बिहार: CM नीतीश बोले- कोरोना से ज्यादा डैंजर है शराब , इंटरकास्ट शादी को दें बढ़ावा, दहेज लेने वालों का करें बहिष्कार

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि शराब काफी बुरी चीज है। जितनी मौतें पूरी दुनिया में कोरोना महामारी से नहीं हुई, उससे अधिक हर साल शराब पीने के कारण लोग मर जाते हैं। सीएम बुधवार को समाज सुधार यात्रा के दौरान जमुई में थे।

बिहार: CM नीतीश बोले- कोरोना से ज्यादा डैंजर है शराब , इंटरकास्ट शादी को दें बढ़ावा, दहेज लेने वालों का करें बहिष्कार
  • जमुंई में समाज सुधार अभियान का किया उद्घाटन 

पटना। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि शराब काफी बुरी चीज है। जितनी मौतें पूरी दुनिया में कोरोना महामारी से नहीं हुई, उससे अधिक हर साल शराब पीने के कारण लोग मर जाते हैं। सीएम बुधवार को समाज सुधार यात्रा के दौरान जमुई में थे।

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विकसित बिहार के लिए समाज सुधार की आवश्यकता

उन्होंने विकसित बिहार के लिए समाज सुधार की आवश्यकता बताते हुए कहा कि न्याय के साथ विकास की यात्रा निरंतर जारी रहेगी।सीएम ने दहेज लेकर शादी करने वालों का सामाजिक बहिष्कार करने की लोगों से अपील की। उन्होंने बाल-विवाह के खिलाफ निरंतर अभियान चलाने की जरूरत बताते हुए इंटरकास्ट को बढ़ावा देने की बात कही। नीतीश कुमार ने कहा कि शराब ना सिर्फ पैसा, बल्कि बुद्धि को भी हर लेती है। इसे पीने से इन्सान हैवान हो जाता है। यही वजह है कि बापू ने आजादी की लड़ाई के साथ-साथ शराब के खिलाफ अभियान भी जारी रखा था। उन्होंने युवाओं को बापू के काम नहीं भूलने की नसीहत भी दी।

शराबबंदी का विरोध करने वालों पर तंज

नीतीश ने शराबबंदी का विरोध करने वालों पर तंज कसते हुए कहा कि प्रत्येक समाज में कुछ लोग गड़बड़ होते ही हैं। ये समाज में भ्रम की स्थिति पैदा करते रहते हैं। उन्होंने बताया कि 2018 के सर्वे में स्पष्ट हुआ था कि शराबबंदी से एक करोड़ 64 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया। डब्ल्यूएचओ की सर्वेक्षण रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि शराब पीने से हर साल 30 लाख लोगों की मौत होती है। 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत की मृत्यु शराब के कारण होती है। 18 प्रतिशत सुसाइड व आपसी झगड़े, 27 प्रतिशत रोड एक्सीडेंट और मिर्गी के 13 प्रतिशत मामले शराब सेवन के कारण ही होते हैं।

50 प्रतिशत पंचायत और नगर निकाय में आरक्षण देने वाला बिहार देश का पहला राज्य बना

सीएम ने कहा कि लोगों को 2005 से पहले की दुर्दशा की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि पहले लोग क्राइम के कारण बाहर निकलने से हिचकते थे। रोड की हालत काफी जर्जर थी। लड़कियों की शिक्षा बीच में ही छूट जाती थी। 12.5 प्रतिशत लोग अपनी बच्चियों को स्कूल नहीं भेज पाते थे। अब स्थिति यह है कि मैट्रिक की परीक्षा में लड़कों से अधिक लड़कियां बैठ रही हैं। 50 प्रतिशत पंचायत और नगर निकाय में आरक्षण देने वाला बिहार देश का पहला राज्य बना। कार्यक्रम को डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद, मिनिस्टर  विजय चौधरी, अशोक चौधरी, सुनील कुमार, शीला मंडल, सुमित कुमार सिंह, चीफ सेकरटेरी आमिर सुबहानी, डीजीपी एसके सिंघल व अपर मुख्य सचिव गृह चैतन्य प्रसाद ने भी संबोधित किया। उत्पाद एवं मद्य निषेध के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सीएम सहित अन्य अतिथियों का स्वागत किया।