बिहार: कैबिनेट में तेजस्वी ने साधा MY समीकरण, JDU-कांग्रेस ने रखा जातियों का ध्यान

बिहार में महागठबंधन की नई सरकार में तेजस्वी यादव ने लालू प्रसाद के मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण को साधते हुए सभी वर्गों को प्राथमिकता दी है। कैबिनेट में पिछड़ा और अति पिछड़ा समुदाय को भी बड़ी हिस्सेदारी दी गई है। जेडीयू ने अपने कोटे से जातीय समीक्रण का ख्याल रखा है।

बिहार: कैबिनेट में तेजस्वी ने साधा MY समीकरण, JDU-कांग्रेस ने रखा जातियों का ध्यान
  • पिछड़ा और अति पिछड़ा समुदाय को भी बड़ी हिस्सेदारी 
  • कुशवाहा समुदाय के तीन, अति पिछड़े समाज से तीन व पांच मुस्लिम बने मिनिस्टर

पटना। बिहार में महागठबंधन की नई सरकार में तेजस्वी यादव ने लालू प्रसाद के मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण को साधते हुए सभी वर्गों को प्राथमिकता दी है। कैबिनेट में पिछड़ा और अति पिछड़ा समुदाय को भी बड़ी हिस्सेदारी दी गई है। जेडीयू ने अपने कोटे से जातीय समीक्रण का ख्याल रखा है। 

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सभी दलों ने जातीय समीकरण का रखा ख्याल

नीतीश कैबिनेट में  कुशवाहा समुदाय के तीन और अति पिछड़े समाज से तीन मंत्री बने हैं l सभी दलों ने अल्पसंख्यक समुदाय में मुस्लिमों पर बड़ा दांव लगाया है। कुल पांच मुस्लिम मिनिस्र बनाये गये हैं। कैबिनेट में सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम  तेजस्वी यादव को जोड़कर कुल 33 मिनिस्टर शामिल हैं। नीतीश कुमार ने कैबिनेट में सभी दलों ने जातीय समीकरण का भी पूरा ध्यान रखा है। कोशिश की गई है कि हर जाति को मंत्रिमंडल में जगह मिले। विशेषकर आरजेडी व जेडीयू की ओर से इसका ध्यान रखा गया है। इन दोनों दलों से जितने भी मिनिस्टर बनयेहैं उसमें सभी जाति के लोगों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। सबसे ज्यादा यादव बिरादरी से मिनिस्टर बने हैं। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार को सीएम बनाकर कुर्मी को ताज और यादवों की भरमार वाली स्थिति है।

सबसे ज्यादा आठ यादव मिनिस्टर
नीतीश कैबिनेट में सबसे ज्यादा आठ यादव मिनिस्टर बने हैं। आरजेडी ने सात जबकि जेडीयू ने एक यादव को मिनिस्टर बनाया है। वहीं नीतीश कुमार के अलावा कुर्मी जाति से एक मंत्री बने हैं। दलित समुदाय को छह की संख्या के साथ बड़ी हिस्सेदारी मिली है। इसमें आरजेडी के दो, जेडीयू के दो जबकि हम और कांग्रेस के एक –एक दलित मिनिस्टर बने हैं। वहीं सवर्ण समुदाय में सबसे ज्यादा राजपूत बिरादरी के तीन मिनिस्टर बने हैं। इसमें आरजेडी व जेडीयू से एक-एक जबकि निर्दलीय से एक राजपूत को मिनिस्टर बनाया गया है। भूमिहार जाति से  दो मिनिस्टर बने हैं। आरजेडी और जदयू के एक-एक मंत्री हैं। वहीं ब्राह्मण समुदाय से सिर्फ एक मिनिस्टर जेडीयू से बने हैं।

आरजेडी के मिनिस्टर
तेज प्रताप यादव, सुरेन्द्र यादव- यादव, रामानंद यादव- यादव, ललित यादव- यादव, जितेन्द्र कुमार राय- यादव, सुधाकर सिंह- राजपूत, कार्तिक सिंह – भूमिहार, आलोक मेहता- कुशवाहा, कुमार सर्वजीत- दलित (पासवान), समीर महासेठ- बनिया, चन्द्रशेखर (यादव), अनीता देवी- नोनिया – अति पिछड़ा , , सुरेन्द्र राम- दलित, इसराइल मंसूरी, शमीम अहमद व  शहनवाज आलम अल्पसंख्यक हैं। 
जेडीयू कोटे के मिनिस्टर
विजय चौधरी- भूमिहार, बिजेंद्र यादव- यादव, अशोक चौधरी- दलित, श्रवण कुमार- कुर्मी, लेसी सिंह- राजपूत, संजय झा-ब्राह्मण, मदन सहनी- सहनी, शीला मंडल- अति पिछड़ा, सुनील कुमार- दलित, जयंत राज- कोयरी, जमा खान – अल्पसंख्यक हैं। 
कांग्रेस में अफाक आलम- अल्पसंख्यक, मुरारी गौतम- दलित हैं। वहीं हम से संतोष सुमन दलित जबकि निर्दलीय सुमित सिंह –राजपूत हैं।

ज्यादातर बड़े विभाग JDU के पास 
सीएम ने गृह, सामान्य प्रशासन समेत 5 विभाग अपने पास रखे हैं। वित्त JDU के विजय चौधरी को दिया गया है। तेजस्वी को स्वास्थ्य, पथ निर्माण, नगर विकास और ग्रामीण कार्य का जिम्मा मिला है। लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग सौंपा गया है। इधर कांग्रेस के 19 में से केवल दो एमएलए मिनिस्टर बने हैं। उन्हें भी पंचायती राज, मत्स्य और पशुपालन जैसे विभाग दिये गये हैं।
अगड़ी जातियों के मिनिस्टर्स की संख्या घटी
नीतीश की नई कैबिनेट में पिछड़े-दलितों को पिछली बार से ज्यादा मौका मिला है। अगड़ी जातियों के मंत्रियों की संख्या में कमी आई। सबसे ज्यादा आठ यादव कैबिनेट में हैं। पिछड़ी और अति पिछड़ी कैटेगरी (OBC-EBC) से सबसे ज्यादा 17, दलित वर्ग से रांच और मुस्लिम समुदाय से पांच को मिनिस्टर बनाया गया है।  NDA सरकार में अपर कास्ट के 11 मिनिस्टर थे। इस बार घटकर छह हो गये हैं। तब 13 OBC-EBC और 2 मुस्लिम चेहरे कैबिनेट में शामिल थे।

मिथिलांचल को ज्यादा तवज्जो
महागठबंधन सरकार में मिथिलांचल से सबसे ज्यादा 10 मिनिस्टर बनाये गये हैं। भोजपुर-शाहाबाद से सात और मगध से चार मिनिस्टर बने हैं। कोशी से दो, सीमांचल से तीन और अंग प्रदेश से दो मिनिस्टर बनाये गये हैं।