छत्तीसगढ़: मां और बच्चे को पालकी में बिठाकर छह किलोमीटर दूर एंबुलेंस तक पहुंचाया, नहीं है रोड

रोड नहीं  रहने के कारण छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में एक बीमार महिला और उसके बीमार बच्चे को अस्पताल पहुंचाना मुश्किल हो गया था। परिजनों ने मां व बच्चे को बड़ी टोकरी में डालकर बांस के टुकड़े पर लादकर एंबुलेंस के लिए रोड तक पहुंचाया। पैदल का ये रास्ता महिला के परिजनों ने छह किलोमीटर से अधिक दूरी तय किया।

छत्तीसगढ़: मां और बच्चे को पालकी में बिठाकर छह किलोमीटर दूर एंबुलेंस तक पहुंचाया, नहीं है रोड

रायपुर। रोड नहीं  रहने के कारण छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में एक बीमार महिला और उसके बीमार बच्चे को अस्पताल पहुंचाना मुश्किल हो गया था। परिजनों ने मां व बच्चे को बड़ी टोकरी में डालकर बांस के टुकड़े पर लादकर एंबुलेंस के लिए रोड तक पहुंचाया। पैदल का ये रास्ता महिला के परिजनों ने छह किलोमीटर से अधिक दूरी तय किया।

परिजनों का कहना है कि घने जंगलों से घिरे ओडगी विकासखंड के बैजनाथ गांव व तक एंबुलेंस के लिए पहुंचना संभव नहीं था।क्योंकि य़े इलाका काफी ऊबड़ खाबड़ है। मानसून के दौरान, छोटे मार्ग पर नदियां बहती हैं, जिससे वाहनों के लिए मुश्किल होती है। सूरजपुर राजधानी रायपुर से लगभग 350 किलोमीटर दूर स्थित है। हालांकि घटना पर संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन ने कहा कि हमने निर्णय लिया है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना के तहत जल्द ही क्षेत्र में रोड का निर्माण होगा।

जिले के ओडगी विकासखंड के बैजनाथ गांव में  रामदासिया (22) नामक महिला ने अगस्त महीने की शुरुआत में एक बच्चे को जन्म दिया था। बच्चा तब से वह अस्वस्थ था। बच्चे की 24 अगस्त सोमवार को हालत बिगड़ गई। घरवालों ने लोकल  स्वास्थ्य केंद्र को सूचित किया। रामदासिया और बच्चे को टोकरी में  एक बांस से लटका दिया। दो लोग बांस की छड़ी को दोनों सिरों से पकड़ कर ऊपर पकड़ा। खोहिर गांव में खड़ी एम्बुलेंस तक पहुंचाया।