Dhanbad: हिन्दी साहित्य विकास परिषद् के साहित्य उत्सव 2023 के कार्यक्रम में आयेंगे मनोज मुंतशिर

हिन्दी साहित्य विकास परिषद् धनबाद 16 अप्रैल को अपना 44वां वर्ष भव्य रूप से मनायेगा। इसमें देश के जाने - माने प्रसिद्ध गीतकार, कवि, संवाद लेखक और पटकथा लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला की प्रसिद्ध कवितायें साहित्यिक ज्ञान, मोटिवेशनल स्पीच को धनबादवासी सामने से रूबरू होंगे। मनोज मुंतशिर मुख्य वक्ता भी होंगे। हिन्दी साहित्य विकास परिषद् प्रेस कांफ्रेस में यह जानकारी दी गयी। 

Dhanbad: हिन्दी साहित्य विकास परिषद् के साहित्य उत्सव 2023 के कार्यक्रम में आयेंगे मनोज मुंतशिर

धनबाद। हिन्दी साहित्य विकास परिषद् धनबाद 16 अप्रैल को अपना 44वां वर्ष भव्य रूप से मनायेगा। इसमें देश के जाने - माने प्रसिद्ध गीतकार, कवि, संवाद लेखक और पटकथा लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला की प्रसिद्ध कवितायें साहित्यिक ज्ञान, मोटिवेशनल स्पीच को धनबादवासी सामने से रूबरू होंगे। मनोज मुंतशिर मुख्य वक्ता भी होंगे। हिन्दी साहित्य विकास परिषद् प्रेस कांफ्रेस में यह जानकारी दी गयी। 

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प्रेस कांफ्रेस में हिन्दी साहित्य विकास परिषद् के अध्यक्ष संजय आनंद, युवा सचिव राकेश आयोजन समिति के स्वागताध्यक्ष राजेश सिंह (बम्मी) उपाध्यक्ष बिरेन्द्र भगत, सदस्य दीपक संचेती,जयप्रकाश अग्रवाल आदि मुख्य रूप से मौजूद थे। परिषद् के युवा सचिव राकेश ने बताया कि साहित्य उत्सव 2023 अपने आप में एक वृहत आयोजन है.कोरोना वैश्विक महामारी के बाद शहर का सबसे बड़ा आयोजन होने जा रहा है। जिसमें हिन्दी साहित्य विकास परिषद् कार्यक्रम को लेकर जोर-शोर से जुटा हुआ है। यह आयोजन दिलीप चंचल की स्मृति में किया जा रहा है। संस्थापक दिलीप चंचल ने ही 44 वर्ष पहले हिन्दी साहित्य विकास परिषद् का गठन किया था। वे जब तक जीवित रहे कोयलांचल में हिन्दी साहित्य को बढ़ावा देने में लगे रहे। साहित्य उत्सव में अब तक कुमार विश्वास, सुरेन्द्र शर्मा, अरूण जैमिनी, प्रताप फौजदार, गोपाल दास नीरज, अंजुम रहबर, राजू श्रीवास्तव,अहसान कुरैशी जैसे बड़े नाम आ चुके हैं। मनोज मुंतशिर देश के उन नामो में आते हैं जिनकी गिनती आज प्रसिद्ध राष्ट्रवादी कवि से लेकर प्रखर वक्ता के रूप में होती है। मनोज मुंतशिर ने तेरी मिट्टी तेरे संग यारा, गलियां, तुझे भुलना तो चाहा, जाने दे, लूट गये, वो चांद कहां से लाओगी, रघुपति राघव, कैसे हुआ जैसे फिल्मी गीत लिख चुके हैं। 
अध्यक्ष संजय आनंद ने बताया हिन्दी साहित्य विकास परिषद् एक वृहद काव्य ग्रंथ का लोकार्पण करने जा रही है। जिसके लिए इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगो के लिए क्रमश: 1000, 2000 रूपये की सहयोग राशि रखी गई है। कार्यक्रम में पास के द्वारा ही प्रवेश होगा।