झारखंड: छह सालों बाद बनी स्टेट कांग्रेस की 161 सदस्यीय जंबोजेट कमेटी, विवाद शुरु, तीन सेकरटेरी ने दिया इस्तीफा

झारखंड में छह सालों के बाद स्टेट कांग्रेस कमिटी का गठन किया गया है। 161 सदस्यीय जंबोजेट कमेटी का विरोध शुरु हो गया है। तीन सेकरेटी ने प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर पर गंभीर आरोप लगाते हुए पद से इस्तीफा दे दिया है।

झारखंड: छह सालों बाद बनी स्टेट कांग्रेस की 161 सदस्यीय जंबोजेट कमेटी, विवाद शुरु, तीन सेकरटेरी ने दिया इस्तीफा
  • मात्र दो एमएलए को मिली जगह

रांची। झारखंड में छह सालों के बाद स्टेट कांग्रेस कमिटी का गठन किया गया है। 161 सदस्यीय जंबोजेट कमेटी का विरोध शुरु हो गया है। तीन सेकरेटी ने प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर पर गंभीर आरोप लगाते हुए पद से इस्तीफा दे दिया है।

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आरोप लगा रहे है कि प्रदेश अध्यक्ष ने अपने मताबित कमेटी में पदाधिकारियों को जगह दिलवाया है। सीनीयर को जूनियर व जूनियर को सीनीयर पोस्ट दे दिया गया है। पार्टी विरोधी कार्य करने वाले, प्रदेश प्रभारी का खिलाफत करने वाले नेताओं को भी महत्वपूर्ण पदों से नावाजा गया है। स्टेट कमेटी में 11 उपाध्यक्ष,35 जनरल सेक्रेटरी, 82 सेक्रेटरी बनाये गये हैं। कांग्रेस वर्किंग कमिटी में 33 नेताओं को स्थान दिया गया है।36 लोगों को आमंत्रित सदस्य के रूप में वर्किंग कमिटी में स्थान दिया गया हैं।  झारखंड में कांग्रेस ने पहली बार राजनीतिक मामले की 26 सदस्यीय समिति का भी गठन किया है।

झारखंड कांग्रेस ने लगभग छह सालों बाद प्रदेश कमेटी का गठन किया है। इससे पहले 2016 में झारखंड कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कमेटी बनायी थी। हालांकि एक साल के अंदर ही नवंबर 2017 में इस कमेटी को भंग कर दिया गया। इसके बाद कांग्रेस के अध्यक्ष भी बदले। सुखदेव भगत के बाद डॉ अजय कुमार और फिर डॉ रामेश्वर उरांव प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने लेकिन दोनों अपने कार्यकाल के दौरान प्रदेश कमेटी का गठन नहीं कर पाए। छह साल बादकांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश कमेटी, कार्यकारिणी और पहली बार राजनीतिक मामलों की कमेटी का गठन किया गया है।

प्रदेश कमेटी गठन का मुख्य उद्देश्य पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरना है। कार्यकारिणी और राजनीतिक मामलों की कमेटी में प्रदेश वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ आम कार्यकर्ताओं को भी जगह मिली है। कोशिश की गयी कि इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश बढ़े और वे संगठन की मजबूती के लिए काफी जी-जान से काम करेंगे। इसके उलट पार्टी के अंदर बगावत शुरू हो गई है।

झारखंड कांग्रेस के नवनियुक्त सचिव मयूर शेखर झा,साधु शरण गोप व सुनील सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इन नेताओं ने प्रदेश सचिव के पद को अपने लिए तौहीन माना है।मयूर शेखर झा ने कहा है कि मुझे झारखंड प्रदेश कांग्रेस में पद दिया गया था। मैं तहेदिल से इंचार्ज अविनाश पांडेय जी को धन्यवाद देता हूं। लेकिन श्री राजेश ठाकुर के राजनैतिक करप्ट और बिकाऊ नेतृत्व में काम करने की इजाजत मुझे नहीं देता।

781 वोट लाने वाले जिला अध्यक्ष और 1116 वोट लाने वाले प्रदेश अध्यक्ष 

सचिव पद से इस्तीफा देने वाले साधुशरण गोप ने अपने इस्तीफे में लिखा कि वे बोकारो विधानसभा में 781 वोट लाने वाले जिला अध्यक्ष और 1116 वोट लाने वाले प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में काम नहीं कर सकते। इसलिए वे प्रदेश सचिव पद से इस्तीफा दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि स्टेट कमेटी का विरोध ये भी है कि पार्टी के कई कार्यकर्ता ऐसे हैं जो सालों से पार्टी से जुड़े हुए हैं, उन्हें किसी भी कमेटी में कोई स्थान नहीं मिला हैं। वहीं पार्टी एक नेता को कई जिम्मेदारी सौंपे जा रही है।आरोप है कि प्रदेश अध्यक्ष धनबाद लोकसभा से चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं। इसे देखते हुए धनबाद व बोकारो से ज्यादा लोगों को स्टेट कमेटी में जगह मिली है। 

मात्र दो एमएलए को कमेटी मे मिली जगह

कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी समेत राजनीतिक मामलों की कमेटी में कांग्रेस कोटे के चारों मंत्रियों के अलावा सिर्फ दो एमएलए प्रदीप यादव और दीपिका पांडेय सिंह को जगह मिली है। कांग्रेस में पांच महिला विधायक हैं, मगर, सिर्फ एक ही महिला विधायक को इस कमेटी में जगह मिली है।