देवघर त्रिकुट पहाड़ रोपवे हादसा: 44 घंटे के ऑपरेशन के बाद 46 लोग रेसक्यू, तीन लोगों की मौत  

झारखंड के बाबानगरी देवघर में त्रिकुट पहाड़ पर हुआ रोप-वे हादसे में  44 घंटे के ऑपरेशन के बाद 46 लोगों को रेसक्यू  कर लिया गया है। हालांकि तीन लोगों की मौत हो गयी है। रविवार की पूरी रात ऊपर रोप-वे पर ट्राली में फंसा एक व्यक्ति राहत दल द्वारा हेलीकाप्टर से निकाले जाने के दौरान लगभग 1500 फीट ऊपर से नीचे गहरी खाई में गिर गया। मंगलवार दोपहर भी एक व्यक्ति खाई में गिर गया।लगभग 44 घंटे के बाद देवघर में त्रिकुट पर्वत पर रोपवे में फंसे 46 लोगों को सुरक्षित नीचे उतार लिया गया।

देवघर त्रिकुट पहाड़ रोपवे हादसा: 44 घंटे के ऑपरेशन के बाद 46 लोग रेसक्यू, तीन लोगों की मौत  
देवघर। झारखंड के बाबानगरी देवघर में त्रिकुट पहाड़ पर हुआ रोप-वे हादसे में  44 घंटे के ऑपरेशन के बाद 46 लोगों को रेसक्यू  कर लिया गया है। हालांकि तीन लोगों की मौत हो गयी है। रविवार की पूरी रात ऊपर रोप-वे पर ट्राली में फंसा एक व्यक्ति राहत दल द्वारा हेलीकाप्टर से निकाले जाने के दौरान लगभग 1500 फीट ऊपर से नीचे गहरी खाई में गिर गया। मंगलवार दोपहर भी एक व्यक्ति खाई में गिर गया।लगभग 44 घंटे के बाद देवघर में त्रिकुट पर्वत पर रोपवे में फंसे 46 लोगों को सुरक्षित नीचे उतार लिया गया।

केबिन नंबर सात में फंसे छठी लाल साह को निकालने के बाद दोपहर 12 बजकर 55 मिनट पर अभियान समाप्ति की घोषणा की गई। दो दिनों तक चले इस ऑपरेशन में इंडियन एयर फोर्स, आइटीबीपी और एनडीआरएफ की टीम ने जहां 46 लोगों की जान बचाई, वहां जिंदगी के करीब आकर भी दो लोगों का साथ छूट गया। वहीं इस पूरे हादसे में तीन लोगों ने अपनी जान गंवा दी।

46 लोगों को मिली नयी जिंदगी
 देवघर स्थित त्रिकूट पहाड़ रोपवे हादसे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए तीसरे दिन मंगलवार को सुबह से ही ऑपरेशन जारी था। एयरफोर्स द्वारा हेलीकॉप्टर से ट्रॉली में फंसे लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा था। महिला समेत 13 को सुरक्षित निकालने की जद्दोजहद की जा रही थी। इसी दौरान एक महिला एयरलिफ्ट करने के दौरान नीचे गिर गयी, जिससे उसकी मौत हो गयी। अन्य 12 लोगों को आर्मी के जवानों ने सुरक्षित निकाल लिया। इस तरह तीन दिनों में हवा में लटके 46 लोगों को आर्मी ने नयी जिंदगी दी है।

मौत से आक्रोश, रोड जाम
देवघर के त्रिकूट पहाड़ रोपवे हादसे में दो महिलाएं एवं एक पुरुष समेत तीन लोगों की मौत हुई है। एयरलिफ्ट के दौरान एक पुरुष व एक महिला की नीचे गिर जाने से मौत हो गयी।राकेश के परिजनों ने त्रिकुट पहाड़ जाने के चौराहे को जाम कर दिया था।एयरलिफ्ट के दौरान हेलीकॉप्टर में घुसने से पहले एक सेफ्टी बेल्ट खुल जाने के कारण एक युवक 860 फीट खाई में गिर गया था, जिससे उसकी मौत हो गयी थी। मृतक राकेश मंडल (36 वर्ष) दुमका जिले के सरैयाहाट थाना क्षेत्र के ककनी गांव का रहनेवाला था। वह शिकारीपाड़ा में रोजगार सेवक के पद पर कार्यरत था।मंगलवार को एक महिला एयरलिफ्ट करने के दौरान नीचे खाई में गिर गयी, जिससे उसकी मौत हो गयी।

त्रिकुट पहाड़ पर ऐसे हुआ था रोपवे हादसा

त्रिकूट पहाड़ रोपवे में रविवार (10 अप्रैल) की शाम 4:30 बजे रोपवे जैसे ही डाउन स्टेशन से चालू हुआ था कि पहाड़ की चोटी पर स्थित रोपवे के यूटीपी स्टेशन का रोलर अचानक टूट गया। इसके बाद रोपवे की 23 ट्रॉलियां सात फीट नीचे लटक गयीं। वहीं, सबसे पहले ऊपर की एक ट्रॉली 40 फीट नीचे खाई में गिर गयी। इसमें पांच लोग सवार थे। लोकल लोगों और रोपवे कर्मियों ने मिलकर उस ट्रॉली में फंसे पांच लोगों को बाहर निकाला। सबसे नीचे की दो ट्रॉलियां पत्थर से जोरदार ढंग से टकरा गयी थीं। इन दोनों ट्रॉलियों में सवार सभी लोग बुरी तरह घायल हो गये थे। इस हादसे में सारठ की रहनेवाली सुमंती देवी (पति स्व राजकुमार पुजहर) की मौत हो गयी थी। छठी लाल साह से पहले इनकी पत्‍नी शोभा देवी को रेस्‍क्‍यू करने के क्रम में वह डेढ़ हजार फीट नीचे खाई में गिर गईं। गंभीर अवस्‍था में उन्‍हें सदर अस्‍पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने मौत की पुष्टि की।
बताया जाता है कि ऊपर खींचते समय शोभा देवी से बंधी रस्‍सी का हुंक केबिन के गेट में फंस गया था। कमांडो इसे निकालने का प्रयास कर रहा था, लेकिन तभी रस्‍सी टूट गई और महिला डेढ़ हजार फीट नीचे जमीन पर जा गिरीं। सभी लोगों को निकालने के बाद ड्रोन कैमरे से दोबारा चेक किए गए सभी 12 केबिन: रोपवे में फंसे छठी लाल साह को निकाले जाने के बाद एक बार फिर सभी 12 केबिन को ड्रोन कैमरे की मदद से चेक किया गया। पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही ऑपरेशन समाप्ति की घोषणा की गई। इंडियन एयरफोर्स के दो हेलीकॉप्टर Mi 17 और Mi-17 V5 मंगलवार को सुबह से बचाव अभियान में जुटे थे।
 सोमवार को रेसक्यू किये गये थे 33 लोग
सोमवार की शाम तक चले रेस्क्यू आपरेशन के बाद 32 पर्यटकों को सकुशल निकाल लिया गया था। वहीं दुमका के शिकारीपाड़ा प्रखंड निवासी रोजगार सेवक रमेश कुमार मंडल सेफ्टी बेल्ट खुल जाने से करीब डेढ़ हजार फीट नीचे गिर गए। शाम 5:50 पर जब राकेश को निकाला जा रहा था, उस समय वह हेलीकाप्टर तक पहुंच चुके थे, लेकिन इस बीच उनका हाथ आर्मी जवान के हाथ से छूट गया और वह गहरी खाई में जा गिरे। इस हादसे के बाद व अंधेरा हो जाने की वजह से कल आपरेशन रोक दिया गया था। 13 पर्यटकों को इसके बाद दूसरी रात भी खौफ के साये में गुजारनी पड़ी।
हादसे की होगी उच्चस्तरीय जांच
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देवघर जिला स्थित त्रिकूट पर्वत के रोपवे का तार टूटने से हुए हादसे पर गहरा दुख जताया है। सीएम ने कहा है कि रोपवे हादसा रेस्क्यू पूरा कर लिया गया है। इंडियन आर्मी के जवानों को उन्होंने बधाई दी है। रेस्क्यू के दौरान तीन लोगों की मौत को भी उन्होंने दुखद बताया है। उन्होंने कहा है कि घटना की उच्चस्तरीय जांच करायी जायेगी। त्रिकूट पहाड़ पर हुई घटना और इसमें हुई मौतों पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। सीएम ने कहा है कि इस हादसे के जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी। 
पीएम मोदी भी ले रहे थे बचाव अभियान का अपडेट
 हादसे पर पीएम नरेंद्र मोदी भी नजर बनाए हुए थे। उन्होंने होम मिनिस्टर अमित शाह से भी इस मामले की जानकारी ली थी। रोपवे हादसे के बाद फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए सरकार ने आईटीबीपी के जवानों और इंडियन एयर फोर्स को लगाया था। इसके अलावा नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स को भी इसमें तैनात किया गया था।
 हाईकोर्ट ने झारखंड सरकार से मांगी रिपोर्ट
झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने देवघर में रोपवे हादसे पर स्वतः संज्ञान लिया है। अदालत ने झारखंड सरकार से पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट मीडिया में आई खबरों पर स्वतः संज्ञान लिया है।कोर्ट  ने कहा कि वर्ष 2009 में इस तरह की गड़बड़ी हुई थी। लेकिन उससे सबक नहीं लिया गया और दोबारा घटना हुई है। कोर्ट ने इस मामले की जांच रिपोर्ट 25 अप्रैल तक अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है। इस दौरान झारखंड सरकार की ओर महाधिवक्ता ने कहा कि मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिये गये है।