धनबाद: National Lok Adalat में 54 हजार 771 वादों का निपटारा, 240 करोड़ 34 लाख की रिकवरी 

राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर शनिवार को धनबाद कोर्ट में नेशनल लोक अदालत में कुल 54 हजार 771 विवादों का निपटारा किया गया। कुल 240 करोड़ 34 लाख 19 हजार 993 रूपये की रिकवरी की गई। मौके पर पांच लोगों के बीच मुआवजा के एक करोड़ 29 लाख रुपये का भुगतान किया गया। मौके पर पांच लोगों के बीच मुआवजा के एक करोड़ 29 लाख रूपये का भुगतान किया गया।

धनबाद: National Lok Adalat में 54 हजार 771 वादों का निपटारा, 240 करोड़ 34 लाख की रिकवरी 
  • शांति समृद्धि,प्रेम और सौहार्द पाने का सबसे अच्छा मंच है लोक अदालत: प्रधान जिला जज

धनबाद। राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर शनिवार को धनबाद कोर्ट में नेशनल लोक अदालत में कुल 54 हजार 771 विवादों का निपटारा किया गया। कुल 240 करोड़ 34 लाख 19 हजार 993 रूपये की रिकवरी की गई। मौके पर पांच लोगों के बीच मुआवजा के एक करोड़ 29 लाख रुपये का भुगतान किया गया। मौके पर पांच लोगों के बीच मुआवजा के एक करोड़ 29 लाख रूपये का भुगतान किया गया।

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नेशनल लोक अदालत सुबह 10:30 बजे शुरू होकर दोपहर के 3:00 बजे तक चली। इसके पूर्व सुबह 10ः30 बजे जिला विधिक सेवा प्राधिकार के चेयरमैन सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा , फैमिली जज तौफीकुल हसन, बार अध्यक्ष अमरेंद्र सहाय, महासचिव जीतेन्द्र कुमार ने नेशनल लोक अदालत का उद्घाटन किया। दोपहर 12 बजे तक हीं 11 हजार 41 विवादों का निपटारा कर कुल एक करोड़ 35 लाख तीन हजार 600 रूपए की रिकवरी कर ली गई थी। यह तीन बजे तक 240 करोड़ तक पहुंच गई। यह साल 2022 का धनबाद में पहला लोक अदालत था। जिला विधिक सेवा प्राधिकार धनबाद के चेयरमैन सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा,फैमिली जज तौफीकुल हसन, बार अध्यक्ष अमरेंद्र सहाय, महासचिव जीतेन्द्र कुमार ने नेशनल लोक अदालत का उद्घाटन किया। 

शांति समृद्धि,प्रेम और सौहार्द पाने का सबसे अच्छा मंच है लोक अदालत: प्रधान जिला जज

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह चेयरमैन डालसा राम शर्मा ने कहा कि हमारा संविधान हर लोगों को सामाजिक,आर्थिक एवं सस्ता सुलभ न्याय की गारंटी देता है। नेशनल लोक अदालत संविधान के परिकल्पना को पूरी करने के दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से महीनों कोर्ट का चक्कर लगाने और पैसे की बर्बादी से बचा जा सकता है। इससे लोगों को मानसिक शांति भी मिलती है। इसके साथ ही प्रेम और सौहार्द आपस में फिर से बन जाते हैं। लोगों मे प्रेम. शाति, समृद्धि और समरसता बनी रहे यही इस लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य है। उन्होने कहा की लोक अदालत में किसी पक्ष की हार नहीं होती बल्कि दोनों पक्ष जीतकर जाते हैं। क्योंकि इसमें विवादों का निपटारा पक्षकारों की रजामंदी से किया जाता है। उन्होंने कहा कि 23 नवम्बर 2013 से पूरे देश में नेशनल लोक अदालत का आयोजन हर तीन माह मे किया जा रहा है।

बिना प्रशासनिक सहयोग के हम न्याय नहीं दिला सकते:बार एसोसिएशन के अध्यक्ष

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र सहाय ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत आम आदमी के हित के लिये लगाये जाते हैं। बिना प्रशासनिक सहयोग के हम समाज तक न्याय नहीं पहुंचा सकते। उन्होंने कहा की लोक अदालत के माध्यम से व्यापक पैमाने पर मुकदमों का निष्पादन किया जा रहा है। इसमें समय की बचत के साथ-साथ वादकारियों को विभिन्न कानूनी पचड़ों से मुक्ति मिल रही है। महासचिव जितेंद्र कुमार ने कहा कि लोक अदालत में विवादों का तत्काल निपटारा होता है। यह एक बहुत सराहनीय कार्य है। एसोसिएशन इस कार्य में हर संभव मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत एक ऐसा मंच है जहां तत्काल प्रभाव में मामला सेटेल हो जाता है और विवाद आगे नहीं बढ़ पाता।
सर्वाधिक मामले रेलवे के

नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए सिविल कोर्ट धनबाद में व्यापक इंतजाम किये गये थे। प्राधिकार के चेयरमैन सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा के निर्देश पर विवादों के निस्तारण के लिए 16 बेंच का गठन किया गया था। इसमें न्यायिक पदाधिकारी, अधिवक्ता व विभिन्न विभाग, बैंक के अधिकारी शामिल थे। अवर न्यायाधिश सह डालसा सचिव निताशा बारला ने बताया कि नेशनल लोक अदालत सुबह 10:30 बजे शुरू हुआ। नेशनल लोक अदालत मे दोपहर 12:00 बजे तक कुल 11 हजार 41 विवादों का निपटारा कर दिया गया है। वही एक करोड़ 35 लाख 3 हजार रूपए की रिकवरी कर ली गई हैं। सचिव श्रीमती बारला ने नेशनल लोक अदालत में सफल आयोजन के लिए सभी वादकारी सिविल कोर्ट कर्मचारी धनबाद बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं और विभिन्न विभाग के अधिकारियों का आभार प्रकट किया। ।

मौके पर न्यायिक पदाधिकारियों में प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय तौफीकुल हसन, अपर प्रधान न्यायाधीश फैमिली कोर्ट प्रेमलता त्रिपाठी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार श्रीवास्तव, स्वयंभू, राजीव आनंद ,राजकुमार मिश्रा ,मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुलदीप ,अवर न्यायाधीश, राजीव त्रिपाठी, रेलवे के न्यायिक दंडाधिकारी राकेश रोशन, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी श्वेता कुमारी ,विशाल माझी , मनोज कुमार इनदरबार ,शिवम चौरसिया,सफदर अली नायर ,संतोषनी मुरमुर ,निर्भय प्रकाश, पूनम कुमारी ,अभिषेक श्रीवास्तव ,स्थाई लोक अदालत के चेयरमैन पियूष कुमार सर्टिफिकेट ऑफिसर फागुनी राम डालसा के पैनल अधिवक्ता,अजय कुमार भट्ट, पंचानन सिंह, जया कुमारी, नीरज कुमार , जय राम मिश्रा , सोनिया कुमारी, संजीव कुमार सिंह, शामिल थे।
 कार्यक्रम के सफल आयोजन में डालसा सहायक ,सौरव सरकार, अरुण कुमार, संजय सिन्हा, अनुराग पांडे, अक्षय कुमार, हेमराज चौहान ,चंदन कुमार, राजेश कुमार सिंह डीपेंटी गुप्ता, गीता कुमारी, समेत अन्य का सहारनीय योगदान रहा।