झारखंड: कोयलांचल में क्रिमिनल व माफिया बेलगाम, बिना एसएसपी के व रुरल एसपी के चल रहा है धनबाद 

कोयला राजधानी धनबाद में क्रिमिनल व माफिया बेलगाम हो गये हैं। दिन हो या रात घटना को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस इन अपराधियों पर लगाम लगाने में  विफल है। गवर्नमेंट व पुलिस हेडक्वार्टर धनबाद की घटनाओं से बेखबर है। धनबाद जिला बिना एसएसपी व रुरल एसपी के ही चल रहा है। तीन एसपी की जगह एक नये एसपी जिला की कमान संभाल रहे हैं।

झारखंड: कोयलांचल में क्रिमिनल व माफिया  बेलगाम, बिना एसएसपी के व रुरल एसपी के चल रहा है धनबाद 
  • जिले की सुरक्षा नये अफसर सिटी एसपी के भरोसे
  • ताबड़तोड़ क्राइम ने लोगों की चिंता बढ़ाई

धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद में क्रिमिनल व माफिया बेलगाम हो गये हैं। दिन हो या रात घटना को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस इन अपराधियों पर लगाम लगाने में  विफल है। गवर्नमेंट व पुलिस हेडक्वार्टर धनबाद की घटनाओं से बेखबर है। धनबाद जिला बिना एसएसपी व रुरल एसपी के ही चल रहा है। तीन एसपी की जगह एक नये एसपी जिला की कमान संभाल रहे हैं। 
कोयला राजधानी धनबाद गैंगवार, माफियागिरी व बड़े क्राइम के लिए चर्चित है। धनबाद जिले में वर्तमान में न तो सीनियर एसपी हैं और न ही रूरल एसपी। इतने महत्वपूर्ण जिले को 2015 बैच के एक नये आइपीएस अफसर एसपी सिटी आर. रामकुमार के भरोसे छोड़ दिया गया है। सिटी एसपी ही एसएसपी व रुरल एसपी के चार्ज में हैं। इसका रिजल्ट सामने हैं क्रिमिनल व माफिया बेलगाम है।
धनबाद में 20 दिनों एसएसपी का  पोस्ट खाली
धनबाद में 20 दिनों से एसएसपी का पोस्ट खाली है। लगभग दो माह से रुल एसपी भी नहीं है। टाउन में दिनदहाड़े बीजेपी लीडर सतीश सिंह की मर्डर कर दी है। पुलिस 12 दिनों से सतीश मर्डर केस में  हवा में तीर चला रही है।डेको आउटसोर्सिंग निश्चितपुर में गोलीबारी व बमबारी हुई। पुलिस वहां से  बड़ी मात्रा में बम भी बरामद की थी। सुदामडीह पुलिस स्टेशन एरिया में पुलिस के सामने मनबढ़ू ने एक युवक को गोली मार दी। पुलिस हाथ पर हाथ धर कर बैठी है। 
झरिया अनकंट्रोल, पुलिस का खौफ समाप्त


झरिया ऐना  कोलियरी में दबंगों के गुर्गों ने दिनदहाड़े फायरिंग व बामबारी कर दहशत फैलायी। पुलिस मौके पर पहुंच खोखा गिनती रही। कार्रवाई के नाम पर पुलिस कई लोगों को हिरासत में ली है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर क्रिमिनलों तक पहुंचने का दावा कर रही है। एना मामले में पुलिस पहले से बदनाम है। आर्थिक लाभ के चक्कर में चेहरा देखकर कार्रवाई कर रही है। 
झरिया में निकला आखाड़ा जुलूस, हिंसक झड़प
कोरोना काल में देश भर में मुहर्रम का अखाड़ा जुलूस व ताजिया निकलाने पर रोक थी। झरिया में रात को अखाड़ा निकाला गया। एक ही समुदाय के दो गुटों में  भिड़ंत हो गयी और कई लोग जख्मी हो गये। घटना के बाद फिल्ली स्टाइल में पुलिस मौके पर पहुंची व मामले को शांत करायी। 
झरिया थानेदार को स्पेशल प्रीवलेज
धनबाद में पहले तो निरसा, गोविंदपुर व कतरास पुलिस स्टेशन के ओसी की चर्चा होती रही है। कहा जाता  था कि बड़ी पहुंच वाले लोग इन पुलिस स्टेशनों के कमान संभालते हैं। हाल के दिनों में झरिया भी इस लिस्ट में शामिल हो गया है। झरिया में सात-आठ माह के अंदर एना  समेत कई घटनाएं हुई है जो पुलिस भूमिका पर संदेह खड़ा कर रही है। एक-दो बार तो सांप्रदायिक विवाद भी हो चुका है। झरिया ओसी की वहां दुबारा पोस्टिंग की गयी है। चुनाव से पहले खराब रिकार्ड के कारण उन्हें हटाया गया था। चुनाव होने के बाद भी उनकी पोस्टिंग कर दी गयी। ओसी के खिलाफ एक मकान  मालिक को मारपीट करने समेत अन्य कई कंपलेन पूर्व में कप्तान तक पहुंची थी। वर्तमान ओसी को स्टेट के एक आइजी का करीबी माना जाता है। संबंधित आइजी पूर्वकी गर्वमेंट में एक एजी गुट के रहे हैं। यही कारण है कि झरिया ओसी को स्पेशसल प्रीवलेज मिला हुआ है। महकमा में यह चर्चा का विषय बना हुआ है।