Bihar: IPS आदित्य कुमार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, पटना हाईकोर्ट ने दिया चार सप्ताह में सरेंडर करने का निर्देश

बिहार कैडर के 2011 बैच के आइपीएस अफसर गया के एक्स एसएसपी आदित्य कुमार की अग्रिम जमानत याचिका को पटना हाईकोर्ट ने खारिज दी। कोर्ट ने आइपीएस को उन्हें चार सप्ताह के भीतर सरेंडर करने के लिए कहा है।

Bihar: IPS आदित्य कुमार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, पटना हाईकोर्ट ने दिया चार सप्ताह में सरेंडर करने का निर्देश

पटना। बिहार कैडर के 2011 बैच के आइपीएस अफसर गया के एक्स एसएसपी आदित्य कुमार की अग्रिम जमानत याचिका को पटना हाईकोर्ट ने खारिज दी। कोर्ट ने आइपीएस को उन्हें चार सप्ताह के भीतर सरेंडर करने के लिए कहा है।

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जस्टिस अंजनी कुमार शरण की सिंगल बेंच ने याचिकाकर्ता आदित्य कुमार के एडवोकेट एसडी संजय एवं EOU के एडवोकेट राणा विक्रम सिंह को सुनने के बाद उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया।EOU ने पिछले साल अक्टूबर में आदित्य और चार अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी, जबरन वसूली और अन्य अपराधों के आरोप में FIR दर्ज किया था। FIR में आरोप लगाया गया है कि अभियुक्तों ने खुद को पटना हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बता कर राज्य के पुलिस प्रमुख को फोन किया। उनसे आदित्य के खिलाफ शराब माफिया के साथ साजिश रचने के आरोपों से संबंधित मामले को बंद करने के लिए कहा था।
जस्टिस शरण ने अपने आदेश में दो न्यायिक अधिकारियों की भी कथित संलिप्तता पाते हुए, इस पूरे मामले को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखने का आदेश दिया है।उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि अदालत के लिए इन दो न्यायिक अधिकारियों के आचरण को गंभीरता से लेने का सही समय है।न्यायपालिका से सरकार, नागरिकों या इच्छुक समूहों की अन्य शाखाओं द्वारा लगाये गये दबावों से अप्रभावित रहने की उम्मीद है। न्यायपालिका की स्वतंत्रता संविधान की बुनियादी और अविच्छेद्य विशेषताओं में से एक है।

गौरतलब है कि दोनों न्यायिक पदाधिकारियों पर कथित रूप से आदित्य की जमानत याचिका की किसी खास जज के समक्ष सुनवाई करवाने हेतु पैरवी करने का आरोप लगाया गया है।
गया एसएसपी रहते विवादों में आये थे आदित्य
आदित्य कुमार पर गया के एसएसपी पद पर रहते हुए शराब माफिया से गठजोड़ के आरोप लगे थे। गया में एसएसपी रहते उनपर शराब माफिया से सांठगांठ के आरोप लगे थे। आईजी ने एसएसपी पर लगे आरोपों को सही पाया था। इसके बाद गया के फतेहपुर पुलिस स्टेशन में आदित्य कुमार के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई। इसी मामले में उन्हें सस्पेंड किया गया था। डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग चल रही है। इस मामले में बचने के लिए आदित्य ने अपने दोस्त अभिषेक अग्रवाल के साथ मिलकर फर्जी काल की साजिश रची। पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम पर डीजीपी को काल कर दबाव बनाया गया। आइपीएस आदित्य कुमार फरार चल रहे हैं। 
स्पेशल विजीलेंस यूनिट ने सस्पेंड चल रहे आईपीएस अफसर आदित्य कुमार के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 1988 की धारा 13 (1) (बी) और 13 (2) और 120 (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। आईपीसी के खिलाफ आय से अधिक 1.37 करोड़ रुपये की संपत्ति रखने के लिए मामला दर्ज किया गया है। इसके बाद स्पेशल विजीलेंस यूनिट ने आदित्य कुमार के बिहार के पटना, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और मेरठ में आईपीएस के घर और अन्य ठिकानों पर रेड की गयी। आदित्य के ठिकाने से एयवीयू को अब तक 20 लाख कैश, विभिन्न बैंकों में जमा 90 लाख रुपये तथा शेयर, बॉन्ड एवं एफडी में लाखों रुपये के निवेश का पता चला। पटना, गाजियाबाद और मेरठ में इनकी जमीन (प्लॉट) होने की जानकारी मिली। रेड के दौरान आदित्य के स्टेट बैंक व अन्य बैंकों में अपने परिजनों के नाम पर विभिन्न प्रकार के निवेश के दस्तावेज साथ ही एक बैंक लॉकर की जानकारी भी मिली थी।