Chandra Grahan 2023 : वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण आज, चार घंटे 15 मिनट 34 सेकंड तक रहेगा

वर्ष 2023 का पहला चंद्रग्रहण पांच मई को लग रहा है। यह चंद्र ग्रहण भारतीय समय के अनुसार पांच मई को रात आठ बजकर 44 मिनट से शुरू हो जायेगा। जो आधी रात को यानी एक बजकर एक मिनट तक चलेगा। ग्रहण का उच्चतम काल रात 10 बजकर 52 मिनट पर होगा। द्रिक पंचांग के अनुसार यह चंद्र ग्रहण चार घंटे 15 मिनट 34 सेकंड तक रहेगा। यह ग्रहण यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत, अटलांटिक, के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।

Chandra Grahan 2023 : वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण आज, चार घंटे 15 मिनट 34 सेकंड तक रहेगा

नई दिल्ली। वर्ष 2023 का पहला चंद्रग्रहण पांच मई को लग रहा है। यह चंद्र ग्रहण भारतीय समय के अनुसार पांच मई को रात आठ बजकर 44 मिनट से शुरू हो जायेगा। जो आधी रात को यानी एक बजकर एक मिनट तक चलेगा। ग्रहण का उच्चतम काल रात 10 बजकर 52 मिनट पर होगा। द्रिक पंचांग के अनुसार यह चंद्र ग्रहण चार घंटे 15 मिनट 34 सेकंड तक रहेगा। यह ग्रहण यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत, अटलांटिक, के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। पांच मई का उपछाया चंद्र ग्रहण साल का दूसरा ग्रहण है, लगभग 35 दिनों की अवधि जिसके दौरान कम सेकम दो ग्रहण होते हैं। साल का पहला ग्रहण 20 अप्रैल, 2023 को हुआ था। यह एक दुर्लभ हाइब्रिड ग्रहण था।

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भारत में सूतक काल मान्य नहीं

जब भी उपच्छाया चंद्रग्रहण लगता है तो इसको ग्रहण की श्रेणी में नहीं रखा जाता है।ऐसे में इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। सूर्य ग्रहण के होने पर ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है। जबकि चंद्र ग्रहण होने पर नौ घंटे पहले सूतक शुरू हो जाता है। सूतक काल में किसी भी तरह का शुभ काम और पूजा-पाठ नहीं किया जाता है। सूतक की समाप्ति के बाद ही सभी तरह के धार्मिक कार्य दोबारा से शुरू होते हैं।यह चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण है। इस कारण भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा।

उपच्छाया से पहला संपर्क - रात 8:45 बजे

अधिकतम ग्रहण - रात्रि 10:53 बजे पेनम्ब्रा के साथ अंतिम संपर्क - 1 AM, छह मई

पेनुमब्रल चरण की अवधि - चार घंटे 15 मिनट 34 सेकंड

चंद्र ग्रहण के दौरान कई चीजों को खाने  की मनाही होती है। हालांकि बच्चे, बीमार और बूढ़े लोग केवल एक प्रहर या 3 घंटे तक ही खानेकी मनाही होती है। इसके अलावा ग्रहण काल मेंबालों या शरीर पर तेल लगाना आदि चीजें नहीं करनी चाहिए। ग्रहण के बाद ताजा पका हुआ भोजन ही करना चाहिए। गेहूं, चावल, अन्य अनाज और अचार जैसेखाद्य पदार्थों को कुशा घास या तुलसी के पत्तेडालकर संरक्षित किया जाना चाहिए, जिन्हेंत्यागा नहीं जा सकता। ग्रहण समाप्त होनेके बाद स्नान कर प्रसाद चढ़ाना चाहिए। यह बेहद फायदेमंद माना जाता है।

ग्रहण काल मेंइन मंत्रों का करें

जापतमोमय महाभिमा सोमसूर्यविमर्दन।

हेमातरप्रदानेन मम शांतिप्रदो भव॥1॥

विधुंतुदा नमस्तुभ्यं सिंहिकानंदनच्युता।

दानेनेन नागस्य रक्षा मम वेधजद्भयात्॥2॥