बिहार: प्रदर्शनों में कानून तोड़ने वालों को न गवर्नमेंट सर्विस मिलेगी और न कंट्रेक्ट

विरोध-प्रदर्शन,रोड जाम या ऐसे किसी अन्य मामले में हंगामा व लॉ एंड ऑर्डर की समस्या उत्पन्न होती है तो प्रदर्शन में शामिल व्यक्तियों को न नौकरी मिलेगी न कंट्रेक्ट। ऐसे मामलों में एफआइआर दर्ज होने पर किसी व्यक्ति के लिए खिलाफ चार्जशीट समर्पित हुआ तो उनके पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट में इसका स्पष्ट उल्लेख होगा।

बिहार: प्रदर्शनों में कानून तोड़ने वालों को न गवर्नमेंट सर्विस मिलेगी और न कंट्रेक्ट
  • बिहार में अब सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया तो खैर नहीं

पटना। विरोध-प्रदर्शन,रोड जाम या ऐसे किसी अन्य मामले में हंगामा व लॉ एंड ऑर्डर की समस्या उत्पन्न होती है तो प्रदर्शन में शामिल व्यक्तियों को न नौकरी मिलेगी न कंट्रेक्ट। ऐसे मामलों में एफआइआर दर्ज होने पर किसी व्यक्ति के लिए खिलाफ चार्जशीट समर्पित हुआ तो उनके पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट में इसका स्पष्ट उल्लेख होगा। चार्जशीटेड होने पर इन व्यक्तियों को न तो गवर्नमेंट नौकरी मिलेगी न ही कंट्रेक्ट ले सकेंगे।

बिहार गवर्नमेंट से जुड़े कंट्रेक्ट में करेक्टर सर्टिफिकेट अनिवार्य किए जाने के बाद डीजीपी एसके सिंघल ने पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट के संबंध में एक डिटेल आदेश जारी किया है। इसकी जरूरत कई कार्यों के लिए होती है। वहीं करेक्टर सर्टिफिकेट भी इसी रिपोर्ट के आधार पर जारी होता है। पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट के दौरान किन बातों का ख्याल रखना है और किन बिंदुओं पर जांच करनी है इसे भी स्पष्ट किया है।

 पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट में किया जायेगा उल्लेख

डीजीपी द्वारा जारी आदेश के अनुसार लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति, विरोध प्रदर्शन, सड़क जाम जैसे मामलों में कोई व्यक्ति शामिल रहता है और उसके खिलाफ पुलिस चार्जशीट दायर होती है तो उसकी परेशानी बढ़ जायेगी। ऐसे व्यक्ति के पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट में इसका स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जायेगा। ऐसा होने पर उसे सरकारी नौकरी और ठेके नहीं मिलेंगे। वेरिफिकेशन रिपोर्ट में संज्ञेय अपराध में शामिल और पुलिस व अदालत द्वारा की गई कार्रवाई की ही इंट्री होगी। इसमें लंबित पुलिस कार्रवाई, एफआइआर या ननएफआइआर एक्युज्ड, चार्जशीटेड और अदालत द्वारा आरोपसिद्ध का ही उल्लेख होगा। हालांकि इन्विस्टिगेशन के बाद चार्जशीट नहीं करने और संदिग्ध घोषित व्यक्ति पर भी वेरिफिकेशन रिपोर्ट में टिप्पणी नहीं की जायेगी।
चीफ सकरेटरी की बैठक में हुई थी चर्चा

विदित हो कि पटना में इंडिगो एयरलाइंस के एयरपोर्ट मैनेजर रूपेश सिंह की मर्डर में कंट्रेक्टर विवाद की बात सामने आने के बाद गवर्नमेंट कंट्रेक्टर में करेक्टर वेरीफिकेशन पर बल दिया गया था। इसके बाद चीफ सेकरटेरी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह फैसला लिया गया था कि गवर्नमेंट कंट्रेक्ट में करेक्टर सर्टिफिकेट जरूरी होगा।  बैठक में डीजीपी भी शामिल हुए थे। इसके बाद अब पुलिस हेडक्वार्टर ने यह आदेश जारी किया है।

सियासत गरमाई

पुलिस के इस आदेश पत्र पर बिहार में सियासत गरमा गयी है।विपक्षी दल इसे आम जनता के सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन के लोकतांत्रिक अधिकार का हनन मान रहा है। वहीं सत्ताधारी पक्ष इसे कानून व्यवस्था के हित में उठाया गया कदम बता रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे लेकर अपने ट्वीट में सीएम नीतीश कुमार की तुलना हिटलर व मुसेालिनी से करते हुए सरकार पर हमला बोला है। तेजस्वी ने आरोप लगाया है कि युवा शक्ति से घबराई बिहार सरकार युवाओं को डराना चाहती है।