झारखंड: सेंट्रल गवर्नमेंट ने मांगी IAS अफसर पूजा सिंघल की जांच रिपोर्ट, भेजी जा रही अबतक के घोटालों की डिटेल

सेंट्रल गवर्नमेंट ने झारखंड गवर्नमेट से माइंस डिपार्टमेंट की सस्पेंड सेकरेटरी आइएएस अफसर पूजा सिंघल पर ईडी की कार्रवाई के बाद समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के आधार पर डिटेल रिपोर्ट तलब की है। मनरेगा आयुक्त की ओर से 24 पन्नों की रिपोर्ट में खूंटी और चतरा के डीसी के तौर पर पूजा सिंघल के कार्यों और इस दौरान हुए घोटालों की डिटेल रिपोर्ट तैयार कर ली गई है।

झारखंड: सेंट्रल गवर्नमेंट ने मांगी IAS अफसर पूजा सिंघल की जांच रिपोर्ट, भेजी जा रही अबतक के घोटालों की  डिटेल

रांची। सेंट्रल गवर्नमेंट ने झारखंड गवर्नमेट से माइंस डिपार्टमेंट की सस्पेंड सेकरेटरी आइएएस अफसर पूजा सिंघल पर ईडी की कार्रवाई के बाद समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के आधार पर डिटेल रिपोर्ट तलब की है। मनरेगा आयुक्त की ओर से 24 पन्नों की रिपोर्ट में खूंटी और चतरा के डीसी के तौर पर पूजा सिंघल के कार्यों और इस दौरान हुए घोटालों की डिटेल रिपोर्ट तैयार कर ली गई है।

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माइंस डिपार्टमेंट  में पूजा सिंघल के कार्यकाल के दौरान आरोप अवश्य लगे हैं लेकिन किसी घोटाले की बात सामने नहीं आई है। इस कारण स्टेट गवर्नमेंट भी ईडी की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। ईडी की जांच पूरी होने के बाद आगे उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की जायेगी। वर्तमान में ग्रामीण विकास विभाग की रिपोर्ट ही सेंट्रल गवर्नमेंट को भेजी जा रही है।

इंजीनियर डिसमिस, डीडीसी के पेंशन में कटौती, पूजा सिंघल बच गयी
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को भेजी जा रही रिपोर्ट में स्टेट गवर्नमेंट की ओर से  उल्लेख किया गया है कि खूंटी और चतरा में डीसी रहने के दौरान मनरेगा घोटाले हुए जिसमें उन्हें आरोपित बनाकर जांच भी हुई। आरोप है कि उनके द्वारा वित्तीय अनियमितताएं भी की गईं। दोनों जिलों में इससे संबंधित मामलों में इंजीनियर से लेकर अन्य अफसर भी शामिल रहे। खूंटी में मनरेगा घोटाले के अभियुक्तों में से एक इंजीनियर रामविनोद सिन्हा को डिसमिस कर दिया गया व अन्य सस्पेंड हुए। पूरे मामले में 16 FIR दर्ज की गई। 18 करोड़ की अनियमितता के मामले भी सामने आये। इस प्रकरण में पूजा सिंघल को एपी सिंह के नेतृत्व में बनी जांच कमेटी ने निर्दोष करार दिया था।

केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग को भेजी जा रही रिपोर्ट यह उल्लेख है कि चतरा में तत्कालीन डीसी पूजा सिंघल के साथ-साथ चतरा के तत्कालीन डीडीसी और डीआरडीए निदेशक भी मनरेगा घोटाले के आरोपित रहे थे। यहां गैर सरकारी संस्थानों को 6.5 करोड़ रुपये देने का घोटाला हुआ था। दो एनजीओ को पैसे दिये गये थे जिन्होंने न तो काम किया और न ही सरकार के पैसे लौटाये। इस मामले में तत्कालीन डीडीसी अलोइस लकड़ा के पेंशन से राशि की कटौती की जा रही है। लेकिन पूजा सिंघल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। 24 पन्नों की रिपोर्ट के साथ स्टेट गवर्नमेंट की ओर से मनरेगा घोटालों से संबंधित कागजात भी सेंट्रल गवर्नमेंट को भेजी जा रही है।