झारखंड: एक्स मिनिस्टर व सीनीयर जेएमएम लीडर साइमन मरांडी का निधन, राजकीय सम्मान के साथ अंत्योष्टि आज

झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक सदस्य व एक्स मिनिस्टर साइमन मरांडी (74) का निधन हो गया है। कोलकाता के प्राइवेट हॉस्पिटल में सोमवार की देर रात उन्होंने आखिरी सांस ली। तबीयत खराब होने के बाद उन्हें कोलकाता के हॉस्पीटल में एडमिट कराया गया था।

झारखंड: एक्स मिनिस्टर व सीनीयर जेएमएम लीडर साइमन मरांडी का निधन, राजकीय सम्मान के साथ अंत्योष्टि आज
साइमन मरांडी(फाइल फोटो)।
  • छात्र जीवन की राजनीति से मिनिस्टर व एमपी तक का तय किया सफर

रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक सदस्य व एक्स मिनिस्टर साइमन मरांडी (74) का निधन हो गया है। कोलकाता के प्राइवेट हॉस्पिटल में सोमवार की देर रात उन्होंने आखिरी सांस ली। तबीयत खराब होने के बाद उन्हें कोलकाता के हॉस्पीटल में एडमिट कराया गया था। राजकीय सम्मान के साथ बुधवार को उनका अंत्योष्टि किया जायेगा।

पाकुड़ जिले के लिट्टीपाड़ा से पांच बार एमएलए रहे साइमन झारखंड में मिनिस्टर भी रहे थे।सीएम हेमंत सोरेन, हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता, झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर, जेएमएम व्यवसायिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अमितेश सहाय समेत अन्य नेताओं ने साइमन मरांडी के निधन पर शोक जताया है।  

जेएमएम के केंद्रीय उपाध्यक्ष साइमन मरांडी पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें कोलकाता के आरएन टैगोर हॉस्पीटल में एडमिट कराया गया था।वहां उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी।
साइमन मरांडी ने छात्र जीवन से ही शुरु की थी राजनीति 
साइमन मरांडी ने पहली बार लिट्टीपाड़ा से वर्ष1977 में चुनाव लड़ा था।निर्दलीय प्रत्याशी मरांग मुर्मू को 149 वोटों से हराकर लिट्टीपाड़ा के एमएलए बने थे। साइमन मरांडी ने झामुमो सुप्रीमो एवं पूर्व सीएम शिबू सोरेन के साथ मिलकर झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) पार्टी बनायी थी। लिट्टीपाड़ा विधानसभा से उन्होंने पांच बार 1977, 1980, 1985, 2009 एवं 2017 में जीत हासिल की थी। वर्ष 1989 में राजमहल से लोकसभा सांसद बनने के कारण यह सीट अपनी पत्नी सुशीला हांसदा को सौंप दी थी। वर्तमान में इस लिट्टीपाड़ा सीट से उनके पुत्र दिनेश विलियम मरांडी विधायक हैं।
साइमन मरांडी वर्ष 2014 बीजेपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े थे और हार का सामना करना पड़ा था। साइमन मरांडी झामुमो के टिकट पर राजमहल सीट से 1989 और 1991 में सांसद भी रहे थे। वह हेमंत सोरेन की सरकार में वर्ष 2013 में मिनिस्टर भी थे।