Manish Kashyap: BJP MP मनोज तिवारी ने की मनीष कश्यप से मुलाकात, यूट्यूबर के गांव में हुआ भव्य स्वागत

बीजेपी एमपी व भजपुरी एक्टर मनोज तिवारी गुरुवार को यूट्यूबर मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी तिवारी के बिहार बेतिया जिला स्थित पैतृक घर महनाव डुमरी गांव घर पहुंचे। मनोज तिवारी ने मनीष कश्यप घर पहुंच उनकी मां व परिजनों से बात की। मनोज तिवारी को देखनेके लिए लोगों की भारी भीड़ जमा हो गयी थी

Manish Kashyap: BJP MP मनोज तिवारी ने की मनीष कश्यप से मुलाकात, यूट्यूबर के गांव में हुआ भव्य स्वागत
मनीष कश्यप को मिला बीजेपी का साथ।
  • मनीष के साथ हुआ अन्याय 
  • ईश्वर की मार में चोट नहीं होती

पटना। बीजेपी एमपी व भजपुरी एक्टर मनोज तिवारी गुरुवार को यूट्यूबर मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी तिवारी के बिहार बेतिया जिला स्थित पैतृक घर महनाव डुमरी गांव घर पहुंचे। मनोज तिवारी ने मनीष कश्यप घर पहुंच उनकी मां व परिजनों से बात की। मनोज तिवारी को देखनेके लिए लोगों की भारी भीड़ जमा हो गयी थी।

यह भी पढ़ें:YS Sharmila Joins Congress: जगन मोहन रेड्डी की बहन ने थामा 'हाथ', कांग्रेस में किया YSR तेलंगाना पार्टी का विलय
मनोज तिवारी लगभग 45 मिनट तक मनीष कश्यप घर पर रूके। मनीष के घर पहुंचने पर मनोज तिवारी का जोरदार स्वागत हुआ। इस दौरान मनोज तिवारी ने मनीष कश्यप को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ने की बात कही। कहा कि पूरी बीजेपी मनीष कश्यप के साथ है। मनीष कश्यप का घर बेतिया के मझौलिया प्रखंड क्षेत्र के महनाव डुमरी गांव में है।
पीएम को पता है, मैं यहांआया हूं, मनीष कश्यप अकेले नहीं 
महनाव डुमरी गांव पहुंचे मनोज तिवारी ने मनीष कश्यप के घर जा कर उनकी मां मधुदेवी को सांत्वना दिया। उनके परिजनों से बात की। उन्होंने महानवा गांव के लोगों से भी मुलाकात और बातचीत की। उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी को भी इस बात की जानकारी है कि मैं यहांआया हूं। पत्रकारों से बातचीत में मनोज तिवारी ने कहा कि मनीष कश्यप अकेले नहीं है। इनके साथ हम सभी भाजपा परिवार मजबूती के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि मनीष के साथ बहुत अन्याय हुआ है। बिहार सरकार की झूठी राजनीत की वजह से तमिलनाडु सरकार द्वारा एनएसए लगा दिया गया, जो कि मनीष के साथ नाइंसाफी है।
मनीष कश्यप के साथ गलत करनेवालों को मिलेगी सजा 
बीजेपी एमपी ने कहा कि किसी भी पत्रकार को अगर अभिव्यक्ति की आजादी के लिए जेल भेजा जाता है, उस पर एनएसए भी लगता है, तो भारतीय जनता पार्टी इसका विरोध करती है। उन्होंने कहा कि मनीष कश्यप को जेल भिजवानेमें जिन लोगों का भी हाथ था उन्हें बख्शा नहीं जायेगा। ऐसे लोगों को सजा जरूर होगी। हम इसी बात को कहने के लिए इतनी दूर तक चल कर आये हैं।
मनोज तिवारी ने की मनीष कश्यप की तारीफ
मनोज तिवारी ने मनीष कश्यप की तारीफ करते हुए कहा कि एक गरीब घर-परिवार से निकाल कर आम जन की आवाज बनना कोई साधारण बात नहीं है। आज मनीष के घर पहुंचने के बाद मेरी नजरों में उनका कद और भी बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली का एमपी हूं लेकिन इतनी दूर चलकर आनेके पीछे का यही कारण है कि मनीष कश्यप के साथ जो घटना हुई है वो किसी और के साथ नहीं हो।
ईश्वर की मार मेंचोट नहीं होती
बीजेपी एमपी मनोज तिवारी ने यूट्यूबर मनीष कश्यप की मां को ढांढस बंधातेहुए कहा कि ईश्वर की मार में चोट नहीं होती। सबसे ऊपर ईश्वर की अदालत होती है। मनोज तिवारी के दरवाजे पर पहुंचते ही मधु देवी ने उन्हें गले से लगाया। उनकी आंखों सेआंसू छलक पड़े। मनोज तिवारी ने उनके आंसू पोछे और कहा कि सोना जितना तपता है, उतना ही कुंदन होता है।  मनोज तिवारी के इस दौरे के बाद मनीष कश्यप के बीजेपी में शामिल होने के कयास लगने लगे हैं।
मैं 1 करोड़ रुपये कर्जा में हूं, भाई की नौकरी गई... 
पटना हाईकोर्ट से बेल मिलने के बाद 23 दिसंबर को यू-ट्यूबर त्रिपुरारी तिवारी उर्फ मनीष कश्यप नौ महीने बाद बेउर जेल से रिहा हो गए। रिहा होने के बाद वह लगातार तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं।इस बीच उनका एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह काफी भावुक दिख रहे हैं। इस वीडियो में वह अपना दर्द सुनाते नजर आ रहे हैं। वीडियो में वह कह रहे हैं कि अरे क्यों किए मेरे साथ ऐसा, मुझे जेल डालते, मेरे परिवार के साथ ऐसा क्यों किया? मेरे परिवार को क्यों परेशान किए? मेरे भाई की नौकरी छूट गई।मैं आज कम से कम 1 करोड़ रुपये कर्जा में हूं। मेरा परिवार और मेरा भाई जब माफी मांगने गया तो आपलोगों ने कहा भगा दो इसे। मेरा परिवार डर गया था क्योंकि आपलोगों ने मेरे ऊपर NSA लगा दिया था। आपलोगों ने मुझे भारत का सबसे बड़ा अपराधी बना दिया। उन्होंने कहा कि एक कुरुक्षेत्र श्रीकृष्ण ने हरियाणा में बनाया था। एक कुरुक्षेत्र मैं बिहार में बनाऊंगा।
मनीष कश्यप गये थे जेल
मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों को लेकर कथित तौर पर फर्जी वीडियो शेयर करने का आरोप लगा था। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें अरेस्ट कर लिया था। बता दें कि मनीष कश्यप पर तमिलनाडु सरकार ने NSA लगा दिया था। यूट्यूबर मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी तिवारी लगभग नौ महीने बाद जेल से बाहर आ गये। मनीष को शनिवार को पटना की बेउर जेल से बेल पर रिहा कर दिया गया है।

17 मार्च को आया कुर्की-जब्ती का आदेश, 18 को किया सरेंडर
मझौलिया पुलिस ने इस केस में 17 मार्च 2023 को कोर्ट से कुर्की जब्ती आदेश प्राप्त किया था। कुर्की करने के लिए पुलिस पहुंची भी थी। 18 मार्च को मनीष कश्यप ने जगदीशपुर पुलिस स्टेशन में सरेंडर कर दिया था, क्योंकि तमिलनाडु मं बिहारी मजदूरों के साथ मारपीट मामले से संबंधित कथित वीडियो वायरल मामले में बिहार आर्थिक अपराध ईकाई की पुलिस जांच कर रही थी। इसलिए मझौलिया पुलिस मनीष को इस केस में रिमांड के लिए बेतिया कोर्ट में उपास्थापन नहीं करा सकी। बिहार आर्थिक अपराध ईकाई की पुलिस मनीष कश्यप को लेकर पटना चली गई। बिहार पुलिस की पूछताछ के बाद तमिलनाडु पुलिस ने भी उन्हें अरेस्ट कर लिया। तमिलनाडु पुलिस मनीष को मदुरै ले गई। तमिलनाडु पुलिस ने यूट्यूबर पर एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) की धाराओं में कार्रवाई शुरू कर दी। हालांकि बाद में मदुरै कोर्ट ने मनीष कश्यप पर लगे एनएसए को हटाने का आदेश जारी किया। बाद में मनीष अन्य मामले में मदुरई जेल चला गया। बाहरहाल मनीष कश्यप को बेतिया न्यायालय में उपस्थापन कराने की प्रक्रिया चलती रही। विगत 30 मई को सेंट्रल कारा मदुरई के सुपरिटेंडट द्वारा इस बाद में वांछित अभियुक्त त्रिपुरारी कुमार तिवारी उर्फ मनीष कश्यप को बेतिया न्यायालय में उपास्थापन के लिए एक अन्य तिथि देने का अनुरोध किया था।
कोर्ट ने सेंट्रल जेल मदुरई के सुपरिटेंडेंट के अनुरोध को कर दिया था अस्वीकार
12 जून को सेंट्रल कारा मदुरई के सुपरिटेंडेंट ने बेतिया कोर्टसे मनीष कश्यप का उपास्थापन कराने में असमर्थता व्यक्त करते हुए उसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थापन कराने का अनुरोध किया। सुपरीटेंडेंट ने वाट्सऐप नंबर भी दिया। लेकिन मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अभियुक्त के उपास्थापन कराने सुपरिटेडेंट को दिया था।
तमिलनाडु गवर्नमेंट ने मनीष पर लगाया था NSA
मनीष पर NSA लगाने के स्टेट गवर्नमेंट के फैसले को तमिलनाडु के गवर्नर रविंद्र नारायण रवि ने मंजूरी दे दी थी। मई माह में इसकी नोटिफिकेशन जारी कर दी गयी है।तमिलनाडु गवर्नमेंच ने पांच अप्रैल को मनीष कश्यप पर NSA लगाया था। नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के अनुसार आरोपी व्यक्ति को तीन महीने के लिए बिना जमानत के कस्टडी में रखा जा सकता है। इसकी अवधि बढ़ाई भी जा सकती है। कस्टडी में रखने के लिए आरोप तय करने की भी जरूरत नहीं होती। कस्टडी की अवधि को 12 महीने तक किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली थी राहत
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से भी मनीष कश्यप को झटका लगा है। कोर्ट ने मनीष कश्यप की सारी दलीलें खारिज करते हुए इस मामले में हाईकोर्ट जाने का आदेश दिया था। मनीष के वकील ने बिहार और तमिलनाडु में दर्ज सभी एफआईआर को क्लब करने, रेगुलर बेल देने और NSA हटाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मनीष पर तमिलनाडु में बिहारियों की पिटाई के फेक वीडियो प्रसारित करनेके आरोप हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया था इंकार
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला ने पूर्व की सुनवाई में कहा था कि तमिलनाडु एक शांत राज्य है। क्या आप कुछ भी प्रसारित करके राज्य में अशांति पैदा करेंगे। हम इन सब पर सुनवाई नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने मनीष कश्यप के खिलाफ सभी 19 एफआइआर को मिलाने और उन्हें बिहार ट्रांसफर करने की अनुरोध करनेवाली याचिका को भी खारिज कर दिया। बेल और तमिलनाडु सरकार की तरफ से लगाया गया NSA हटाने पर भी आदेश नहीं दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राहत के लिए हाई कोर्ट जाइए। यूटयूबर मनीष कश्यप ने तमिलनाडु पुलिस की ओर से लगाये गये राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून हटवाने, बिहार व तमिलनाडु में दर्ज अलग-अलग मामलों को एक जगह ट्रांसफर करने और बेल देने के लिए गुहार लगाई थी। मनीष कश्यप को यहां से भी राहत नहीं मिली।
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार और तमिलनाडु गवर्नमेंट से मांगा था जवाब
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर मनीष कश्यप की अर्जी पर सुनवाई करते हुए बिहार और तमिलनाडु गवर्नमेंट से जवाब मांगा है। कोर्ट ने दोनों स्टेट की गवर्नमेंट से कहा कि मनीष के खिलाफ दर्ज सभी पांच FIR को एक साथ क्लब किया जाए। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कृष्णा मुरारी की अगुवाई वाली बेंच ने केंद्र, तामिलनाडु और बिहार सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था। याचिकाकर्ता ने कहा है कि उनके खिलाफ दो स्टेट में पांच केस दर्ज किये गये हैं जिन्हें क्लब किया जाए। मनीष कश्यप की ओर से सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे पेश हुए।उन्होंने कहा कि याची के खिलाफ पांच केस दर्ज हुए हैं। यह केस तमिलनाडु और बिहार में दर्ज हुए हैं। याची के वकील के दलील दी कि अर्नब गोस्वामी केस का उदाहरण सामने हैं। एक मामले में कई जगह कार्रवाई नहीं चलाई जा सकती है।याची के वकील ने कहा कि वह कोर्ट से आग्रह करते हैं कि बिहार के केस के साथ बाकी केस भी क्लब कर दिया जाए। उन्हें तमिलनाडु में दर्ज केस में ले जाया जा रहा है और उन्हें भाषा की दिक्कत है, क्योंकि वहां की भाषा उन्हें समझ में नहीं आती है। सुप्रीम कोर्ट में तमिलनाडु सरकार की ओर से कपिल सिब्बल पेश हुए और कहा कि मनीष कश्यप ने जो किया है उससे कई लोगों की जान चली गई है। यह घटना साधारण घटना नहीं है। कश्यप को एनएसए के तहत कस्टडी में भी लिया गया है। वहीं, याची के वकील ने कहा कि कश्यप के खिलाफ दर्ज केस रद्द किया जाना चाहिए। तमिलनाडु पुलिस के एसपी के मुताबिक, तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमले का फर्जी विडियो मनीष कश्यप ने प्रसारित किया था। इस कारण उसे कस्टडी में लिया गया था। पांच अप्रैल को मदुरै की जिला कोर्ट में कश्यप को पेश किया गया था उसे ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा गया।
तमिलनाडु के मदुरई सेंट्रल जेल से लाया गया था पटना 
29 मार्च को तमिलनाडु पुलिस मनीष कश्यप को प्रोडक्शन वारंट पर अपने साथ चेन्नई ले गई थी। वहां मदुरई कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिस को तीन दिनों की रिमांड मिली थी, जिसमें उससे पूछताछ की गई थी। अभी फिलहाल वह 19 अप्रैल तक ज्यूडिशियल कस्टडी में है। मनीष के खिलाफ NSA के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। कई माह बाद मीष को पेशी के लिए बिहार लागाया गया था। कोर्ट के आदेश पर उसे पटना जेल में रखा गया है। 
मनीष के चार बैंक अकाउंट्स फ्रीज, लाखों रुपये हैं जमा
मनीष कश्यप के खिलाफ बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) पहले ही कार्रवाई करते हुए उसके यूट्यूब चैनल के बैंक अकाउंट्स को फ्रीज कर चुकी है। मनीष के अलग-अलग चार बैंक अकाउंट्स में कुल 42 लाख 11 हजार 937रुपये जमा हैं।