कैबिनेट सेकरेटरी राजीव गौबा को मिला तीसरा एक्सटेंशन, पोस्ट पर लंबे समय तक रहने का बनेगा रिकार्ड

सेंट्रल गवर्नमेंट ने कैबिनेट सेकरेटरी राजीव गौबा का कार्यकाल एक साल के लिए और बढ़ा दिया है। गौवा का कार्यकाल 30 अगस्त को समाप्त होनेवाला था। अब वह अगस्त, 2024 तक बने रहेंगे। 

कैबिनेट सेकरेटरी राजीव गौबा को मिला तीसरा एक्सटेंशन, पोस्ट पर लंबे समय तक रहने का बनेगा रिकार्ड
कैबिनेट सेकरेटरी राजीव गौबा बनायेंगे रिकार्ड।

नई दिल्ली। सेंट्रल गवर्नमेंट ने कैबिनेट सेकरेटरी राजीव गौबा का भी कार्यकाल एक साल के लिए और बढ़ा दिया है। गौवा का कार्यकाल 30 अगस्त को समाप्त होनेवाला था। अब वह अगस्त, 2024 तक बने रहेंगे। 

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राजीव गौबा को कैबिनेट सेकरेटरी के तौर पर यह लगातार तीसरा एक्सटेंशन मिला है। अगले साल जब वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे तो देश के सबसे लंबे समय तक कैबिनेट सचिव रहनेवाले अफसर का रिकॉर्ड बना लेंगे। अब तक यह रिकॉर्ड बीपी पांडेय के नाम रहा है, जो दो नवंबर 2972 को कैबिनेट सचिव बने थे और 31 मार्च, 1977 तक पद पर बने रहे।
राजीव गौबा इससे पहले सेंट्रल होम सेकरेटरी के तौर पर भी काम कर चुके हैं। उन्हें 2019 में कैबिनेट सेकरेटरी बनाया गया था। उनका दो साल का ही कार्यकाल था, जो अगस्त 2021 में समाप्त होना था। फिर उन्हें एक साल एक्सटेंशन मिल गया था, लेकिन 2022 में एक बार फिर से एक्सटेंशन पर रुक गये। अब सरकार ने उन्हें एक और साल का एक्सटेंशन दे दिया है। इस तरह राजीव गौबा अपने कार्यकाल के अतिरिक्त लगातार तीन एक्सटेंशन पा चुके हैं।  ईडी के डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा को भी इसी तरह तीन एक्सटेंशन मिल चुके हैं, जिसका मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था।
चार साल तक एक्सटेंशन दे सकती है सरकार
सेंट्रल गवर्नमेंट के पास ऑल इंडिया सर्विसेज रूल्स के तहत अधिकार है कि वह जनहित में कैबिनेट सचिव को 4 साल तक का सेवा विस्तार दे सकती है। पंजाब में जन्मे राजीव गौबा ने पटना यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में ग्रैजुएशन किया था। वह झारखंड में कैबिनेट सेक्रेटरी भी रह चुके हैं। एकीकृत बिहार में भी कुछ समय तक काम कर चुके हैं। सेंट्रल गवर्नमेंट में भी उनके पास काम करने का लंबा अनुभव है। शहरी एवंआवास मंत्रालय के सचिव रहने के अलावा वह होम सेक्रेटरी भी रह चुके हैं।
सिख दंगों को कंट्रोल करने का कर चुके हैं काम
राजीव गौबा एक युवा अफसर के तौर पर सिख दंगों के कंट्रोल  करने का भी काम कर चुके हैं। झारखंड के आदिवासी बहुल दुमका जिले में भी वह डिप्टी डिवेलपमेंट कमिश्नर के तौर पर भी काम कर चुके हैं। बिहार के नालंदा, मुजफ्फरपुर और गया में भी वह डीएम के तौर पर कई साल तक काम कर चुके हैं।