पश्चिम बंगल: ममता बनर्जी चुनी गईं टीएमसी विधायक दल की नेता, पांच मई को तीसरी बार सीएम पद की लेंगी शपथ

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को सर्वसम्मति से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक दल का नेता चुना गया है। विधानसभा में 213 सीटों के साथ प्रचंड जीत के बाद पार्टी सुप्रीमो व ममता बनर्जी ने सोमवार को नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक कीं।

पश्चिम बंगल: ममता बनर्जी चुनी गईं टीएमसी विधायक दल की नेता, पांच मई को तीसरी बार सीएम पद की लेंगी शपथ

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को सर्वसम्मति से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक दल का नेता चुना गया है। विधानसभा में 213 सीटों के साथ प्रचंड जीत के बाद पार्टी सुप्रीमो व ममता बनर्जी ने सोमवार को नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक की।

तृणमूल मुख्यालय में आयोजित बैठक के दौरान पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों ने ममता को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना। बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेस में पार्टी के महासचिव व राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने बताया कि आगामी पांच मई, बुधवार को शपथ ग्रहण समारोह होगा। ममता बनर्जी लगातार तीसरी बार सीएम पद की शपथ लेंगी। सीएम के अलावा कैबिनेट के अन्य सदस्य भी इस दिन शपथ लेंगे। इसके साथ ही छह मई से विधानसभा का भी सत्र आयोजित किया जायेगा। इसमें सभी नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जायेगी।

चटर्जी ने बताया कि बैठक के दौरान प्रोटेम स्पीकर का भी चुनाव किया गया है। विधानसभा के निवर्तमान अध्यक्ष विमान बनर्जी को ही इस बार प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है। बनर्जी ही सभी एमएलए को शपथ दिलाएंगे। बैठक के दौरान ममता ने चुनाव में प्रचंड जीत के लिए बंगाल की जनता व उनका साथ देने वाले सभी लोगों का भी आभार जताया। उन्होंने कार्यकर्ताओं का भी धन्यवाद किया। 
बैठक में ममता ने इस दौरान कहा कि मौजूदा समय में कोविड-19 से निपटना उनकी पहली प्राथमिकता है। ममता ने एक दिन पहले ही साफ कर दिया था कि इस बार कोविड-19 के चलते बड़े स्तर पर शपथ ग्रहण समारोह नहीं होगा।

गवर्नर से मिलकर पेश किया दावा
ममता बनर्जी आज शाम सात बजे गवर्नर जगदीप धनखड़ से मुलाकात कर सरकार गठन का दावा पेश की। ममता को सरकार बनाने का आमंत्रण दिया गया। 

नंदीग्राम से हार खिलाफ कोर्ट जायेगी 
नंदीग्राम में हार के बाद ममता बनर्जी ने गड़बड़ी का आरोप लगाकर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। दोबारा मतगणना की मांग की है। संविधान के मुताबिक, ममता बनर्जी विधानसभा का सदस्य नहीं होते हुए भी सीएम बन सकती हैं, लेकिन छह महीने के भीतर उन्हें निर्वाचित होना होगा। तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया है। लगातार तीसरी बार राज्य की सत्ता अपने पास बरकरार रखी है। निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित अंतिम परिणाम के अनुसार पार्टी को 292 विधानसभा सीटों में से 213 पर जीत हासिल हुई है। बीजेपी 77 सीटों पर विजयी रही है।राष्ट्रीय सेकुलर मजलिस पार्टी के चिह्न पर चुनाव लड़ने वाली आईएसएफ को एक सीट मिली है। एक निर्दलीय प्रत्याशी भी जीत दर्ज करने में सफल रहा है। तृणमूल कांग्रेस का प्रदर्शन इस बार 2016 के विधानसभा चुनाव से भी बेहतर रहा जब इसे  211 सीट मिली थीं। बीजेपी ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस को उखाड़ फेंकने में सफल नहीं हो पाई, लेकिन यह पहली बार है जब वह बंगाल में मुख्य विपक्षी दल बन गई है। बीजेपी को 2016 के विधानसभा चुनाव में महज तीन सीट मिली थीं। राज्य में दशकों तक शासन करनेवाले वाम मोर्चा और कांग्रेस का इस बार खाता भी नहीं खुला है। आईएसएफ के साथ उनके गठबंधन को आठ प्रतिशत से भी कम वोट मिले हैं।