Bihar: खगड़िया जिला परिषद की अध्यक्ष कृष्णा यादव व एक्स एमएलए रणवीर यादव को तीन-तीन साल की सजा

बिहार में खगड़िया की एसीजेएम कोर्ट ने खगड़िया जिला परिषद की अध्यक्ष कृष्णा यादव व उनके हसबैंड एक्स एमएलए रणवीर यादव को तीन साल की सजा सुनायी है। रंगदारी मांगने के 18 साल पुराने मामले में दोनों को तीन साल की कैद के साथ- साथ 10 हजार रूपये जुर्माने की सजा भी सुनाई गयी है।

Bihar: खगड़िया जिला परिषद की अध्यक्ष कृष्णा यादव व एक्स एमएलए रणवीर यादव को तीन-तीन साल की सजा
कृष्णा यादव व रणवीर यादव (फाइल फोटो)।
  • रंगदारी मांगने के आरोप में तीन साल की कैद व 10 हजार रूपये जुर्माना

पटना। बिहार में खगड़िया की एसीजेएम कोर्ट ने खगड़िया जिला परिषद की अध्यक्ष कृष्णा यादव व उनके हसबैंड एक्स एमएलए रणवीर यादव को तीन साल की सजा सुनायी है। रंगदारी मांगने के 18 साल पुराने मामले में दोनों को तीन साल की कैद के साथ- साथ 10 हजार रूपये जुर्माने की सजा भी सुनाई गयी है।

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कोर्ट के फैसले के बाद कृष्णा यादव की कुर्सी जायेगी
कोर्ट के फैसले के बाद कृष्णा यादव की जिला परिषद के अध्यक्ष कुर्सी जाने का खतरा मंडरा रहा है। नियमों के अनुसार कोर्ट द्वारा सजायाफ्ता व्यक्ति जिला परिषद के अध्यक्ष के पद पर नहीं रह सकता। ऐसे में अगर उपरी अदालत ने ससमय सजा पर रोक नहीं लगायी तो कृष्णा यादव की कुर्सी जा सकती है।
वर्ष 2005 में दर्ज हुई थी रंगदारी की एफआइआर
वर्ष 2005 में ही आलोक तालुकदार नामक व्यक्ति ने खगड़िया पुलिस स्टेशन में रणवीर यादव और कृष्णा यादव के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी थी। एफआइआर में आरोप लगाया गया था कि कृष्णा यादव और रणवीर यादव ने फोन पर उनसे रंगदारी मांगी है। इस मामले में पुलिस ने कोर्ट में कोई साक्ष्य नहीं होने की रिपोर्ट दी थी। लेकिन मामलेकी सुनवाई कर रही एसीजेएम विभा रानी की कोर्ट ने दोनों को तीन-तीन साल की कैद के साथ-साथ 10-10 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है।
पॉलिटिकल करियर समाप्त करने की साजिश
कोर्ट के फैसले के बाद मीडिया से बात करते हुए एक्स एमएलए रणवीर यादव ने कहा कि ये मेरे और मेरी वाइफ का राजनीतिक करियर समाप्त करने की साजिश है। कृष्णा यादव लोकसभा चुनाव में कैंडिडेट बननेवाली थीं और उन्हें चुनाव लड़ने से रोकनेके लिए साजिश की गयी है। रणवीर यादव नेकहा कि इस केस में कोई साक्ष्य नहीं है। आलोक तालुकदार नाम के व्यक्ति ने अज्ञात लोगों के खिलाफ रंगदारी मांगने का केस 22 मई, 2005 को दर्ज कराया था। कोर्ट में मामलेकी सुनवाई के दौरान आलोक तालुकदार ने सिर्फ आवेदन देने की बात स्वीकार किया था। कहा था कि उन्होंने अपने स्टाफ के कहने पर अज्ञात के विरूद्ध थाने में आवेदन दिया था। केस के पांच गवाहों में से तीन ने आरोपों का समर्थन नहीं किया। पुलिस ने भी आरोपों की पुष्टि नहीं की थी। कोई साक्ष्य नहीं मिलनेकी बात कही थी। इसके बावजूद सजा सुना दी गयी है। रणवीर यादव ने कहा कि वे ऊपरी अदालत में सारी बातों को रखेंगे। पूरा भरोसा है कि दोनों को निर्दोष साबित किया जायेगा।
कृष्णा यादव की सदस्यता खत्म करनेकी मांग
कोर्ट से फैसला आने के बाद खगड़िया जिला परिषद क्षेत्र संख्या आठ के प्रतिनिधि दीपक कुमार ने खगड़िया डीएम से विधि सम्मत कार्रवाई की मांग की है। सजायाप्ता कृष्णा यादव को अविलंब जिला परिषद अध्यक्ष से निलंबित करने की बात कही है। दीपक कुमार ने प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि पूर्व के रंगदारी मामले में वर्तमान जिला परिषद अध्यक्ष कृष्णा यादव सजायाफ्ता हैं। पंचायती राज अधिनियम के तहत ऐसे लोग संवैधानिक पद पर नहीं रह सकते। सजायाफ्ता होनेके बावजूद अभी कृष्णा यादव अपने पद पर बनीं हुई हैं, जो कोर्ट की अवहेलना है।