बिहार: पूर्णिया में आरजेडी के एक्स लीडर शक्ति मल्लिक की मर्डर, तेजस्वी, तेज प्रताप समेत छह के खिलाफ एफआइआर

पूर्णिया में रविवार की सुबह क्रिमिनलों ने आरजेडी एससी-एसटी प्रकोष्ठ के एक्स सेकरेटरी शक्ति मल्लिक (40) की गोली मारकर मर्डर कर दी।

बिहार: पूर्णिया में आरजेडी के एक्स लीडर शक्ति मल्लिक की मर्डर, तेजस्वी, तेज प्रताप समेत छह के खिलाफ एफआइआर
शक्ति मल्लिक (फाइल फोटो)।
  • केहाट पुलिस स्टेशन एरिया के मुर्गी फार्म रोड की घटना
  • तीन नकाबपोश क्रिमिनलों ने अहले सुबह घर में घुसकर गोलियों से भूना

पूर्णिया। पूर्णिया में रविवार की सुबह क्रिमिनलों ने आरजेडी के एक्स लीडर  शक्ति मल्लिक (40) की गोली मारकर मर्डर कर दी। आरजेडी एससी-एसटी प्रकोष्ठ के एक्स सेकरेटरी शक्ति की केहाट पुलिस स्टेशन एरिया के मुर्गी फार्म रोड में स्थित घर में घुसकर गोली मारकर मर्डर की गयी है।  पत्नी खुशबू देवी की कंपलेन पर एक्स डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव, अनिल कुमार उर्फ साधु यादव, कालो पासवान, मनोज पासवान और सुनीता देवी के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गयी है। मृतक के दोनों मोबाइल फोन जब्त कर लिये गये हैं। 
खुशबु देवी का कहना है कि सुबह में वह अपने पति शक्ति और एक बच्चे के साथ घर में बैठी हुई थीं। घर का मेन गेट बंद था और अंदर का दरवाजा खुला था। अंदर घुसे नकाबपोश क्रिमिनलों ने शक्ति पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। एक गोली छाती में और दो गोली सिर में मारकर तीनों क्रिमिनल पीछे की दीवार फांदकर भाग निकले। परिजन आनन-फानन शक्ति मल्लिक को लेकर हॉस्पीटल पहुंचे लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही एसपी विशाल शर्मा, सदर डीएसपी आनंद पांडेय केहाट पुलिस के साथ मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की। पुलिस को मौके से एक कट्टा, एक मास्केट और चार गोलियां मिली है। परिजनों द्वारा दर्ज मामले में लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटों तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव सहित छह लोगों को नामजद किया गया है। मामले में राजनीति गरमा गयी है। उल्लेखनीय है कि 18 सितंबर को शक्ति ने वीडियो जारी कर आरजेडी लीडरों द्वारा अपनी हत्या की आशंका जताई थी। बताया जाता है कि दो माह पूर्व आरजेडी ने शक्ति को पार्टी से निष्कासित भी कर दिया था। शक्ति रानीगंज विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे थे।
मर्डर से  दो दिन पहले का वीडियो वायरल
शक्ति की मर्डर से दो दिन पहले का एक ऑडियो व वीडीओ वायरल हो रहा है। इसमें शक्ति मल्लिक ने अपने हत्या क आशंका जताई थी। वीडियो में उन्होंने साफ कहा है कि आरजेडी लीडर तेजस्वी यादव उनकी हत्या करा सकते हैं। वहकह रहे हैं 'मैं तेजस्वी यादव से मिलने गया था। तेजस्वी यादव जैसे ही घर से बाहर निकले मैं बैठा था, मैंने कहा प्रणाम सर। उन्होंने पूछा क्या हाल ? मैंने कहा कि सर देखिए न अनिल साधु जी टिकट के लिए डोनेशन मांग रहे हैं। इसपर तेजस्वी यादव ने कहा तुम्हारे पास पैसा है तो चुनाव लड़ो नहीं तो यहां से निकलो। इसपर मैंने कहा सर हमलोगों राजद के पुराने कार्यकर्ता है , पार्टी की बहुत सेवा की है। हम पैसा कहां से लायेंगे। फिर तेजस्वी यादव जी ने मुझे कहा, तुम डोम हो, डोम ही रहोगे। हम तुमको विधान सभा नहीं पहुंचने देंगे। तेजस्वी यादव जी ने मुझे धमकी दी कि तुम्हारी हत्या करा देंगे। हम लालू यादव के बेटे हैं। हम नेता प्रतिपक्ष हैं। यह मेरी पार्टी है, जो चाहेंगे करेंगे।

पत्नी ने भी लगाया तेजस्वी पर आरोप

शक्ति की पत्नी खुशबू देवी ने भी तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और अनिल साधु पर पति की हत्या का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पति को राजद से निकाल दिया गया था। तेजस्वी यादव ने टिकट के पैसे मांगे थे। पति रानीगंज से निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे।
आरजेडी का असली चेहरा उजागर
जेडीयू के अजय आलोक ने कहा है कि चुनाव के समय ऐसी राजनीतिक हत्या काफी संवेदनशील है। हत्या का आरोप सीधे-सीधे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर है। इसकी जांच होनी चाहिए। बिहार में दलित होना कोई अपराध नहीं है। उन्होंने दलित नेता की मृत्यु के पहले की वायरल वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि एक दलित नेता ने मरने से पहले तेजस्वी यादव को एक्सपोज कर दिया है। एक दलित नेता से टिकट के लिए पचास लाख रुपये मांगे गए। उन्हें अपमानित कर पार्टी से निकाल दिया। पहले उनका शोषण किया फिर वास्तव में हत्या करा दी।
जदयू की साजिश का चुनाव में जवाब देगी जनता

आरजेडी  ने कहा कि महागठबंधन में सीएम पद के कैंडिडेट तेजस्वी यादव के खिलाफ जदयू तरह-तरह की साजिश रच रही है। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि बिहार की जनता इस बार के विधानसभा चुनाव में साजिश करने वालों को माकूल जवाब देगी। तेजस्वी यादव की लोकप्रियता को देख जदयू नेताओं की बेचैनी बढ़ गयी है। राजद की छवि को प्रभावित करने के लिए जदयू द्वारा तरह-तरह की साजिश और दुष्प्रचार का सहारा लिया जा रहा है। दलित और अति पिछड़ों के सवाल पर राजद को किसी से सर्टिफिकेट लेने की आवश्यकता नहीं है। बिहार की जनता देख चुकी है कि किस प्रकार एक दलित को मुख्यमंत्री पद से हटाने की साजिश रची गयी थी।