जम्मू-कश्मीर: आतंक के डॉक्टर सैफुल्लाह का खात्मा, छह महीने पहले बना था हिज्बुल मुजाहिद्दीन का चीफ कमांडर

सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में आतंक का डॉक्टर कहा जाने वाला हिज्बुल मुजाहिद्दीन का चीफ कमांडर सैफुल्लाह मीर उर्फ गाजी हैदर का रविवार को खात्मा कर बड़ी सफलता हासिल की है। बुरहान वानी का साथी रहा  सैफुल्लाह को छह महीने पहले हिज्बुल का चीफ कमांडर बनाया गया था। 

जम्मू-कश्मीर: आतंक के डॉक्टर सैफुल्लाह का खात्मा, छह महीने पहले बना था हिज्बुल मुजाहिद्दीन का चीफ कमांडर
हिज्बुल चीफ कमांडर सैफुल्लाह मीर का अंत।
  • बुरहान वानी का साथी रह चुका था सैफुल्लाह

श्रीनगर। सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में आतंक का डॉक्टर कहा जाने वाला हिज्बुल मुजाहिद्दीन का चीफ कमांडर सैफुल्लाह मीर उर्फ गाजी हैदर का रविवार को खात्मा कर बड़ी सफलता हासिल की है। बुरहान वानी का साथी रहा  सैफुल्लाह को छह महीने पहले हिज्बुल का चीफ कमांडर बनाया गया था। 

वर्ष 2020 में अब तक 200 से ज्यादा आतंक  मारे गये

सुरक्षा बलों ने वर्ष 2020 की जनवरी से अभी तक सुरक्षा बलों ने 200 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया है। इसमें दर्जन भर टॉप कमांडरों समेत हिज्बुल मुजाहिदीन के दो ऑपरेशनल चीफ शामिल हैं।डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि इस साल अब तक 200 से ज्यादा आतंकियों को ढेर कर दिया गया है। इसमें से 190 आतंकवादी सिर्फ कश्मीर में ही मारे गये हैं। सुरक्षाबलों ने ईद के बाआतंकियों के खिलाफ अपने ऑपरेशंस में तेजी लाया है। जम्मू-कश्मीर में जून महीने में मात्र 15 दिनों के भीतर 22 आतंकवादियों को ढेर किया गया था। इनमें से आठ टॉप कमांडर शामिल थे। कुलगाम में इस्लामिक स्टेट जम्मू-कश्मीर के कमांडर आदिल अहमद वानी और लश्कर-ए-तैयबा के शाहीन अहमद ठोकर को मारा गया था। इसके बाद कुलगाम के वानपोरा इलाके में हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर परवेज अहमद और जैश-ए-मोहम्मद के टॉप कमांडर शाकिर अहमद को सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में मार गिराया। 

सैफुल्लाह मीर ने स्कूल के बाद व्यावसायिक प्रशिक्षण का विकल्प चुना उसने पुलवामा में सरकार द्वारा संचालित आईटीआई में बायो मेडिकल कोर्स किया। इसके बाद एक तकनीशियन के रूप में श्रीनगर के राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान में नौकरी हासिल कर ली। तीन साल तक नौकरी करने के बाद मीर फिर आतंक की राह पर चल पड़ा। मीर के बारे में कहा जाता है कि रियाज नाइकू के नेटवर्क से पूरी वह तरह परिचित था। ऑर्चर्ड मालिकों से धन जुटाने और दक्षिण कश्मीर में अफीम की अवैध खेती से धन प्राप्त करने के लिए गतिविधियां करता था।सैफुल्लाह आतंकी बुरहान वानी के 12 आतंकियों की टीम में भी शामिल था। कश्मीर में सुरक्षाबलों पर हमले की योजना बनाता था। वह कश्मीर में फलों के बाग, अफीम की खेती करने वालों से आतंकवाद के नाम पर पैसों की उगाही भी करता था। वह एनकाउंटर में घायल होने वाले आतंकियों का इलाज करता था। जिससे उसका नाम डॉक्टर पड़ गया था। 

टेरर टैक्स वूसली का काम
पिछले साल सैफुल्लाह ने कश्मीर में एक नया तरीका शुरू किया था। जिसमें उसने घाटी में फलों का व्यापार करने वाले बाग मालिकों से पैसों की उगाही शुरू की थी। इन पैसों से आतंकियों की फंडिंग की जाती थी।पंजाब में जिस ड्रग नेटवर्क का खुलासा हुआ था, उसके पैसे सैफुल्लाह तक पहुंचने वाले थे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि सैफुल्लाह ने हिजबुल को पैसों के मामले में काफी मजबूत करने का काम शुरू कर दिया था। इन पैसों से युवाओं को पैसे देकर आतंकवाद के रास्ते पर लाने का काम किया जाता था।

दर्जनों हमलों में था शामिल
सैफुल्लाह ने कश्मीर में इस साल सुरक्षाबलों के काफिले पर लगभग एक दर्जन हमले किए थे। सैफुल्लाह कश्मीर के नौगाम में हुए आतंकी हमले का मुख्य साजिशकर्ता था। इस हमले में दो सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे। इसके अलावा सैफुल्लाह पंजाब के रास्ते आतंकियों के ड्रग रैकेट को संचालन करने में मुख्य भूमिका निभा रहा था।हिजबुल का कमांडर सैफुल्लाह उर्फ डॉक्टर उर्फ गाजी हैदर ए+ श्रेणी का आतंकी था। जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने सैफुल्लाह के मारे जाने को बड़ी सफलता बताया है। सैफुल्लाह घाटी में रियाज नायकू के बाद हिज्बुल की कमान को संभाले हुए था। नायकू की मौत के बाद उसे चीफ बनाया गया था। उसके पीछे कारण यह था कि वह नायकू का काफी करीबी था। सैफुल्लाह सीधे हिजबुल चीफ सैयद सलाहुद्दीन के संपर्क में था।