नये कोरोना स्ट्रेन के खिलाफ भी कारगर हो सकती है एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका को कोरोना के नये स्ट्रेन के खिलाफ भी कारगर माना जा रहा है। नये आंकड़ों के आधार पर कंपनी के हवाले से ब्रिटेन की मीडिया ने यह दावा किया है।

नये कोरोना स्ट्रेन के खिलाफ भी कारगर हो सकती है एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन
  • कंपनी के सीईओ ने जताई उम्मीद

लंदन। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका को कोरोना के नये स्ट्रेन के खिलाफ भी कारगर माना जा रहा है। नये आंकड़ों के आधार पर कंपनी के हवाले से ब्रिटेन की मीडिया ने यह दावा किया है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोरोना का कोविशील्ड टीका वायरस के नये संक्रमण के लिए प्रभावी है। ब्रिटेन के एक मीडिया रिपोर्ट में यह कहा गया है। ब्रिटिश ड्रग्स ग्रुप एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित कोविड-19 वैक्सीन ने 'जीत का फॉर्मूला' हासिल कर लिया है। कंपनी के सीईओ पास्कल सोरियोट ने यह बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह वैक्सीन 100 प्रतिशत सुरक्षित है। सोरियोट ने यह भी कहा कि वैक्सीन को इसी हफ्ते ब्रिटिश स्वास्थ्य नियामक से मंजूरी मिल सकती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह वैक्सीन कोरोना वायरस के नए संक्रामक स्ट्रेन के खिलाफ भी यह प्रभावी साबित होगी।
गंभीर संक्रमण को रोकने में 100 परसेंट कारगर है ये वैक्सीन

एस्ट्राजेनेका के सीईओ पास्कल सोरियोट ने कहा कि नवीनतम डाटा के मुताबिक वैक्सीन फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन की तरह 95 परसेंट सुरक्षित और गंभीर संक्रमण रोकने में 100 परसेंट कारगर है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह वैक्सीन कोरोना वायरस के नये स्ट्रेन के खिलाफ भी प्रभावी रहनी चाहिए।पास्कल ने कहा कि हमें लगता है कि हमने जीत के फॉर्मूले और इसे प्रभावी बनाने का पता लगा लिया है, दो खुराक के बाद यह हर किसी में प्रभावी रही है।
वहीं, लंदन के अखबार 'द संडे टाइम्स' ने एक सीनीयर गवर्नमेंट अफसर के हवाले से कहा है कि वैक्सीन को मंजूरी मिलने के तुरंत बाद सबसे पहले 1.2 से 1.5 करोड़ लोगों यह वैक्सीन लगाई जायेगी।ये वो लोग हैं जिन्हें कोरोना से संक्रमित होने पर हॉस्पीटल में एडमिट करने की जरूरत पड़ सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार ऑक्सफोड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को ब्रिटिश स्वास्थ्य नियामक एजेंसी गुरुवार से पहले इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे सकती है। एक दिन पहले ही इंडिया ने कहा है कि ब्रिटेन में मंजूरी मिलने के बाद वह भी इस बारे में फैसला करेगा। इंडिया में इस वैक्सीन को पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कोविशील्ड के नाम से तैयार कर रही है। इंडिया में जिन तीन वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिलने की उम्मीद है, उनमें कोविशील्ड सबसे आगे है। इसके अलावा फाइजर और भारत बायोटेक ने भी मंजूरी के लिए दवा नियामक के यहां आवेदन किया है।