धनबाद: गलफरबाड़ी में कोलकाता की युवती से गैंगरेप, चार अरेस्ट, मामला सलटाने की कोशिश में पुलिस

पश्चिम बंगाल की कोलकाता की एक 26 साल की युवती के साथ गल्फ़बाड़ी ओपी एरिया में आर्म्स के बल पर चार युवकों ने गैंगरेप किया है। पीड़िता की कंपलेन पुलिस ने चारों युवकों को दबोच लिया है। एक लोकल जनप्रतिनिधि की मिलीभगत से पुलिस मामले को सलटाने में लगी है। युवती पर लिखित शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया गया है। 

धनबाद: गलफरबाड़ी में कोलकाता की युवती से गैंगरेप, चार अरेस्ट, मामला सलटाने की कोशिश में पुलिस

धनबाद। पश्चिम बंगाल की कोलकाता की एक 26 साल की युवती के साथ गल्फ़बाड़ी ओपी एरिया में आर्म्स के बल पर चार युवकों ने गैंगरेप किया है। पीड़िता की कंपलेन पुलिस ने चारों युवकों को दबोच लिया है। एक लोकल जनप्रतिनिधि की मिलीभगत से पुलिस मामले को सलटाने में लगी है। युवती पर लिखित शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया गया है। 

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बताया जाता है कि गलफरबाड़ी के एक स्टील फैक्ट्री में नौकरी दिलाने के नाम पर बुलाकर कोलकाता की युवती से चार युवकों ने शुक्रवार रात रेप किया। युवती की चीख सुनकर आसपास के लोग पहुंचे। मुखिया को घटना की जानकारी दी। मुखिया की सूचना पर गलफरबाड़ी ओपी पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने बगल के जंगल में छिपे चारों आरोहवालात हाजत में बंद कर दिया। पीड़ित युवती ने गैंगरेप की लिखित शिकायत रात में ही पुलिस से कर दी। आर्म्स के बल पर सामूहिक दुष्कर्म करने की बात पुलिस से कही है। हलांकि पुलिस ने अभी तक एफआइआर दर्ज नहीं किया है।

पुलिस ने युवती को मेडिकल जांच कराने के बजाय उसे लोकल महिला मुखिया के हवाले कर दिया। पुलिस का तर्क था कि ओपी में कोई महिला पुलिसकर्मी नहीं है। इस कारण, उसे पुलिस रात में अपने पास नहीं रख सकती थी। इधर रातभर में आरोपितों के परजनों एवं फैक्ट्री के मालिक ने ऐसा दबाव बनाया कि भयभीत होकर युवती शनिवार सुबह केस नहीं करने की बात पुलिस को लिखित देकर वापस कोलकाता लौट गई। मुखिया पर भी दबाव बनाया गया। चर्चा यह भी है कि पीड़ित युवती को पैसे देकर एफआइआर नहीं करने की बात लिखवाई गई।

चार आरोपित में दो उस स्टील फैक्ट्री के मालिक के चालक हैं। घटना के करीब 24 घंटे बाद भी पुलिस ने प्राथमिकी नहीं की है। चारों युवक अभी भी पुलिस कस्टडी में गलफरबाड़ी ओपी में हैं। इस मामले में पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में है। गलफरबाड़ी ओपी में महिला पुलिसकर्मी नहीं थी तो दूसरे थाना में उसे रखा जा सकता था। बिना मेडिकल जांच के आखिर पुलिस ने पीड़ित युवती को कैसे सिर्फ महिला मुखिया के भरोसे छोड़ दिया। इसी का फायदा दबंगों ने उठाया और युवती एफआइआर नहीं करने की बात कहकर लौटने को विवश हो गई।

यह है मामला 

गलफराबड़ी के स्टील फैक्ट्री के मालिक के ड्राइवर की कोलकाता की एक युवती से तमिलनाडु में मुलाकात हुई थी। दोनों वहां एक फैक्ट्री में काम करते थे। कोरोना काल के समय दोनों घर वापस आ गये थे। इसके बाद दोनों दोबारा तमिलनाडु नहीं जा सके। युवक वहां से आकर यहां स्टील फैक्ट्री में ड्राइवर के रूप में काम करने लगा। ड्राइवर ने शुक्रवार को नौकरी दिलाने के नाम पर उक्त युवती को कोलकाता से कुमारधुबी स्टेशन बुलाया। कंपनी के काम में विजी होने के कारण उसने अपने दूसरे ड्राइवर साथी को कुमारधुबी स्टेशन से युवती को लाने के लिए भेज दिया।

साजिश के तहत वह युवती को लेकर राजपुरा कोलियरी के जंगल में पहुंच गया। वहां पहले से उसके दो साथी इंतजार कर रहे थे। इतने में युवती का पहले वाला दोस्त, जिसने उसे बुलाया था वह भी पहुंच गया। इसके बाद चारों ने युवती के साथ रेप किया। जब युवती रोने चिल्लाने लगी तो हो शोर सुनकर लोकल लोग जुट गए। किसी ने स्थानीय मुखिया को घटना की जानकारी दे दी। मुखिया ने गलफरबाड़ी ओपी प्रभारी संजय उरांव को मोबाइल पर सूचना दी। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची और राजपुरा कोलियरी के समीप झाड़ी में छिपे चारों युवकों को दबोच लिया। युवती ने पुलिस को बताया कि उसे काम दिलाने का झांसा देकर बुलाया। आर्म्स दिखाकर सुनसान जगह पर ले जाकर चारों युवकों ने रेप किया।

गलफरबाड़ी ओपी प्रभारी संजय उरांव का कहना है कि घटना के बाद युवती काफी डरी हुई थी। स्वजनों का नाम एवं पता नहीं बता पा रही थी। अब वह लिखित शिकायत पर कार्रवाई नहीं करने की बात कर रही है। आरोपित चारों युवकों से पूछताछ की जा रही है। सीनीयर अफसर के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जायेगी।