धनबाद:बीजेपी एमपी पीएन सिंह ने कहा-कांग्रेस जिलाध्यक्ष भले ही दूसरे दल से हैं,लेकिन वोट हमको ही दिलाते हैं

  • राजपूत कल्याण मंच के होली मिलन में एमपी व समाज के अन्य लोगों का जुटान
  • न्याय की लड़ाई लड़तासिंह मैंशन:रागिनी सिंह
  • एमएलए पूर्णिमा नीरज सिंह नहीं पहुंची
धनबाद। बीजेपी एमपी पीएन सिंह ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष बजेंद्र प्रसाद सिंह पर चुटकी लेते हुए कहा कि ये बार-बार मुझपर आरोप लगाते हैं कि पीएन की गलती से यह काम नहीं हुआ। मैं लोगों से पूछना चाहता हूं कि जब मैं कानून मंत्री था तब बजेंद्र सिंह को एपीपी बनाया था। ये कांग्रेस के नेता थे। तब हमारी शिकायत मुख्यमंत्री तक गई। मुख्यमंत्री को हमे सफाई देनी पड़ी। क्या ये मेरी गलती थी? पीएन सिंह ने कहा कि मैंने अपनी सफाई में मुख्यमंत्री से इतना ही कहा कि ये भले ही कांग्रेस के नेता हैं, लेकिन वोट हमको दिलाते हैं। पार्टी लाइन पर इनकी मजबूरी है मेरे खिलाफ बोलना, लेकिन बजेंद्र सिंह मेरे शुभचिंतक हैं। मुझपर इनका आशिर्वाद रहता है। एमपी ने कहा कि अभी राज्य में झामुमो-कांग्रेस की सरकार है। ये किसी भाजपा के व्यक्ति को कुछ बनाये।मंच पर बैठे कांग्रेस जिलाध्यक्ष से पीएन ने कहा कि आपकी सरकार ऐसा नहीं कर सकती है। पीएन के बयान पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष बजेंद्र सिंह ने हंसते हुए कहा कि अंत में बोलने का फायदा नहीं उठाइये। पीएन व ब्रजेंद्र रविवार को राजपूत कल्याण मंच की ओर से बेकारबांध स्थित ब्लेसिंग हॉल में आयोजित होली मिलन समारोह में पहुंचे थे। दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गुलाल लाकर होली की बधाई दी। समारोह में राजपूत समाज के बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की। दहेज जैसे कुरीति से मुक्ति का किया आह्वान एमपी पीएन सिंह ने दहेज जैसे कुरीति से समाज और देश को मुक्ति दिलाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आज बेटी की शादी के लिए पिता की चप्पलें घीस जाती है। बिना तिलक दहेज के शादी संभव नहीं होती। अब तो देखादेखी से आगे लड़कियों का इंटरव्यू भी लिया जा रहा है। ये इंटरव्यू लड़के की मां, बहन या भाभी लेती हैं। इसके बाद भी हमारे पास लोग आ रहे हैं कि शादी के बाद लड़का छोड़ दिया या लड़की छोड़ दी और ये अच्छी संख्या में आ रहे हैं। हमे इस ओर भी देखना होगा। उन्होंने कहा कि हमारा सपना हो कि यह समाज इन कुरीतियों से मुक्त हो। आज सामर्थवान लोग इस दिशा में आगे बढ़े हैं, जो पारिवारिक मेलजोल व एक दूसरे की पसंद का ख्याल रखते हुए बिना कुछ लिए दिए शादी कर रहे हैं। यहां तक तो बात पहुंच गई है, लेकिन बात इससे आगे भी पहुंचानी है। इसके लिए आपसी मेलजोल बढ़ानी होगी। उन्होंने कहा कि आज हम अपने पड़ोसी तक को नहीं पहचानते। ऐसे में अमेरिका, यूरोप और अरब के देशों में रहने वाले अपने समाज के लोगों को कैसे पहचानेंगे? इसके लिए उन्होंने एक प्लेटफॉम की जरुरत बतायी। साथ ही प्लेटफॉम प्रदान करने के लिए राजपूत कल्याण मंच को इसके लिए बधाई दी। समाज के मंच पर आने से डरते हैं नेता पीएन सिंह ने कहा कि सन 1994 में यमुना बाबू ने राजपूत विचार मंच का गठन किया था। तब उस मंच पर कोई भी नेता जाने को तैयार हुआ। लोग डरते थे कि इससे चुनाव में नुकसान होगा। तब मैंने कहा था कि हम किसी भी मंच से समाज में किसी के प्रति दूर्भावना नहीं फैलाते हैं। हम तो सदभावना फैलाने व एक दूसरे को जोड़ने की बात करते हैं। हम राजपूतों का यहीं इतिहास रहा है कि समाज में सदभावना फैलाए, हर वर्ग को जोड़कर चले और सुरक्षित रखें। उन्होंने कहा कि ये राजपूतों में आज भी है। अंग्रेजो ने ऐसे ही राजपूतों को वीर वारियर नहीं कहा था। एमपी ने कहा कि राजपूतों को एक आना फायदा हो और 15 आना नुकसान हो तो वे 15 आना नुकसान पहुंचाने से परहेज नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि तलवार राजपूत योद्धाओं का सिंबोलिक है और राजतंत्र का भी। आज लोकतंत्र में बहस हो रही है कि कमल बड़ा या तलवार। हम लोगों को प्रेरित कर रहे है कि वे कलम की तरफ बढ़ें। क्योंकि कलम की ताकत से ही आज देश और समाज में बदलाव संभव है। बिना पढ़े-लिखे किसी भी समाज का उत्थान नहीं हो सकता है। झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह की पत्नी व बीजेपी लीडर रागिनी सिंह ने कहा है कि पहले तलवार से लड़ाई लड़ी जाती थी। अब बंदूक-गोली से लड़ाई हो रही है। सिंह मैंशन न्याय की लड़ाई लड़ता रहा है और भविष्य में भी लड़ता रहेगा। एमपी पीएन सिंह ने समाज की हौसला अफजाई की। उन्होंने तलवार का प्रदर्शन किया लेकिन कलम की जमकर तारीफ की। समाज को दहेज प्रथा से मुक्त कराने का आह्वान किया। बरवाअड्डा स्थित विज्ञान भवन कॉलोनी में बनेगा मंच का भवन राजपूत कल्याण मंच का अपना भवन बरवाअड्डा स्थित विज्ञान भवन कॉलोनी में बनेगा। समारोह में उपेंद्र सिंह के द्वारा मंच को जमीन अनुदान करने की घोषणा के बाद यह निर्णय ले लिया गया। मंच का खुद का भवन हो इसपर वक्ताओं की ओर से इस महाधिवेशन में विशेष जोर रहा। प्रदीप सिंह, ब्रजेन्द्र सिंह ने इस मुद्दे को विशेष तौर से उठाया।समारोह में समाज के उपेंद्र सिंह ने मंच को जमीन दान करने की घोषणा की। उनकी इस घोषणा के बाद भवन निर्माण हेतु समाज से कई और भी लोग अपने अपने सामर्थ से सहयोग करने आगे आए।चंदेल इंटरप्राइजेज के जितेंद्र सिंह ने भवन निर्माण हेतु ईट देने की घोषणा की।पवन सिंह ( पिता - हरेंद्र सिंह) ने भवन निर्माण के लिए 50 बोरा सीमेंट तथा पारस सिंह ने कैश एक लाख रुपये देने की घोषणा की। मंच के अध्यक्ष गिरीश सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुए उन सभी लोगो का आभार जताया जिन्होंने आगे बढ़कर मंच को आर्थिक रूप से मदद करने में अपना हाथ आगे बढ़ाया है। चीफ गेस्ट पीएन सिंह ने दीप प्रज्वलीत कर होली मिलन समारोह का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के अंत में सभी के एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली की बधाई दी। कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं ने स्पेशल गेस्ट व बीजेपी लीडर रागिनी सिंह को गुलाल कर होली खेला। मौके पर जगनारायण सिंह, डा एके सिंह, अरुण सिंह, अमरेश सिंह, कामेश्वर सिंह, हरेंद्र सिंह, प्रदीप सिंह, जीतेंद्र सिंह समेत अन्य लोग उपस्थित थे। नहीं पहुंची पूर्णिमा सिंह राजपूत कल्याण मंच के होली मिलन समारोह में झरिया एमएलए पूर्णिमा नीरज सिंह और बीजेपी लीडर रागिनी सिंह को भी आमंत्रित किया गया था। लोग एक मंच पर पूर्णिमा और रागिनी को देखना चाहते थे। होली मिलने समारोह शुरू होते ही रागिनी सिंह तो पुहंचीं, लेकिन पूर्णिमा सिंह अंत तक समारोह में नहीं पहुंचीं।राजपूत कल्याण मंच के सह कोषाध्यक्ष ने कहा कि शनिवार की शाम को जब एमएलए से बात हुई थी तो उन्होंने कार्यक्रम में आने को कहा था। आज अभी तक क्यों नहीं पहुंचीं, कह नहीं सकता। पुरानी पारिवारिक रंजिश झारखंड विधानसभा चुनाव- 2019 में झरिया विधानसभा क्षेत्र में पूर्णिमा और रागिनी (दोनों गोतनी) के बीच टक्कर हुई थी। पूर्णिमा कांग्रेस तो रागिनी बीजेपी कैंडिडेट थीं। पूर्णिमा सिंह की जीत हुई। पूर्णिमा धनबाद के एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह की पत्नी हैं। रागिनी एक्स एमएलए संजीव सिंह की पत्नी हैं। नीरज और संजीव चचेरे भाई हैं। नीरज की हत्या के आरोप संजीव सिंह जेल में हैं।