धनबाद:झरिया पुलिस इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार सिंह सस्पेंड,आईजी प्रिया दूबे ने की कार्रवाई

विवादास्पद इंस्पेक्टर सह झरिया थानेदार प्रमोद कुमार सिंह की पहुंच व पैरवी काम नहीं आईी। पीड़ित पक्ष के साथ मारपीट व गाली-गलौज करने के आरोप में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है।जोनल आइजी प्रिया दूबे ने इंस्पेक्टर को सस्पेंड किया है। 

धनबाद:झरिया पुलिस इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार सिंह सस्पेंड,आईजी प्रिया दूबे ने की कार्रवाई

धनबाद। विवादास्पद इंस्पेक्टर सह झरिया थानेदार प्रमोद कुमार सिंह की पहुंच व पैरवी काम नहीं आईी। पीड़ित पक्ष के साथ मारपीट व गाली-गलौज करने के आरोप में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। जोनल आइजी प्रिया दूबे ने इंस्पेक्टर को सस्पेंड किया है। 

बतौर जोनल आइजी बोकारो में पोस्टिंग किये जाने के बाद प्रिया दूबे ने किसी अफसर पर पहली बार एक्शन किया है। आईजी के एक्शन से मनबढ़ू व गड़बड़ी करने वाले पुलिस अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है। बीसीसीएल की एना प्रोजेक्ट की में आउटसोर्सिंग कंपनी आरके ट्रांसपोर्ट के साइड पर न्याय मांगने गये पीड़ित परिजनों के साथ इंस्पेक्टर सह झरिया थानेदार प्रमोद कुमार सिंह गाली -गलौज करते हुए मारपीट की थी। इंस्पेक्टर की अमानवीय कुकृत्य की कंपलेन सीएम व पुलिस हेडक्वार्टर तक पहुंची थी। सीएम ने एसएसपी को मामले की जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया था। 

एसएसपी ने सिंदरी डीएसपी से करायी थी जांच

एसएसपी ने इंस्पेक्टर सह झरिया थानेदार प्रमोद कुमार सिंह पर लगे आरोपों की सिंदरी डीएसपी अजीत कुमार सिन्हा से जांच करायी। डीएसपी ने अपनी जांच में इंस्पेक्टर की कुकृत्य को आंशिक रुप बचाने की कोशिश की है। आरोप है कि डीएसपी व थानेदार के पैरवीकार पुलिस हेडक्वार्टर के एक एडीजी करते रहे हैं। आरोप है कि पूर्व में  भी इंस्पेक्टर के खिलाफ जांच में डीएसपी ने इसी तरह राहत दे दिया था।एना मामले में डीएसपी की जांच रिपोर्ट के आधार पर इंस्पेक्टर पीके सिंह के खिलाफ कार्रवाई के बदले लीपापोती की गयी। डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग शुरु कर उन्हें थानेदारी करने का मौका दे दिया गया था।

इंस्पेक्टर पर पुलिस की छवि घूमिल करने व पब्लिक को आक्रोशित करने का आरोप

बताया जाता है कि डीएसपी की जांच में इंस्पेक्टर पीके सिंह पर पुलिस की छवि घूमिल करने व पब्लिक को आक्रोशित करने का आरोप है। गंभीर आरोप के बाद जिला लेवल से इंस्पेक्टर के खिलाफ एक्शन नहीं लिये जाने पर आईजी ने नाराजगी जतायी। अंतत: आईजी ने ही इंस्पेक्टर सह झरिया थानेदार प्रमोद कुमार सिंह को लापरवही, अनुशासनहीनता व मनमाने तरीक से कार्य करने के आरोप में सस्पेंड कर दिया।आईजी ने आदेश में कहा है कि वीडीओ देखने से स्पष्ट होता है कि मात्र दो लोग नजर आ रहे हैं। इंस्पेक्टर उनके खिलाफ अपशब्द का प्रयोग कर रहे हैं। पुलिस द्वारा लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा जा रहा है। डीएसपी की जांच रिपोर्ट पर एसएसपी ने इंस्पेक्टर के खिलाफ डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग शुरु करने  का आदेश दिया था।आईजी ने एससएपी द्वारा जारी इंस्पेक्टर के खिलाफ आरोप-प्रारुप को अनुमोदित नहीं किया। मामले की गंभीरता को समझते हुए आरोप-प्रारुप को संशोधित कर इंस्पेक्टर को सस्पेंड करते हुए डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग का आदेश जारी कर दिया। 

क्या है मामला

एना प्रोजेक्ट में काम कर रही आउटसोर्सिंग कंपनी आरके ट्रांसपोर्ट के हाजिरी बाबू मोहित (26) मर्डर कर दी गयी है। मोहित की बॉडी मंगलवार गिरिडीह के निमियाघाट में मिला था। परिजनों ने न्याय व मुआवजा की मांग को लेकर बुधवार की दोपहर मोहित कुमार की बॉडी एंबुलेंस में लेकर एना आरके ट्रांसपोर्ट आउटसोर्सिंग प्रोजेक्ट पहुंचे। मृतक के आश्रित को मुआवजा देने और मोहित की मर्डर की जांच की मांग को लेकर प्रोजेक्ट में प्रोडक्शन बाधित कर दिया था। इंस्पेक्टर सह झरिया पुलिस स्टेशन ओसी पीके सिंह अतिरिक्त पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठी चार्ज कर दिया। इंस्पेक्टर परिजनों को गाली गलौज करते हुए मारपीट करते हुए धक्का देकर आउटसोर्सिंग कैंपस से बाहर कर दिया। 

लॉ एंड ऑर्डर ड्यूटी में बिना वर्दी के थे इंस्पेक्टर

एना आउटसोर्सिंग प्रोजेक्ट में पुलिस बल के साथ पहुंचे झरिया इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार सिंह बिना वर्टी के लाठी चला रहे हैं। गंदी-गंदी गालियां दे रहे थे। उनके एक्शन से लग रहा था कि वह पुलिस नहीं कंपनी के सिक्युरिटी अफसर हैं। झरिया में क्रिमिनल व दागियों पर पीके सिंह का रौब नहीं चलता है। आरोप है कि जिला बल में पहुंच के बल पर आये इंस्पेक्चर पीके सिंह का तगड़ा जुगाड़ है। कहीं भी कंपलेन हो लेकिन उनका कुछ नहीं होता है। उनका पुलिस रिकार्ड गड़बड़ है। यही कारण है कि चुनाव के समय पर थानेदार से हटा दिये गये थे लेकिन जुगाड़ के बल पर फिर झरिया में पोस्टिंग करवा लिये।