झारखंड: तमाड़ में कांची नदी पर बने आठ करोड़ का पुल ध्वस्त,सीएम ने दिया जांच का आदेश, टीम ने शुरु की जांच

तमाड़ में कांची नदी पर आठ करोड़ की लागत से बने हाराडीह-बुढ़ाडीह पुल उद्घाटन से पहले ही धवस्त हो गया है। अबी पुल का एप्रोच रोड भी नहीं बना था। सीएम हेमंत सोरेन ने पुल के ध्वस्त होने के कारणों की जांच कराने का आदेश दिया है। सीएम ने कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

झारखंड: तमाड़ में कांची नदी पर बने आठ करोड़ का पुल ध्वस्त,सीएम ने दिया जांच का आदेश, टीम ने शुरु की जांच
  • किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं की जायेगी:CM
  • ग्रामीण विकास मंत्री ने पुल गिरने की जांच के लिए बनायी कमेटी
  • इलिगल बालू माइनिंग की भेंट चढ़ा कांची नदी पर करोड़ों की लागत से बना हाराडीह-बुढ़ाडीह पुल 

रांची। तमाड़ में कांची नदी पर आठ करोड़ की लागत से बने हाराडीह-बुढ़ाडीह पुल उद्घाटन से पहले ही धवस्त हो गया है। अबी पुल का एप्रोच रोड भी नहीं बना था। सीएम हेमंत सोरेन ने पुल के ध्वस्त होने के कारणों की जांच कराने का आदेश दिया है। सीएम ने कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

जांच कमिटी दोषी अफसरों व कंट्रेक्टर को भी करेगी चिह्नित
सीएम के आदेश के आलोक में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दोषी अफसरों व कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ जांच का निर्देश दिया है।मिनिस्टर आलमगीर आलम के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय जांच समिति की कमान पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख को दी गई है। जांच समिति में बतौर सदस्य भवन निर्माण विभाग और जेएसआरआरडीए के मुख्य अभियंता को शामिल किया गया है। जांच दल को निर्देश दिया गया है कि वह इस मामले की जांच कर संयुक्त जांच प्रतिवेदन जल्द से जल्द विभाग को उपलब्ध करायें। साथ ही दोषी पदाधिकारियों और संवेदक को भी चिह्नित करें। 

ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि बुंडू और तमाड़ के बीच धवस्त हुए पुल की उच्च स्तरीय जांच होगी। उन्होंने कहा कि पुल निर्माण के लगभग तीन वर्ष पूरे हुए थे। अभी तक पुल को हैंडओवर नहीं किया गया था। आलम ने कहा कि इसकी निर्माण में निश्चत रूप से खामियां रही होंगी।अब जांच में इसका खुलासा हो जायेगा। 

राजधानी रांची के बुंडू ब्लॉक के हाराडीह में कांची नदी पर बना जिले का सबसे लंबा पुल नदी में बाढ़ आने के कारण ढह गया था। आठ करोड़ रुपये की लागत से बने इस पुल का अभी उद्घाटन भी नहीं हुआ है। यह पुल रांची को सरायकेला-खरसावां जिले से जोड़ता हुआ पश्चिम बंगाल के लिए भी संपर्क पथ की सुविधा प्रदान करता है। 

बालू के इलिगल माइनिंग के कारण धवस्त हुआ पुल
लोकल ग्रामीणों का कहना है कि कांची नदी में लगातार बालू का इलिगल माइनिंग किया जा रहा था। इसके कारण पुल कमजोर हो गया. समय रहते अगर प्रशासनिक कार्रवाई होती है, तो यह पुल बच सकता था।  ग्रामीणों ने बताया कि कांची नदी पर बने सोनाहातू का हारीन पुल और तमाड़ का बालमडीह पुल पहले ही ध्वस्त हो चुका है। अब हाराडीह पुल भी ध्वस्त हो गया।

उल्लेखनीय है कि कि चक्रवात यास के कारण हुई भीषण बारिश की वजह से कांची नदी पर पुल पुल गुरुवार को ध्वस्त हो गया था। वर्ष 2018 में बने इस पुल का निर्माण लगभग आठ करोड़ की लागत से किया गया था।
भ्रष्टाचार, घटिया निर्माण और लूट का उदाहरण है पुल गिरना:चंपई


ट्रांसफर चंपई सोरेन ने पुल धवस्त गिरने पर सवाल उठाया था। उन्होंने पूर्व सीएम रघुवर दास की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा था कि रघुवर दास की तथाकथित डबल इंजन वाली सरकार के विकास का एक और मॉडल, जो तीन साल में ही धराशायी हो गया। पिछली सरकार में हुए भ्रष्टाचार, घटिया निर्माण और सरकारी धन की लूट का यह जीवंत उदाहरण है। उन्होंने सीएम से अपील कर मामले की जांच की मांग की थी।

बीजेपी गवर्नमेंट की लूट, भ्रष्टाचार से विकास का मापदंड: सीता सोरेन

सीएम के जांच के निर्देश पर जामा एमएलए सीता सोरेन ने कहा सीएम हेमंत सोरेन मामले में निष्पक्ष जांच के आदेश दिए जाने का स्वागत करती हूं। हाथी उड़ाने वाले पूर्ववर्ती बीजेपी गवर्नमेंट ने पांच साल प्रदेश में लूट, भ्रष्टाचार और गुंडाराज चलाया, जिसके कारण झारखंड विकास के हर मापदंड पर पिछड़ता चला गया।
लोकल एमएलए ने कंस्ट्रक्शन कंपनी पर उठाये सवाल
तमाड़ के जेएमएम एमएलए विकास सिंह मुंडा ने बताया कि इससे पहले भी इलाके में एक पुल ध्वस्त हुआ है। दोनों पुल का कंस्ट्रक्शन एक ही कंपनी ने किया है। इसलिए इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। वहीं, लोकल लोगों का कहना है कि इस पुल को रांची के एक चर्चित ठेकेदार ने बनाया है। पुल का संपर्क रोड भी नहीं बना है और इसका विधिवत उद्घाटन भी नहीं हुआ है। इससे पहले ही यह ध्वस्त हो गया।