शादी-विवाह के लिए 25 नवंबर से शुभ मुहूर्त

कोरोना काल के लगभग आठ महीने के बाद शादी विवाह समेत अन्य शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त शुरू होने जा रहा है। देवउठानी एकादशी के दिन 25 नवंबर को पहली लग्न की शुरुआत होगी। इस दिन से विवाह सहित अन्य शुभ कार्य फिर से शुरू हो जायेंगे।

शादी-विवाह के लिए 25 नवंबर से शुभ मुहूर्त
  •  15 दिसंबर से खरमास,  आठ माह बाद आया शुभ मुहूर्त

धनबाद। कोरोना काल के लगभग आठ महीने के बाद शादी विवाह समेत अन्य शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त शुरू होने जा रहा है। देवउठानी एकादशी के दिन 25 नवंबर को पहली लग्न की शुरुआत होगी। इस दिन से विवाह सहित अन्य शुभ कार्य फिर से शुरू हो जायेंगे।इस वर्ष 25 नवंबर को देव प्रबोधिनी एकादशी के दिन विवाह का शुभ मुहूर्त है। इसलिए इस दिन विवाह व हर तरह के मांगलिक कार्य किये जाते हैं। इसके बाद  30 नवंबर को विवाह के मुहूर्त रहेंगे। दिसंबर में एक, सात, आठ, नौ और 11 तारीख को विवाह के मुहूर्त रहेंगे।

 15 दिसंबर से खरमास

इस वर्ष विवाह के लिए शुभ मुहूर्त 11 दिसंबर तक ही है। 15 दिसंबर से खरमास शुरू हो रहा है। खरमास माह में विवाह के लिए मुहूर्त नहीं रहते हैं। दिसबंर के बाद चार माह बाद सिर्फ अप्रैल में विवाह के मुहूर्त है।इस वर्ष सूर्य धनु राशि में 15 दिसंबर को प्रवेश कर रहे हैं, इसलिए दिसंबर में खरमास शुरू हो जायेगा।यह अगले साल 2021 के 14 जनवरी तक रहेगा। खरमास में विवाह व अन्य शुभ कार्य के लिए मुहूर्त नहीं होते हैं। इसलिए किसी प्रकार का शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इसके बाद 19 जनवरी से 16 फरवरी तक गुरु तारा अस्त रहेगा। इस दौरान विवाह के लिए मुहूर्त नहीं माना जाता है। फिर 16 फरवरी से 17 अप्रैल तक शुक्र तारा अस्त रहेगा। इसलिए 11 दिसंबर से अगले चार महीने तक विवाह के लिए शुभ मुहूर्त नहीं रहेंगे। यानी अगले वर्ष 22 अप्रैल को पहला विवाह मुहूर्त है।

 2020 में विवाह मुहूर्त

वर्ष 2020 में जनवरी व फरवरी माह में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त थे, इसलिए विवाह हुए, लेकिन मार्च माह में होलाष्टक के कारण मुहूर्त नहीं थे। इसके बाद कोरोना वायरस के कारण, मई माह में मुहूर्त होने के बावजूद जिला प्रशासन के आदेश अनुसार बेहद कम शादियां हुईं। फिर अनलॉक शुरू होने के दौरान 31 मई से 8 जून तक शुक्र तारा अस्त होने से शादी विवाह के लिए मुहूर्त नहीं थे। जून माह में सिर्फ सात दिन मुहूर्त थे। इसके बाद 1 जुलाई को एकादशी पर देवशयन हो गया और चातुर्मास लग गया। अधिक मास की वजह से इन पांच महीनों में कोई शुभ मुहूर्त नहीं है। अब सीधे 25 नवंबर से ही विवाह और अन्य शुभ कार्य के लिए शुभ मुहूर्त प्रारंभ हो रहे हैं।