IPS अफसर वाई. पूरन कुमार सुसाइड केस हरियाणा: अब SIT करेगी जांच, IG पुष्पेंद्र कुमार लीड करेंगे टीम; छह अफसर शामिल

हरियाणा के IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने 6 सदस्यीय SIT गठित की है। IG पुष्पेंद्र कुमार टीम का नेतृत्व करेंगे। DGP शत्रुजीत कपूर सहित 14 अधिकारियों पर FIR दर्ज।

IPS अफसर वाई. पूरन कुमार सुसाइड केस हरियाणा: अब SIT करेगी जांच, IG पुष्पेंद्र कुमार लीड करेंगे टीम; छह अफसर शामिल
IPS अफसर वाई. पूरन कुमार (फाइल फोटो)।

  • DGP शत्रुजीत कपूर, SSP नरेंद्र बिजारणिया समेत 14 अधिकारियों पर FIR

  • SC/ST प्रतिनिधिमंडल की मांग के बाद चंडीगढ़ पुलिस की बड़ी कार्रवाई

चंडीगढ़। हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में अब जांच की बागडोर विशेष जांच दल (SIT) को सौंप दी गई है। चंडीगढ़ के आईजी पुष्पेंद्र कुमार को SIT का प्रमुख नियुक्त किया गया है। टीम में कुल छह सदस्य शामिल हैं। यह फैसला उस वक्त लिया गया जब SC/ST समुदाय के प्रतिनिधिमंडल ने चंडीगढ़ पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की।
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इससे पहले, हरियाणा DGP शत्रुजीत कपूर, रोहतक SSP नरेंद्र बिजारणिया सहित कुल 14 पुलिस अधिकारियों पर देर रात FIR दर्ज की गई थी। यह प्राथमिकी वाई. पूरन कुमार के सुसाइड नोट के आधार पर दर्ज की गई, जिसमें उन्होंने कई वरिष्ठ अधिकारियों पर मानसिक उत्पीड़न और दबाव बनाने के आरोप लगाये थे।
SIT में कौन-कौन शामिल?
DGP सागर प्रीत हुड्डा द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, सेक्टर-11 थाने में दर्ज FIR संख्या 156/2025 की जांच के लिए गठित SIT का नेतृत्व IG पुष्पेंद्र कुमार करेंगे।टीम को साक्ष्य एकत्र करने, गवाहों से पूछताछ, और कानूनी सलाह के आधार पर त्वरित, निष्पक्ष और गहन जांच के निर्देश दिये गये हैं। उनके साथ यह अधिकारी रहेंगे:
SSP (यूटी) कंवरदीप कौर

SP (सिटी) के.एम. प्रियंका

DSP (ट्रैफिक) चरणजीत सिंह विर्क

SDPO (दक्षिण) गुरगुजीत कौर

इंस्पेक्टर जयवीर सिंह राणा (SHO, सेक्टर-11)
क्या है मामला?
2001 बैच के IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार ने मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उनके पास से मिला सुसाइड नोट कई चौंकाने वाले खुलासे करता है। नोट में उन्होंने लिखा था कि उन्हें लगातार मानसिक उत्पीड़न, पेशेगत दबाव और भेदभाव का सामना करना पड़ रहा था।पूरन कुमार के परिजनों ने 15 अधिकारियों पर आरोप लगाए थे, जिनमें मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी का नाम भी शामिल था। हालांकि, प्राथमिकी में उनका नाम शामिल नहीं किया गया है।यह पहली बार है जब हरियाणा में DGP स्तर के अधिकारी सहित इतने वरिष्ठ पुलिस अफसरों पर आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।
FIR में दर्ज धाराएं
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना)

धारा 3(5) (अत्याचार निवारण से जुड़ी धाराएं)

SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(1)(R)

SC/ST समुदाय की पहल के बाद कार्रवाई

नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में पदस्थापित रेजिडेंट कमिश्नर डी. सुरेश की अगुवाई में SC/ST समुदाय के प्रतिनिधिमंडल ने चंडीगढ़ पुलिस मुख्यालय में अधिकारियों से मुलाकात की थी। उन्होंने मांग की कि इस केस की निष्पक्ष और समयबद्ध जांच हो। इसी मुलाकात के कुछ घंटे बाद ही SIT गठन का एलान कर दिया गया।
डीजीपी हुड्डा ने दिया निष्पक्ष जांच का भरोसा
डीजीपी सागर प्रीत हुड्डा ने कहा कि SIT को हर जरूरी संसाधन मुहैया कराया जाएगा ताकि केस के हर पहलू की निष्पक्ष और वैज्ञानिक जांच हो सके। उन्होंने परिजनों और प्रतिनिधिमंडल को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।
Threesocieties.com विश्लेषण
यह मामला न केवल हरियाणा पुलिस के भीतर के प्रशासनिक तनाव और सिस्टम की खामियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वरिष्ठ अफसरों के बीच जवाबदेही का संकट कितना गहरा है। SIT की जांच अब इस सवाल का जवाब देगी — क्या वाकई पूरन कुमार को सिस्टम ने आत्महत्या के लिए मजबूर किया?