बिहार: बांका में लोहे का पुल का 40 परसेंट हिस्सा गैस कटर से काट ले गये चोर, मामले की जांच 

बिहार में अब बांका जिले के चानन ब्लॉक स्थित कांवरिया बेली ब्रिज पुल (झाझा बांध के पास) चोरी होने का मामला सामने आया है। चोरों ने 14 साल पुराने लोहे के पुल का 40 परसेंट हिस्सा काटकर ले गये। 

बिहार: बांका में लोहे का पुल का 40 परसेंट हिस्सा गैस कटर से काट ले गये चोर, मामले की जांच 

पटना। बिहार में अब बांका जिले के चानन ब्लॉक स्थित कांवरिया बेली ब्रिज पुल (झाझा बांध के पास) चोरी होने का मामला सामने आया है। चोरों ने 14 साल पुराने लोहे के पुल का 40 परसेंट हिस्सा काटकर ले गये। 

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लोकल लोगों को जब चोरी की भनक लगी तो वे दंग रह गये। चोर रोज-रोज पुल का कुछ हिस्सा चोरी कर ले जा रहे हैं। पुल चोरी की घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। पुल के साइड और फुटपाथ का ज्यादातर हिस्सा गायब है। इस कारण अब उस पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। मीडिया में मामला सामने के बाद सीनियर अफसर ने मामले की जांच करायी है। 
गैस कटर से पुल काट ले गये चोर
लोगों का कहना है कि चोर गैस कटर से पिछले तीन महीने से लोहे को काटते रहे।  लेकिन पुलिस-प्रशासन को भनक तक नहीं लगी। उन्होंने बताया कि चोर पुल के एक साइड को गैस कटर से काटते हैं। इसके बीच की चद्दर और लोहा लेकर फरार हो जाते हैं। लगभग 40% हिस्सा काटकर चोरी कर ली गई है। हालांकि, इस मामले में अब तक किसी पंचायत प्रतिनिधि या अन्य लोगों ने पुलिस और प्रशासन को जानकारी भी नहीं दी है।
2008 में हुआ था पुल का निर्माण
कांवड़िया पथ के झाझा और पटनिया को जोड़ने वाले इस पुल का उद्घाटन 2008 में हुआ था। बाढ़ की स्थिति में श्रद्धालुओं को देवघर जाने के लिए इसी रास्ते से गुजरना पड़ता था। कावड़ियों को एक बड़े पोखर से गुजरना पड़ता था। पोखर के जलस्तर में वृद्धि होने से कई बार बड़े हादसे होते थे। लगभग 10 साल से यहां पुल निर्माण की बात चल रही थी। इसके बाद कांवड़ियों की सुविधा को देखते हुए तत्कालीन डीएम ने बेली ब्रिज के तौर पर इसका निर्माण कराया था।

पिछले तीन महीने से हो रही है चोरी
ग्रामीणों ने बताया कावड़ियों को पैदल चलने के लिए मात्र एक यही पुल था। उसके बाद जब से नये कांवड़िया पथ का निर्माण हुआ। इसके बाद बेली ब्रिज पुल पर यातायात बिल्कुल ठप पड़ गया। अब इस पुल पर चोरों की नजर पड़ गई और धीरे-धीरे चोरी करते गये। यह सिलसिला लगभग तीन महीनों से चल रहा है, लेकिन किसी ने कहीं शिकायत करने की हिम्मत नहीं की, और ना ही कोई अफसर या जनप्रतिनिधि का इस ओर ध्यान गया। जब सोशल मीडिया में यह घटना वायरल होने लगी तो अफसर मौके पर पहुंच पुल की स्थिति देखा। मामले की जांच की सीनीयर अफसरों  को रिपोर्ट भेजी है।