सुप्रीम कोर्ट ने कहा- नेताओं के लिए अलग कानून नहीं, 14 विपक्षी दलों ने CBI-ED के खिलाफ दायर की याचिका वापस ली

सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों को बड़ा झटका लगा है। CBI-ED के मनमाने इस्तेमाल को लेकर 14 विपक्षी दलों की याचिका पर विचार करनेसेइनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि नेताओं के लिए अलग से गाइडलाइंस नहीं बना सकते हैं। इसके बाद विपक्षी दलों ने याचिका को वापस ले लिया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा-  नेताओं के लिए अलग कानून नहीं, 14 विपक्षी दलों ने CBI-ED के खिलाफ दायर  की याचिका वापस ली
  • 'एक ही कानून के अधीन हैं हम सभी'

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों को बड़ा झटका लगा है। CBI-ED के मनमाने इस्तेमाल को लेकर 14 विपक्षी दलों की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि नेताओं के लिए अलग से गाइडलाइंस नहीं बना सकते हैं। इसके बाद विपक्षी दलों ने याचिका को वापस ले लिया।

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चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने बुधवार को कहा कि राजनेताओं के लिए अलग से गाइडलाइन नहीं बनाई जा सकती। विपक्षी दलों ने कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद अपनी याचिका वापस ले ली। कांग्रेस के नेतृत्व में 14 विपक्षी दलों ने इस याचिका के माध्यम से सीबीआइ व ईडीजैसी जांच एजेंसियों के मनमाने इस्तेमाल का आरोप है।सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई से इनकार किये जाने के बाद विपक्षी दलों ने इस याचिका को वापस ले लिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नेताओं के लिए अलग-अलग दिशा-निर्देश नहीं बनाये जा सकते हैं।  

CBI-ED के मामलों में 600 परसेंट वृद्धि
विपक्षी दलों की ओर से पेश सीनीयर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क दिया कि 2013-14 से 2021-22 तक सीबीआई और ईडी के मामलों में 600 परसेंट की वृद्धि हुई है। ईडी द्वारा 121 नेताओं की जांच की गई है। इनमें से 95 परसेंट विपक्षी दलों से हैं। उन्होंने तर्क दिया कि सीबीआई ने 124 नेताओं की जांच की, जिनमें से 95 परसेंट से अधिक विपक्षी दलों से संबंधित हैं।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच में  जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी शामिल थे। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि विशेष मामले के तथ्यों के बिना सामान्य दिशा-निर्देश निर्धारित करना संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''नेताओं के लिए अलग गाइडलाइंस नहीं बना सकते।''

सुप्रीम कोर्ट ने आरोप लगाने वाले राजनीतिक दलों से कहा कि जब आपके पास कोई व्यक्तिगत आपराधिक मामला हो या कई मामले हों तो हमारे पास वापस आयें। किसी खास मामले के तथ्यों के बिना आम दिशा-निर्देश तय करना संभव नहीं है। कोर्ट ने कहा कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ ईडी और सीबीआई के ज्यादा केस दिखानेवाले आंकड़ों के आधार पर केवल नेताओं के लिए गाइडलाइन की मांग नहीं कर सकते हैं। उन्हें अभियोजन से कोई छूट नहीं मिलती है। कोर्ट ने कहा कि नेता आम नागरिकों के बराबर ही होते हैं। इसके बाद कोर्ट ने याचिका को वापस लेनेकी अनुमति दे दी।
''एक ही कानून के अधीन हैं हम सभी''
सुप्रीम कोर्ट  ने सिंघवी से पूछा कि क्या हम इन आंकड़ों की वजह से कह सकते हैं कि कोई जांच या कोई मुकदमा नहीं होना चाहिए? कोर्ट का कहना है कि अंततः एक नेता मूल रूप से एक नागरिक होता है और नागरिकों के रूप में हम सभी एक ही कानून के अधीन हैं।