धनबाद: CIMFR साइंटिस्ट डॉ. आदित्य राणा लौंग और काली मिर्च मिले पानी का भांप से हो गये कोरोना नेगेटिव, शेयर किया अनुभव

देश की टॉप रिसर्च इकाई में शुमार CIMFR के युवा साइंटिस्ट डॉ. आदित्य राणा ने लौंग और काली मिर्च मिले पानी का भाप लेने के बाद कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हो गये। आदित्य ने अपने अनुभव को उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। 

धनबाद: CIMFR साइंटिस्ट डॉ. आदित्य राणा लौंग और काली मिर्च मिले पानी का भांप से हो गये कोरोना नेगेटिव, शेयर किया अनुभव

धनबाद। देश की टॉप रिसर्च इकाई में शुमार CIMFR के युवा साइंटिस्ट डॉ. आदित्य राणा ने लौंग और काली मिर्च मिले पानी का भाप लेने के बाद कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हो गये।आदित्य ने अपने अनुभव को उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। 

सिंफर के ब्लास्टिंग डिपार्टमेंट के युवा साइंटिस्ट डॉ. आदित्य राणा के अनुसार दो-तीन दिनों से उनके गले में खराश हो रही थी। फिर हल्का बुखार, सूखी खांसी और शरीर की मांसपेशियों में भी हल्का सा दर्द महसूस हुआ। इंस्टीच्युट के डॉक्टर से शनिवार को मिले। उन्होंने कोविड-19 की कुछ दवाइयां सुझाव देते हुए जल्द से जल्द आरटीपीसीआर टेस्ट कराने को कहा। उन्होंने शनिवार की शाम अपनी वाइफ के साथ सैंपल भेजा। टेस्ट रिपोर्ट सोमवार को मिली जिसमें पति पत्नी दोनों नेगेटिव थे।बावजूद उनके बॉडी का ऑक्सीजन लेवल सामान्यत 99 के आसपास रहना चाहिए जो 96 हो गया था। सीने में दर्द भी हो रहा था। इसी बीच उनके ससुर अरविंद सिंह भी पॉजिटिव हो गये। ससुर का लक्षण उनके ही जैसा ही था। 
आदित्य के बड़े भाई अश्विनी राणा और अन्य जगहों से यह पता चला कि कोरोना म्यूटेशन होने के कारण आरटी पीसीआर टेस्ट नेगेटिव आ रहा है। ऐसा उनके दो-तीन दोस्तों के साथ भी हुआ है। इस बीच आदित्य राणा की बातचीत उनके किसी पुराने फ्रेंड करण यादव से हुई।
उन्होंने बताया कि उनके फैमिली के कई लोग कोरोना से संक्रमित हुए थे। एक आयुर्वेदिक आचार्य के कहने पर लौंग और काली मिर्च मिले हुए पानी की भाप तीन-चार बार पांच से 10 मिनट तक लेने से एक-दो दिनों में ही सभी नेगेटिव हो गये। डॉ आदित्य ने भी इस नुस्खे को आजमाया। इसके चमत्कारिक रिजल्ट मिले। भाप लेने के बाद उनके बॉडी से कोरोना जैसे लक्षण ठीक होने लगे। मंगलवार की शाम से अब तक चार बार लौंग और काली मिर्च मिले पानी का भाप ले चुके हैं।
भाप लेने से नासिका तंत्र साफ करने के दौरान काफी बलगम भी मुंह से निकला। रात से ही लक्षण मुक्त हो गये हैं। ऑक्सीजन का लेबल फिर से 99 हो चुका है। दूसरी ओर उनके ससुर को भी डॉक्टर ने कल शाम हॉस्पीटल में एडमिट होने का सुझाव दिया था। हॉस्पीटल में एडमिट होने के बजाय उन्होंने भी भाप लेना शुरू किया। सुबह उठने के बाद उनका ऑक्सीजन लेवल भी बढ़ गया है। चेहरे पर शांति और सुकून छा गई है।डॉ आदित्य लिखा हैकि संक्रमित व्यक्ति इस प्रक्रिया को अपनाकर देख सकते हैं। अगर किसी को इससे फायदा हो तो वह भी अपने अनुभव साझा करें। इससे आम लोगों में इस पद्धति के प्रति विश्वास और जगेगा।