Dhanbad: जर्जर हुई बैंक मोड़ ओवरब्रिज की जल्द होगी मरम्मत, भोपाल की कंपनी से हुआ 14 करोड़ का एग्रीमेंट

कोयला राजधानी धनबाद टाउन का बैंक मोड़ ओवरब्रिज काफी जर्जर हो चुका है। बैंक मोड़ मटकुिरया होते हुए बोकारो, झरिया, सिंदरी के साथ ही आधे से अधिक धनबाद शहर की लाइफलाइन बैंक मोड़ ओवरब्रिज की मरम्मति बहुत जल्द शुरु होगी।

Dhanbad: जर्जर हुई बैंक मोड़ ओवरब्रिज की जल्द होगी मरम्मत, भोपाल की कंपनी से हुआ 14 करोड़ का एग्रीमेंट
बैंक मोड़ ओवरब्रिज जर्जर ।

धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद टाउन का बैंक मोड़ ओवरब्रिज काफी जर्जर हो चुका है। बैंक मोड़ मटकुिरया होते हुए बोकारो, झरिया, सिंदरी के साथ ही आधे से अधिक धनबाद शहर की लाइफलाइन बैंक मोड़ ओवरब्रिज की मरम्मति बहुत जल्द शुरु होगी।

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बैंक मोड़ ओवरब्रिज के निर्माण की लगभग सभी बाधाएं पार हो चुकी हैं। इस्टीमेट को लेकर पथ प्रमंडल और ब्रिज की मरम्मत करने जा रही भोपाल की कंपनी के बीच सहमति बन गई है। ओवरब्रिज मरम्मत पर 14 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। पहले यह 17 करोड़ रुपये था।
तीन माह में काम को पूरा करने का टारगेट
कंपनी की टीम धनबाद पहुंच ब्रिज का भौतिक निरीक्षण कर कार्य का आकलन की है। अब कुछ ही दिनों में काम शुरू हो जायेगा। तीन माह के अंदर ब्रिज मरम्मत का टारगेट  रखा गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मरम्मत के दौरान ओवरब्रिज पर आवागमन जारी रहेगा। यह बाधित नहीं होगा।

मरम्मत के दौरान बंद नहीं होगा ओवर ब्रिज
भोपाल की कंपनी एक तरफ से आवागमन जारी रख ब्रिज मरम्मत करेगी। इस तरह के कई ब्रिज का मरम्मत कंपनी पहले भी कर चुकी है। पहले यह बात सामने आ रही थी कि ब्रिज मरम्मत के लिए इस रास्ते को कुछ माह तक बंद करना पड़ेगा, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

ओडिशा की कंपनी ने की थी  मरम्मत कराने की सलाह
बैंक मोड़ ओवरब्रिज की खराब स्थिति को देखते हुए 30 सितंबर से चार अक्टूबर 2021 तक ओडिशा की कंसल्टेंसी कंपनी सुबुद्धि एसोसिएट ने इसकी जांच की थी। तीन दिनों तक पूरी तरह से यातायात बंद रखकर 107 टन भारी वाहन से लोड देकर ओवरब्रीज के दबाव सहने की क्षमता जांची गई थी। कंपनी ने सुझाव दिया था कि यदि सही तकनीक से रिपेयरिंग की जाए तो यह ब्रिज 20-25 तक चल सकता है। 
ब्रिज के एक्सपेंशन ज्वॉइंट बारिश की वजह से जर्जर
बैंक मोड़ ओवरब्रिज काफी जर्जर हो चुका है। जगह-जगह से रेलिंग टूट रही है। पिलर जर्जर हो चुका है। हर इसके टुकड़े टूटकर गिर रहे हैं। स्थिति यह है कि पिलर के अंदर की लोहे की जंग लगी छड़ तक दिखने लगी है। पूरे ब्रिज में घास और छोटे-छोटे पौधे उग गये हैं। आधे दर्जन से अधिक पीपल का पेड़ तक उग आया है। पिछले वर्ष जुलाई में बरसात के दौरान रे टाकीज के पास 40 से 50 फीट तक रेलिंग टूटकर गिर गई थी। ब्रिज के एक्सपेंशन ज्वाइंट बारिश की वजह से जर्जर हो चुका है। हर दिन इस सड़क से 50 हजार से अधिक छोटी-बड़ी गाड़ियों का आवागमन है। ब्रिज पर हर दिन दबाव बढ़ रहा है। ब्रिज में लगे सभी 180 बेयरिंग खराब हो चुके हैं। 150 एमएम तक डिटूमिन लेयर लगाने की जरूरत है। 20 अगस्त 1972 में बना यह ओवरब्रिज 51 वर्ष का हो चुका है।
कार्यपालक अभियंता पथ निर्माण विभाग दिनेश प्रसाद ने कहा है कि  भोपाल की कंपनी इसका मरम्मत करेगी। सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। यह कंपनी इस तरह के जर्जर ब्रिज की पहले भी मरम्मत कर चुकी है। इसलिए ट्रैफिक ब्लाक नहीं लिया जाएगा। कंपनी का कहना है कि एक तरफ का रास्ता चालू रख मरम्मत की जायेगी। एक तरफ मरम्मत होने के बाद दूसरे पर काम होगा। लगभग 14 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस पर सहमति बन गई है।