नई दिल्ली: साध्वी प्रज्ञा BJP में शामिल, भोपाल से मिला टिकट, दिग्विजय को देंगी टक्कर

नई दिल्ली: साध्वी प्रज्ञा बीजेपी में शामिल हो गई हैं. बीजेपी ने साध्वी को एक्स सीएम व भोपाल से कांग्रेस कैंडिडेट दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा है. बीजेपी ने भोपाल से साध्वी प्रज्ञा को टिकट दिया है. पार्टी ने बुधवार को मध्यप्रदेश से चार उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है जिसमें भोपाल सीट से साध्वी प्रज्ञा, गुना सीट से के पी यादव, सागर से राज बहादुर सिंह, विदिशा से श्री रमाकांत भार्गव को टिकट दिया . साध्वी प्रज्ञा ने टिकट मिलने के बाद कहा कि हम तैयार हैं और अब उसी कार्य में लग गई हूं. दिग्विजय सिंह ने भी साध्वी प्रज्ञा के लिए एक संदेश शेयर किया है. दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि मैं साध्वी प्रज्ञा जी का भोपाल में स्वागत करता हूं. आशा करता हूं कि इस रमणीय शहर का शांत, शिक्षित और सभ्य वातावरण साध्वी जी को पसंद आयेगा. मैं मां नर्मदा से साध्वी जी के लिए प्रार्थना करता हूँ और नर्मदा जी से आशीर्वाद माँगता हूँ कि हम सब सत्य, अहिंसा और धर्म की राह पर चल सकें. नर्मदे हर! साध्वी प्रज्ञा पहले एक्स सीएम सीनीयर बीजेपी लीडर शिवराज सिंह चौहान, राम लाल और प्रभात झा से मुलाकात करने के बाद बीजेपी में शामिल हो गयी. पार्टी में शामिल होने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि मैं आधिकारिक तौर पर भाजपा में शामिल हो गई हूं. उन्होंने कहा कि मैं चुनाव लडूंगी भी और जीतूंगा भी. उल्लेखनीय है कि साध्वी प्रज्ञा मालेगांव ब्लास्ट के बाद से चर्चा में आयी थी. वर्ष 2007 में साध्वी प्रज्ञा भारती राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड में भी आरोपित थीं.कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया. प्रज्ञा इतिहास में पीजी की डिग्री लेने के साथ एबीवीपी में भी एक्टिव मंबर रह चुकी है. एमपी के भिंड जिले कछवाहा गांव में जन्मी साध्वी प्रज्ञा के पिता आरएसएस के स्वयंसेवक व आयुर्वेदिक चिकित्सक थे. साध्वी आरएसएस व एबीवीपी की सक्रिय सदस्य तथा बीएचपी की महिला विंग दुर्गा वाहिनी से भी जुड़ी रही है. वह वर्ष 2002 में 'जय वंदे मातरम जन कल्याण समिति' का गठन किया. स्वामी अवधेशानंद से प्रभावित होकर संन्यास लिया. मालेगांव ब्लास्ट में नाम आने से उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गयी. कोर्ट ने उन पर लगे मकोका एक्ट को कुछ समय बाद हटा लिया था.गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला चला. देवास कोर्ट ने आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड से वर्ष 2017 में उन्हें बरी कर दिया. साध्वी को प्रयागराज कुभ के दौरान 'भारत भक्ति अखाड़े' का आचार्य महामंडलेश्वर घोषित किया गया था. प्रज्ञा ठाकुर अब आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी पूर्णचेतनानंद गिरि के नाम से जानी जाती हैं.