असम: कीचड़ में घुसकर कछार बाढ़ प्रभावित लोगों तक पहुंच रही महिला IAS अफसर

असम में एक महिला आईएएस अफसर बाढ़ से प्रभावित लोगों तक पहुंचने के लिए कीचड़ में घुसने में भी नहीं हिचकिचाती हैं। कछार जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों में IAS अफसर सह डीसी कीर्ति जल्ली फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। लोग इस डीसी की बाढ़ प्रभावित लोगों तक पहुंचने के लिए जमकर प्रशंसा कर रहे हैं।

असम: कीचड़ में घुसकर कछार बाढ़ प्रभावित लोगों तक पहुंच रही महिला IAS अफसर
  • डीएम कीर्ति जल्ली कीचड़ में चल लोगों के बीच जाकर सुन रही हैं समस्याएं 

गुवाहाटी। असम में एक महिला आईएएस अफसर बाढ़ से प्रभावित लोगों तक पहुंचने के लिए कीचड़ में घुसने में भी नहीं हिचकिचाती हैं। कछार जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों में IAS अफसर सह डीसी कीर्ति जल्ली फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। लोग इस डीसी की बाढ़ प्रभावित लोगों तक पहुंचने के लिए जमकर प्रशंसा कर रहे हैं।

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साड़ी पहने कीचड़ में घुस गयी डीसी कीर्ति जल्ली

असम का कछार जिला हाल ही में आई बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से एक है। जिले भर के 259 राहत शिविरों में अब भी 54,000 से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं। डीसी कीर्ति जल्ली ने बुधवार को बोरखोला विकास खंड और अन्य हिस्सों के तहत विभिन्न बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था। वह साड़ी पहने कीचड़ भरे इलाकों में घूमते दिख रही है। यह वीडियो प्रारंभ में जिला प्रशासन के फेसबुक पेज पर शेयर किये थे। फोट में दिख रहा है कि डीसी कीर्ति जल्ली लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुन रही हैं। वे कीचड़ में चल रही हैं। लोग कीर्ति जल्ली की फोटो शेयर कर उनकी जमकर तारीफ कर रहे हैं।  कह रहे हैं कि 'ऐसे होते हैं IAS अफसर।'  
निचले इलाकों का दौरा करना चाहती हैं महिला अफसर
जल्ली ने कहा कि वे असली समस्याओं का आकलन करने के लिए निचले इलाकों का दौरा करना चाहती हैं। जो जिला प्रशासन और सरकार को भविष्य के लिए बेहतर कार्य योजना बनाने में मदद कर सकता है। उन्होंने बताया कि लोकल लोगों ने कहा कि वे पिछले 50 वर्षों से एक ही समस्या का सामना कर रहे हैं। हमने सोचा कि हमें वहां जाने और वास्तविक मुद्दों को देखने की जरूरत है। उसके लिए सबसे अच्छा समय बाढ़ के दौरान होता है। 
पहली बार कोई डीसी पहुंचा गांव
लोकल लोगों ने बताया कि यह पहला मौका है जब जिले के डीसी उनके गांवों का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने बराक नदी के उफान से होने वाली बाढ़ के कारण हर साल होने वाली पीड़ाओं के बारे में विस्तार से बताया। डीसी ने कहा कि वे गांवों की सुरक्षा पर जोर देने जा रही हैं ताकि भविष्य में नुकसान को कम किया जा सके। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, कछार के अनुसार, इस वर्ष 291 गांवों में 163,000 से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में आ गये हैं। कछार में 11,200 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। जबकि 5,915 हेक्टेयर फसल क्षेत्र जलमग्न हो गया है।