जम्मू-कश्मीर:उरी में पकड़ाये आतंकी ने अपनी मां को भेजा संदेश- बहुत अच्छी है इंडियन आर्मी

म्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में एक लाइव एनकाउंटर के दौरान इंडियन आर्मी द्वारा जिंदा पकड़े गये पाकिस्तानी आतंकवादी बाबर अली पात्रा ने ने पड़ोसी देश में अपने आकाओं से उसे उसकी मां के पास वापस ले जाने के लिए कहा है। पाकिस्तान के युवा आतंकवादी अली बाबर पात्रा ने बुधवार को आर्मी द्वारा जारी एक वीडियो संदेश में कहा कि  मैं लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एरिया कमांडर, आईएसआई और पाकिस्तानी आर्मी से मुझे मेरी मां के पास वापस ले जाने की अपील करता हूं। उन्होंने ही मुझे यहां (इंडिया) भेजा था।

जम्मू-कश्मीर:उरी में पकड़ाये आतंकी ने अपनी मां को भेजा संदेश- बहुत अच्छी है इंडियन आर्मी
आतंकी अली बाबर पात्रा।
  • कश्मीर के बारे में झूठ बोलता है पाकिस्तान

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में एक लाइव एनकाउंटर के दौरान इंडियन आर्मी द्वारा जिंदा पकड़े गये पाकिस्तानी आतंकवादी बाबर अली पात्रा ने ने पड़ोसी देश में अपने आकाओं से उसे उसकी मां के पास वापस ले जाने के लिए कहा है। पाकिस्तान के युवा आतंकवादी अली बाबर पात्रा ने बुधवार को आर्मी द्वारा जारी एक वीडियो संदेश में कहा कि  मैं लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एरिया कमांडर, आईएसआई और पाकिस्तानी आर्मी से मुझे मेरी मां के पास वापस ले जाने की अपील करता हूं। उन्होंने ही मुझे यहां (इंडिया) भेजा था।

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आर्मी 26 सितंबर को उरी सेक्टर में एक लाइव एनकाउंटर के दौरान आतंकी पात्रा को उस समय अरेस्ट किया था, जब उसने अपनी जान बख्शने की गुहार लगाई थी। वीडियो संदेश में पात्रा ने कहा कि पाकिस्तानी आर्मी, आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा कश्मीर की स्थिति के बारे में झूठ फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें बताया गया था कि इंडियन आर्णी रक्तपात कर रही है, लेकिन यहां सब कुछ शांतिपूर्ण है। मैं अपनी मां को बताना चाहता हूं कि इंडियन आर्मी ने मेरी अच्छी देखभाल की है

उसने यह भी कहा कि इंडियन आर्मी के अफसरों और जवानों का उस कैंप का दौरा करने वाले स्थानीय लोगों के साथ व्यवहार बहुत अच्छा था जहां उन्हें रखा गया था। पात्रा ने कहा कि मैं लाउडस्पीकर पर दिन में पांच बार अजान सुन सकता हूं। इंडियन आर्मी का व्यवहार पाकिस्तानी आर्मी के बिल्कुल विपरीत है। इससे मुझे लगता है कि कश्मीर में शांति है। पात्रा ने कहा कि इसके विपरीत, वे हमें यहां भेजने के लिए पाकिस्तानी कश्मीर में हमारी लाचारी का फायदा उठाते हैं।

आतंकी रैंकों में अपनी शुरुआत का विवरण देते हुए, पात्रा ने कहा कि उसने सात साल पहले अपने पिता को खो दिया था।आर्थिक तंगी के कारण उसे स्कूल छोड़ना पड़ा था। मैंने सियालकोट में एक कपड़ा कारखाने में नौकरी की, जहां मैं अनस से मिला, जो लश्कर-ए-तैयबा के लिए लोगों की भर्ती करता था। मेरी आर्थिक स्थिति के कारण, मैं उसके साथ गया। उसने मुझे 20 हजार  रुपये का भुगतान किया। बाद में 30 हजार रुपये का भुगतान करने का वादा किया। पात्रा ने कैंप खैबर डेलीहबीबुल्लाह में पाकिस्तानी आर्मी और आईएसआई के साथ अपने आर्म्स के ट्रेनिंग का विवरण भी साझा किया।