमाने के बाद उतार कर चलते बने।
मयूर सिंह ने पुलिस को दिये गये आवेदन में कहा है कि वे दोनों इधर-उधर भटकते रहे और सुबह पांच बजे सड़क पर पहुंचे। पास में ही एक होटल के पास उन्हें अपनी कार क्रेटा कार दिखी। कार केपास पहुंचा तो देखा कि कार के फर्श के निचले हिस्से में बने बॉक्स टूटा हुआ था। बॉक्स में से रकम गायब कर दी थी। उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पूर्व ग्रामीणों ने जमुआ पुलिस को लावारिस हालत में सड़क के किनारे खड़े लावारिस क्रेटा की सूचना दी थी।