West Bengal: कोल माफिया राजू झा मर्डर केस का तार धनबाद के गैंगेस्टर से जुड़े होने की आशंका

पश्चिम बंगाल पूर्व बर्दवान जिले के शक्तिगड़ स्थित एनएच- 19 पर एक अप्रैल की रात हुई कोल माफिया सह बीजेपी लीडर राजू झा की मर्डर के तार धनबाद से जुड़ रहे हैं। इस मर्डर में धनबाद के गैंगस्टर के शामिल होने की संभावना जतायी जा रही है। मामले की जांच कर रही बंगाल पुलिस झारखंड पुलिस के संपर्क में है।

West Bengal: कोल माफिया राजू झा मर्डर केस का तार धनबाद के गैंगेस्टर से जुड़े होने की आशंका
  • बंगाल पुलिस झारखंड पुलिस के संपर्क में 
  • CCTV फुटेज से मिली नयी जानकारी

आसनसोल। पश्चिम बंगाल पूर्व बर्दवान जिले के शक्तिगड़ स्थित एनएच- 19 पर एक अप्रैल की रात हुई कोल माफिया सह बीजेपी लीडर राजू झा की मर्डर के तार धनबाद से जुड़ रहे हैं। इस मर्डर में धनबाद के गैंगस्टर के शामिल होने की संभावना जतायी जा रही है। मामले की जांच कर रही बंगाल पुलिस झारखंड पुलिस के संपर्क में है।
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बंगाल पुलिस ने विभिन्न बिंदुओं पर जांच को आगे बढ़ा रही है। मर्डर में प्रयुक्त नीली कार को शूटरों ने शक्तीगढ़ स्टेशन रोड में छोड़ दिया था। पुलिस ने कार जब्त कर लिया था। कार में कई नंबर प्लेट और गोली का खोखा मिला था। बंगाल पुलिस घटनास्थल से लेकर अन्य क्षेत्र में लगे CCTV फुटेज खंगाली है। राजू झा मर्डर केस की जांच कर रही पुलिस बुधवार को कांकसा पुलिस स्टेशन एरिया के बासकोपा टोल प्लाजा पहुंची। कांकसा पुलिस स्टेशन पुलिस ने बासकोपा टोल प्लाजा के सीसीटीवी फुटेज को कलेक्शन किया है। फुटेज को  राजू मर्जांडर केस की जांच कर रही SIT की टीम को भेज दिया गया है।

सीसीटीवी फुटेज में राजू झा की मर्डर मामले में जिस नीले रंग की कार का यूज किया है वह कार शनिवार यानी एक अप्रैल को शाम छह बजकर 22 मिनट एक सेकेंड पर बासकोपा टोल प्लाजा से गुजरी थी। कार दुर्गापुर से होते हुए इस टोल प्लाजा को पार कर बर्दवान शक्तिगढ़ पहुंची थी।इसके पूर्व राजू झा जिस फॉर्च्यूनर पर सवार होकर कोलकाता जा रहे थे वह फॉर्च्यूनर क्रिमिनलों के कार से पहले ही टोल प्लाजा से गुजरी थी। पुलिस का कहना है कि क्रिमिनल दुर्गापुर से ही राजूझा की कार के पीछे- पीछे पूरी योजना बनाकर चल रहे थे। पुलिस का अनुमान है कि झारखंड के भी टोल प्लाजा में उस नीली कार को शनिवार की सुबह जाते और आते देखा गया था। इससे पता चलता है कि क्रिमिनल झारखंड से ही आये थे। पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा मैथन टोल प्लाजा का भी CCTV फुटेज खंगाला गया। मैथन टोल प्लाजा में लगे CCTV का फुटेज ने राजू झा मर्डर केस की जांच को नई दिशा दे दी। राजू की मर्डर में शूटरों के द्वारा प्रयुक्त नीली रंग की कार (WB06P 3454) एक अप्रैल यानी मर्डर के दिन सुबह में बंगाल से धनबाद की ओर गई है। वही कार फिर दोपहर में वापस बंगाल की ओर लौटी है।

मर्डर में उपयोग की गयी कार दिल्ली से हुई थी चोरी

बताया जा रहा है की राजू झा के मर्डर में उपयोग की गयी नीली कार हरियाणा गुड़गांव के रहने वाले किसी व्यक्ति की है। वे जनवरी महीने मे दिल्ली के जनकपुरी किसी कार्य से गया था, वहां उसने अपनी कार को सड़क के किनारे पार्क किया था, उसी दिन उसकी कार चोरी हो गई। इसकी रिपोर्ट भी उसने पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई है। वहीं कार मे लगी नंबर पश्चिम बंगाल के ही पातुली इलाके के रहने वाले की है। उसकी कार भी नीली रंग की थी पर उसका इंजन और चेचीस नंबर अलग था। हालांकि इस घटना को अंजाम देने के लिये ही उस नीली कार को शूटरों ने सिर्फ इस्तेमाल किया। उस कार को शक्तिगड़ स्टेशन रोड मे छोड़ कर फरार हो गये। पुलिस छानबीन में मर्डर में प्रयुक्त कार के अंदर गोलियों के खोखे पाये गये हैं। कार मे कई नंबर प्लेट भी पाये गये हैं, जिससे यह साबित होता है कि इस कार को शूटर अपराधिक घटनाओ को अंजाम देने के लिये ही इस्तेमाल करते थे। वह अपने मन मुताबिक उस नीली कार का नंबर प्लेट बदल लिया करते थे। ऐसे मे बंगाल पुलिस के लिये यह भी एक सवाल है की आखिरकार इस मर्डर को सुपारी देने वाला है कौन है..?

बंगाल पुलिस की धनबाद के गैंगस्टर्स पर नजर

पश्चिम बंगाल पुलिस से धनबाद और फिर धनबाद से बंगाल फिर रात में उसी कार पर सवार होकर शूटरों के द्वारा राजू झा की मर्डर करना, यह सब धनबाद के गैंगस्टर की ओर इशारा कर रहा है। ऐसे में आशंका है कि क्या राजू झा की मर्डर करने की सुपाड़ी लेने वाले ने धनबाद के शूटरों का सहयोग लिया है। बंगाल पुलिस इस बिंदु पर जांच कर रही है। मौके पर मौजूद लोगों ने देखा की राजू झा के वाहन मे चार लोग सवार थे, जिनमे से एक पहले ही कार से उतरकर चाय लेने गया था, बाकि के तीन लोग वाहन मे ही बैठे थे, जिसमे राजू झा भी मौजूद थे, पर फायरिंग के बाद वाहन मे बैठा एक शख्स गायब हो गया, आखिरकार वाहन मे बैठा वह चौथा व्यक्ति कौन था, और वह घटना के बाद क्यों मौके से भाग गया….? वहीं जब वाहन की जांच हुई तो पता चला की वह वाहन गाय तस्कर मामले मे फरार आरोपी बीरभूम जिले के अब्दुल लतीफ की है। वहीं आशंका यह भी जताया जा रहा है की गांड़ी मे बैठा वह चौथा शख़्स गौ तस्कर अब्दुल लतीफ ही था, जो गाय तस्करी मामले मे फरार चल रहा है। यही कारण है की वह क्रिमिनलों द्वारा की जा रही फायरिंग के दौरान गाड़ी के बीच वाले सीट के बिच छिप गया। जब फायरिंग बंद हुई तो वह मौका पाकर फरार हो गया। ऐसे मे एक कोल माफिया का एक गौ तस्कर से संबंध पुलिस के लिए उलझन बन गया है। इस कारण पुलिस शक्तिगड़ स्थित लगे सभी CCTV फुटेज खंगाल कर जांच की है। वहीं पॉलिटिकल मर्डर  व कॉन्ट्रेक्ट किलिंग के एंगल से भी मामले की जांच चल रही है।
मवेशी तस्कर अब्दुल लतीफ की थी  फॉर्च्यूनर  
पुलिस सोर्सेज का कहना है कि राजू झा बीरभूम जिले के पशु तस्करी से भी जुड़े थे।अजकल वह पशु तस्कर अब्दुल लतीफ के कारोबार को देख रहे थे। मर्डर के दौरान फरार अब्दुल लतीफ भी राजू झा के साथ  फॉर्च्यूनर  में था। राजू के इलम बाजार मवेशी हाट के सर्वेसर्वा' अब्दुल लतीफ से घनिष्ठ संबंध थे।सोर्सेज का कहना है कि राजू झा बीरभूम में लतीफ का बिजनेस बिना इनामुल के मैनेज कर रहे थे। वह गायों और कोयलेके साथ-साथ लतीफ का व्यवसायों की भी देखभाल कर रहे थे। राजू झा ने इस कारोबार में भारी निवेश किया था। राजू को जिस फॉर्च्यूनर में गोली मारकर मर्डर की गयी वह अब्दुल लतीफ का ही है। इलाम बाजार का अब्दुल लतीफ गौ तस्करी के सरगना इनामुल का करीबी था। लतीफ को सीबीआई ने भी तलब किया था, लेकिन अब्दुल लतीफ सीबीआई से बचने के लिए बांग्लादेश भाग गया था।

फ्लैश बैक
पूर्व बर्दवान जिलेके शक्तिगढ़ पुलिस स्टेशन एरिया अंतर्गत आमडा स्थित लेगचा हाट के पास दो नंबर हाईवे किनारे एक अप्रैल शनिवार की रात लगभग आठ बजे सफेद रंग के फॉर्च्यूनर में बैठे कोल माफिया राजू झा की नीले रंग की कार से आये क्रिमिनलों ने गोली मारकर मर्डर दी थी। इस घटना ना में राजू झा के साथी ब्रथिन मुखर्जी को भी गोली लगी है। ब्रथिन को इलाज के लिए बर्द्धमान के अनामय हॉस्पिटल एडमिट करवाया गया है। एक मामले में ED ने भी राजू झा को बुलाया था, ED के सामने हाजिर होने के पहले ही राजू झा की मर्डर कर दी गई। कहीं ऐसा तो नही की राजू को कोयला तस्करी मामले मे ईडी ने बुलाया था, राजू ईडी के सामने कोई ऐसा राज खोल सकता था जिस राज से किसी का पर्दाफाश हो सकता था। यह अब भी एक अनसुलझी गुत्थी है, जिसको सुलझाने की कोशिश चल रही है। मर्डर में प्रयुक्त नीले रंग की कार को पुलिस ने रविवार को लावारिस अवस्था में शक्तिगढ़ दो नंबर हाईवे स्थित रेलवे स्टेशन के किनारे से बरामद किया है। पुलिस ने जब कार की नंबर प्लेट की जांच की तो वह नंबर प्लेट फर्जी पाया गया है। कार मेंअन्य कई नंबर प्लेट भी मिले हैं। कार से पुलिस को शराब की कई बोतलें मिली है। आशंका है कि मर्डर के बाद क्रिमिनलों ने कार को रोड के किनारे खड़ा कर ट्रेन पकड़ कर फरार हो गये।
कोल माफिया से भाजपा नेता बनने तक राजू झा की कहानी.

बिहार के मूल निवासी राजू झा 1980 और 90 के दशक मे एक ट्रक ड्राइवर था। दरभंगा से राजू के पिता रानीगंज आकर बसे थे। उनका परिवार रानीगंज कलोनी नंबर 6 और सात में एनएच- दो पर रहता था। राजू ने 9 वीं क्लास तक की पढ़ाई की थी। वह कोयले के ट्रक ड्राइवर होने के कारण बहुत ही कम उम्र मे कोयले के धंधे की एबीसीडी पूरी तरह जान गया था। देखते ही देखते वह कोयले के अवैध धंदे का बेताज बादशाह बन गया। हालांकि शुरू में वह बंगाल की सत्ताधारी पार्टी सीपीएम का समर्थन करता था। बाद मे जब तृणमूल की सरकार बनी तो वह टीएमसी का समर्थन करने लगा। फिर 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव के समय वह खुलकर बीजेपी में शामिल हुआ। राजू एक एक्टिव नेता के रूप मे उभरने लगा। उसपर बांकूड़ा मे कोयला तस्करी मामले मे हुई केस मे उसे जेल की हवा खानी पड़ी, हाल के समय में वह होटल व्यवसाय पर ज्यादा ध्यान दे रहा था। राजनीती में उसकी दिलचस्पी घट गई थी।