बिहार में मंकी पाक्स को लेकर अलर्ट, गवर्नमेंट ने जारी की गाइडलाइन

WHO द्वारा मंकी पाक्स जैसी महामारी को लेकर हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने और दिल्ली, केरल के साथ चार स्टेट में संक्रमित मिलने के बाद बिहार में भी इस बीमारी को लेकर एलर्ट जारी किया है। हेल्थ डिपार्टमेंट ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। जिलों को इस बीमारी के मद्देनजर विस्तृत गाइडलाइन भी भेज दी है। 

बिहार में मंकी पाक्स को लेकर अलर्ट, गवर्नमेंट ने जारी की गाइडलाइन
  • इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

पटना। WHO द्वारा मंकी पाक्स जैसी महामारी को लेकर हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने और दिल्ली, केरल के साथ चार स्टेट में संक्रमित मिलने के बाद बिहार में भी इस बीमारी को लेकर एलर्ट जारी किया है। हेल्थ डिपार्टमेंट ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। जिलों को इस बीमारी के मद्देनजर विस्तृत गाइडलाइन भी भेज दी है। 

यह भी पढ़ें:उत्तर प्रदेश:अलीगढ़ में टिर्पल मर्डर, प्रॉपर्टी विवाद में बेटे ने बुजुर्ग माता-पिता और तीन साल की भतीजी का किया कत्ल
हेल्थ डिपार्टमेंट ने जिलों से कहा है कि हालांकि स्टेट में अब तक मंकी पाक्स के संक्रमण का कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। लेकिन प्रदेश के किसी भी हिस्से में ऐसा कोई मामला दिखता है तो अविलंब इसकी सूचना हेल्थ हेडक्वार्टर को भेजी जाए। 

विदेश से आने वालों पर विशेष नजर

स्टेट के सर्विलांस अफसर डा. रणजीत कुमार ने बताया कि मंकी पाक्स का प्रदेश में अब तक कोई भी मामला रिपोर्ट नहीं किया गया है। इसके बावजूद जिलों को डिटेल दिशा निर्देश जारी किये गये हैं। निर्देश में कहा गया है कि विदेशों से पिछले 21 दिनों में यात्रा कर लौटने वाले व्यक्तियों पर नजर रखी जाए।
चेहरे, हथेलियों व पैरों के तलवे में आने लगते हैं चकत्ते
हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से जिलों को जानकारी दी गई है कि मंकी पाक्स के प्रारंभिक लक्षणों में बुखार के साथ सिरदर्द, कमजोरी, जैसे लक्षण होते हैं। यह एक प्रकार का वायरस है जो बीमारी वाले व्यक्ति के संपर्क में आने हो सकता है। इस बीमारी के संक्रमित व्यक्ति में चेहरे, हथेलियों व पैरों के तलवे में चकत्ते नजर आने लगते हैं। इसका असर दो से चार सप्ताह रह सकता है। 
पेसेंट को आइसोलेशन में रखने के निर्देश

जिलों से कहा गया है यदि इस प्रकार का कोई भी केस मिलता है तो उसकी संपर्क लिस्ट तैयार की जाए। लक्षण वाले पेसेंट को आइसोलेशन में रखने के निर्देश भी दिये गयेहैं। जिलों को ऐसे रोगियों के सैंपल कलेक्ट करने के निर्देश भी दिये गये हैं। सैंपल कलेक्ट करने के बाद सैंपल को एपेक्स लैब चेन्नई भेजा जायेगा। कोरोना की तरह मास्क, सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टैंसिंग मंकी पाक्स से भी बचाव का सबसे बेहतर उपाय है। 

मंकी पाक्स के लक्षण  
त्वचा में लाल दाने या चकत्ते, इनकी शुरुआत चेहरे से होती है जो बांह, पैर, हथेली से लेकर तलवे तक फैल जाते हैं। 
गर्दन, कांख, छाती व पेट स्थित लिम्फ नोड्स में सूजन के अलावा सिर व मांसपेशियों में दर्द, थकावट, गले में खराश व कफ इसके मुख्य लक्षण हैं। 
आंखों में दर्द, धुंधला दिखना, सांस लेने में दिक्कत, छाती में दर्द, पेशाब की मात्रा में कमी और बदहवासी जैसी परेशानी होती है। 

संक्रमित के संपर्क में आने के 21 दिन बाद तक उभरते लक्षण  

कोरोना की तरह मंकी पाक्स भी सीधे शारीरिक संपर्क, शरीर के तरह पदार्थों के संपर्क में आने, यौन संबंध, समलैंगिक यौन संबंध, संक्रमित के कपड़े, चादर व तौलिया इस्तेमाल करने, लंबे समय तक संक्रमित की सांस के संपर्क में रहने से दूसरे को हो सकता है। संक्रमित के संपर्क में आने के 21 दिन बाद तक दूसरे में लक्षण उभर सकते हैं। कोरोना की तरह मंकी पाक्स भी एक संक्रामक वायरल रोग है जो कि एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। अबतक केरल में तीन और दिल्ली में मंकी पाक्स का संक्रमित मिल चुका है। प्रदेश में हर दिन बड़ी संख्या में लोग दिल्ली व केरल से आते हैं। कोरोना की तीन लहरों में साबित हो चुका है कि हर बार संक्रमण की शुरुआत अन्य स्टेट से ही हुई थी।