धनबाद: डीसी ने दिया सुब्रोनीता कुमारी को सम्मानित करने का निर्देश,इसरो साइबरस्पेस कंपीटीशन में मिला है ऑल इंडिया मेरिट रैंक में फस्ट 

इसरो साइबरस्पेस प्रतियोगिता - 2020 (आइसीसी-2020) के ऑल इंडिया मेरिट रैंक में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली डीएवी पब्लिक स्कूल, कोयला नगर के क्लास आठ की छात्रा सुब्रोनीता कुमारी को डीसी उमा शंकर सिंह ने सम्मानित करने का निर्देश दिया है। सुब्रोनीता को 31 अक्टूबर 2020 को सम्मानित किया जायेगा।

धनबाद: डीसी ने दिया सुब्रोनीता कुमारी को सम्मानित करने का निर्देश,इसरो साइबरस्पेस कंपीटीशन में मिला है ऑल इंडिया मेरिट रैंक में फस्ट 
सुब्रोनीता कुमारी।
  • 31 अक्तूबर को डीसी करेंगे सम्मानित 

धनबाद। इसरो साइबरस्पेस प्रतियोगिता - 2020 (आइसीसी-2020) के ऑल इंडिया मेरिट रैंक में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली डीएवी पब्लिक स्कूल, कोयला नगर के कक्षा आठ की छात्रा सुब्रोनीता कुमारी को डीसी उमा शंकर सिंह ने सम्मानित करने का निर्देश दिया है। सुब्रोनीता को 31 अक्टूबर 2020 को सम्मानित किया जायेगा।

इस संबंध में डीसी ने कहा कि इसरो साइबरस्पेस प्रतियोगिता - 2020 (आइसीसी-2020) का ऑनलाइन आयोजन जुलाई - अगस्त 2020 में किया गया था। इसमें दो लाख चार हजार 631 प्रतिभागियों ने भाग लिया था। इसमें ऑल इंडिया मेरिट रैंक में फस्ट स्थान प्राप्त कर उन्होंने धनबाद का नाम रोशन किया है। इस उपलब्धि के लिए जिला प्रशासन ने उनको प्रोत्साहित और सम्मानित करने का निर्णय लिया है। इससे निश्चित रूप से अन्य छात्र भी अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने ज्ञान को बढ़ाने का प्रयास करेंगे और वे हमारे देश के विकास में बहुत योगदान देंगे।

सुगियाडीह (इन्द्र पुरी), सरायढेला में माता प्रभा देवी और पिता महावीर दास के साथ रहने वाली सुब्रोनीता ने बताया कि उन्होंने इस प्रतियोगिता में अंतरिक्ष यान जीएसएलवी मार्क-3 का 38 सीएम ऊंचा, 12 सीएम लंबा और 6 सीएम चौड़ा प्रारूप तैयार किया। इसके द्वारा भविष्य में इंडियन आर्मी एवं साइटिस्टों को बहुत सारी एडवांस टेक्नोलॉजी से संबंधित कार्यों को पूरा करने में सहयोग मिलेगा। सेटेलाइट की सहायता से दूरदराज के इलाकों में जहां यातायात एवं संचार के सारे संसाधन काम करना बंद कर देते हैं वहां पर इस टेक्नोलॉजी से देश की सेना दुश्मनों को आसानी से ट्रैकिंग कर उनपर हमला करने में सफल एवं कारगर होगी। इससे सिविलियंस को कम से कम नुकसान होने की संभावना रहेगी। साथ ही अंतरिक्ष में इस यान से अत्याधुनिक सेवाओं का निष्पादन किया जा सकेगा।