Bihar: मेरेऔर मृतक डीएम के परिवार ने काफी दुख झेला, 'जेल में था, मरा नही हूं': Anand Mohan

बिहार में गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया मर्डर केस में उम्रकैद की सजा काट रहे एक्स एमपी आनंद मोहन (समेत 27 कैदियों को कारा नियमों में संशोधन के बाद रिहा करने का आदेश जारी कर दिया गया है। आनंद मोहन की जेल से रिहाई पर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। आनंद मोहन ने अपनी रिहाई को लेकर चुप्पी तोड़ी है। न्यू एजेंसी ANI से बीतचीत करते हुए आनंद मोहन ने कहा कि कहने के लिए लोग बहुत कह रहे हैं। इस मर्डर केस में लवली आनंद और मृतक डीएम के परिवार ने सबसे ज्यादा दुख झेला है।

Bihar: मेरेऔर मृतक डीएम के परिवार ने काफी दुख झेला, 'जेल में था, मरा नही हूं': Anand Mohan
  • जेल से आने पर दुख के साथियों से मिलकर लेंगे राजनीतिक सफर पर फैसला

पटना। बिहार में गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया मर्डर केस में उम्रकैद की सजा काट रहे एक्स एमपी आनंद मोहन (समेत 27 कैदियों को कारा नियमों में संशोधन के बाद रिहा करने का आदेश जारी कर दिया गया है। आनंद मोहन की जेल से रिहाई पर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। आनंद मोहन ने अपनी रिहाई को लेकर चुप्पी तोड़ी है। न्यू एजेंसी ANI से बीतचीत करते हुए आनंद मोहन ने कहा कि कहने के लिए लोग बहुत कह रहे हैं। इस मर्डर केस में लवली आनंद और मृतक डीएम के परिवार ने सबसे ज्यादा दुख झेला है।

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आनंद मोहन ने अपनी रिहाई पर मायावती की आपत्ति का जवाब देते हुए कहा कि मायावती कौन हैं वो नहीं जानते हैं। उन्होंने बीएसपी सुप्रीमो पर हमला करते हुए कहा कि सत्यनारायण भगवान की पूजा में कलावती का नाम सुना था। मायावती कौन है, क्या बोली, यह जानने का मुझे वक्त भी नहीं है।आनंद मोहन ने बिलकिस बानो के मामले का जिक्र करते हुए विरोधियों पर निशाना साधा। 

मरा नहीं हूं, जेल में ही था, राजनीतिक सफर का अंत नहीं हुआ है

उन्होंने अपने नये राजनीतिक सफर के बारे में कहा कहा कि जेल से लौटने के बाद फिर अपनेदुख के दिनों के साथियों के साथ बैठकर फैसला लेंगे की आगे क्या करना है।आनंद मोहन से पूछा गया कि बीजेपी भी आपकी रिहाई की मांग करती रही है, तो ऐसे में किस पार्टी से राजनीतिक करियर का पार्ट-2 शुरू करेंगे। इसपर आनंद मोहन ने कहा कि बेटे की शादी के बाद फिर से जेल जाना है। फिर जब रिहाई पर ठप्पा लगेगा, तो लोगों को बुलाकर तय करेंगे कि क्या करना है। आनंद मोहन ने कहा कि मैं मरा नहीं हूं। जेल में ही था। इसलिए राजनीतिक सफर का अंत नहीं हुआ है।

देश में एक सशक्त प्रतिपक्ष की जरूरत 
आनंद मोहन ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार द्वारा जारी विपक्षी एकजुटता की पहल पर कहा कि वे अपने मुहिम पर हैं। देश में एक सशक्त प्रतिपक्ष की जरूरत है। अगर ऐसा नहीं होगा तो देश में तानाशाही का दौर आने की संभावना है। लोकतंत्र में व्यक्ति की नहीं, विचारधारा की पूजा हो। लोकतंत्र में मजबूत विपक्ष का तकाजा है।  

फ्लैश बैक

बिहार के मुजफ्फरपुर में गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की पांच दिसंबर, 1994 को भीड़ ने पहले पीटा और फिर गोली मारकर मर्डर कर दी थी। इस मामले में आरोप लगा था कि इस भीड़ को आनंद मोहन ने ही उकसाया था। साल 2007 में इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि, 2008 में हाइकोर्ट की तरफ से ही इस सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया। 2012 में आनंद मोहन ने सुप्रीम कोर्ट में सजा कम करने की अपील की थी, जो खारिज हो गयी थी। गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की मर्डर मामले में आनंद मोहन अपनी 14 साल की कारावास अवधि पूरी कर चुके हैं। आनंद मोहन सिंह बिहार के सहरसा जिले के पचगछिया गांव के कहने वाले हैं। उनके दादा एक स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1990 में की थी।आनद मोहन एमएलए व एमपी रह चुके है। उनकी वाइफ लवली आनंद भी एमएलए व एमपी रह चुकी है।एक्स एमपी आनंद मोहन सिंह 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की मर्डर केस में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। बिहार सरकार द्वारा जेल नियमों में संशोधन के बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया जायेगा, जिसमें उनके सहित 27 दोषियों को रिहा करने की अनुमति दी गई है।