धर्मांतरण के लिए करोड़ों की विदेशी फंडिंग! छांगुर बाबा गैंग पर एटीएस का बड़ा खुलासा, छह आरोपियों पर चार्जशीट
उत्तर प्रदेश एटीएस ने अवैध धर्मांतरण के मामले में छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन और उसके साथियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। जांच में करोड़ों की विदेशी फंडिंग, प्रॉपर्टी और हजारों लोगों की संलिप्तता का खुलासा हुआ है।

लखनऊ। अवैध धर्मांतरण के मामले में उत्तर प्रदेश एटीएस ने बड़ा खुलासा किया है। एटीएस ने धर्मांतरण के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी करीबी नीतू उर्फ परवीन, नवीन रोहरा, सबरोज, सहाबुद्दीन और महबूब के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है।
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चार्जशीट में दर्ज तथ्यों के अनुसार, छांगुर बाबा का नेटवर्क लखनऊ से लेकर मुंबई तक फैला हुआ था, जो धार्मिक रूपांतरण के लिए विदेशी फंडिंग का इस्तेमाल कर रहा था। एटीएस की जांच में यह भी सामने आया कि नीतू और नवीन रोहरा के बैंक खातों में विदेशों से करोड़ों रुपये जमा किए गए, जिनका उपयोग धर्मांतरण की गतिविधियों में किया गया।
चार्जशीट में बलरामपुर कोर्ट में कार्यरत अधिकारी राजेश उपाध्याय का नाम भी शामिल है। एटीएस ने बताया कि छांगुर बाबा और उसके गिरोह ने लंबे समय से धार्मिक रूपांतरण के नाम पर विदेशी फंडिंग के जरिए अवैध सम्पत्ति अर्जित की थी।
ईडी और एसटीएफ की जांच में नये खुलासे
पिछले साल एसटीएफ ने छांगुर बाबा की करतूतों के ठोस साक्ष्य जुटाए थे। इसके आधार पर छांगुर बाबा, उसका बेटा महबूब, नवीन रोहरा, नीतू उर्फ परवीन, सबरोज और सहाबुद्दीन समेत कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। बाद में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने भी जांच में शामिल होकर छांगुर बाबा, नीतू और नवीन की कई संपत्तियों को चिन्हित कर जब्त किया था।
विदेशी फंडिंग से खड़ी की 300 करोड़ की संपत्ति
जांच में सामने आया है कि छांगुर बाबा का धर्मांतरण का साम्राज्य 300 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का मालिक है। उसके नेटवर्क में तीन हजार से ज्यादा लोग शामिल थे, जिनमें से करीब 400 लोग सीधे तौर पर इस गिरोह के लिए काम करते थे। फंडिंग के स्रोत पाकिस्तान, दुबई, कनाडा, नेपाल और सऊदी अरब जैसे देशों से जुड़े हुए पाये गये हैं। इन देशों से धनराशि हवाला और अन्य माध्यमों से भारत लाई जाती थी, जिसका उपयोग धर्मांतरण और संगठन विस्तार के लिए किया जाता था।
शासन की कड़ी निगरानी
राज्य सरकार ने इस पूरे मामले पर विशेष ध्यान दिया था। मुख्यमंत्री स्तर पर प्रतिदिन जांच एजेंसियों की प्रगति रिपोर्ट ली जा रही थी। बलरामपुर पुलिस, एटीएस और एसटीएफ ने मिलकर जांच रिपोर्ट तैयार की और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज पेश किए।अब एटीएस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है और तीन अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
निष्कर्ष
छांगुर बाबा धर्मांतरण गिरोह का मामला अब देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। विदेशी फंडिंग, हवाला नेटवर्क और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत के इस जाल ने उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था और जांच एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है।