बिहार: बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना सकते तेजस्‍वी, अभी खुलकर नहीं बता रहे: कांग्रेस ने खोला भेद

बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्‍त चरण दास ने आरोप लगाया है कि आरजेडी ने उसी दल से मिलीभगत कर ली है, जिसके खिलाफ आज तक हमारे साथ मिलकर लड़ते रहे। उन्‍होंने बीजेपी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन कहा कि RJD ने कांग्रेस का साथ छोड़कर किसी और के साथ मिलीभगत कर ली है।

बिहार: बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना सकते तेजस्‍वी, अभी खुलकर नहीं बता रहे: कांग्रेस ने खोला भेद

पटना। बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्‍त चरण दास ने आरोप लगाया है कि आरजेडी ने उसी दल से मिलीभगत कर ली है, जिसके खिलाफ आज तक हमारे साथ मिलकर लड़ते रहे। उन्‍होंने बीजेपी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन कहा कि RJD ने कांग्रेस का साथ छोड़कर किसी और के साथ मिलीभगत कर ली है।

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भक्‍त चरण दास ने कहा कि सब कुछ सामने है और संकेत साफ हैं, लेकिन आरजेडी के नेता खुल कर बताने से अभी परहेज कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि राजद के पास सरकार बनाने लायक एमएलए की संख्‍या नहीं है। उन्‍हें कांग्रेस के 19 एमएलए समर्थन भी नहीं चाहिए, तो साफ है कि उन्‍हें किसकी जरूरत है।

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अपने पैर पर खुद कुल्‍हाड़ी मार रही कांग्रेस: आरजेडी

दास के बयान से आरजेडी  प्रवक्‍ता मृत्‍युंजय तिवारी ने कहा कि कांग्रेस अपने पैर पर खुद कुल्‍हाड़ी मार रही है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ सबसे मुश्‍किल वक्‍त में भी लालू यादव और आरजेडी ही खड़े रहे। तिवारी ने कहा कि विधानसभा उप चुनाव की दोनों सीटें जीतने पर ही बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी। कांग्रेस को यह बात समझनी चाहिए कि यह चुनाव जीतना बेहद जरूरी है और राजद ही यह सीटें जीत सकता है।

 शिवानंद तिवारी और मनोज झा ने भी कांग्रेस को कोसा

 राजद के राज्‍यसभा सदस्‍य मनोज झा ने कहा कि भक्‍त चरण दास कांग्रेस की लुटिया डुबोने में लगे हैं। उन्‍हें बिहार में अपने नेताओं से बात करनी चाहिए। आरजेडी और कांग्रेस के संबंधों को ठीक से समझना चाहिए, जमीनी हकीकत को जानकर ही बात करनी चाहिए। पिछले दिनों राष्‍ट्रीय महासचिव शिवानंद तिवारी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अधिक सीटें देने के कारण ही बिहार में राजद की सरकार नहीं बन सकी। कांग्रेस अपने हिस्‍से की ज्‍यादातर सीटें हार गई। अगर कांग्रेस की बजाय इन सीटों पर आरेजडी खुद लड़ा होता हो बिहार में उनकी ही सरकार होती।

अब महागठबंधन पर बड़ा फैसला करेंगी सोनिया

तारापुर और कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर आरजेडी एवं कांग्रेस के संबंधों में आई दरार भविष्य में भी जारी रह सकती है। कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि आरजेडी के साथ कांग्रेस के संबंध फिलहाल समाप्त हो चुके हैं। भविष्य में रिश्ता कायम रहेगा या फिर दरार जारी रहेगी, इसका फैसला अब आलाकमान को करना है। स्‍पष्‍ट है कि अब कांग्रेस के महागठबंधन में रहने या अलग होने का फैसला पार्टी की राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सोनिया गांधी को करना है।

आरजेडी-कांग्रेस के रिश्ते द-एंड

बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा ने कहा कि आरजेडी से कांग्रेस का रिश्ता फिलहाल समाप्त हो चुका है। उनके इस बयान के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस भविष्य में भी आरजेडी से दूरी बनाकर रखेगी और अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरेगी।डा. झा कहते हैं कि फिलहाल आरजेडी के साथ रिश्ता खत्म हो चुका है। दोनों ही दल दोनों सीटों पर अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। आगे आरजेडी के साथ रिश्ते का भविष्य क्या होगा, इसका फैसला आलाकमान को करना है। उसका जो निर्णय होगा उसी आधार पर भविष्य की राजनीति की दशा-दिशा तय होगी।

 कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा आरजेडी के खिलाफ

कांग्रेस के अंदर भी एक गुट ऐसा है जो आरजेडी से दोस्ती को लेकर हमेशा सवाल उठाता रहा है। इस गुट का मानना है कि आरजेडी राजनीतिक फायदे के लिए कांग्रेस को नुकसान पहुंचाता रहा है। 2019 का लोकसभा चुनाव हो, 2020 का विधानसभा चुनाव, या इसके पूर्व के चुनाव; आरजेडी अपने सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे में सौतेला व्यवहार करता रहा है। इस गुट का मानना है कि कांग्रेस को अपने बेहतर भविष्य के लिए आरजेडी से दूरी बनाकर चलना चाहिए। जानकार भी मानते हैं कि वक्त आ गया है जब कांग्रेस को बिहार में अपनी जमीन मजबूत करने के लिए एकला चलो के पथ पर आगे बढ़ने पर विचार करना होगा।