उत्तर प्रदेश: कानपुर के प्रोर्पटी डीलर मनीष गुप्ता मर्डर केस में  इंस्पेक्टर-सब इंस्पेक्टरअरेस्ट

कानपुर के प्रापर्टी डीलर मनीष मर्डर केस में एक लाख के इनामी आरोपी रामगढ़ताल सस्पेंडे इंस्पेक्टर जगत नारायन सिंह और सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा को रविवार की शाम अरेस्ट हो गये। गोरखपुर पुलिस ने दोनों को रामगढ़ ताल थाने के पास तिराहे के पास से अरेस्ट किया है। दोनों कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में थे। पुलिस ने दोनों को SIT सौंप दिया है।

उत्तर प्रदेश: कानपुर के प्रोर्पटी डीलर मनीष गुप्ता मर्डर केस में  इंस्पेक्टर-सब इंस्पेक्टरअरेस्ट
  • कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में थे दोनों पुलिसकर्मी 
  • गोरखपुर पुलिस ने अरेस्ट कर SIT को सौंपा
  • एक-एक लाख रुपये का था इनाम
  • FIR में नेम्ड हैं छह पुलिसकर्मी, अभी चार की तलाश

गोरखपुर। कानपुर के प्रापर्टी डीलर मनीष मर्डर केस में एक लाख के इनामी आरोपी रामगढ़ताल सस्पेंडे इंस्पेक्टर जगत नारायन सिंह और सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा को रविवार की शाम अरेस्ट हो गये। गोरखपुर पुलिस ने दोनों को रामगढ़ ताल थाने के पास तिराहे के पास से अरेस्ट किया है। दोनों कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में थे। पुलिस ने दोनों को SIT सौंप दिया है।

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एसएसपी डा. विपिन ताडा ने बताया कि मनीष गुप्ता मर्डर केस में आरोपी इंस्पेक्टर जेएन सिंह और सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा को गिरफ्तार कर SIT के हवाले कर दिया गया है। दोनों कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में थे कि इससे पहले पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। वहीं एक आरोपित विजय यादव ने हाईकोर्ट में सरेंडर की अर्जी डाली है। 
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले फरार पुलिसकर्मियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। इनाम की राशि 24 घंटे के भीतर ही बढ़ाकर एक-एक लाख रुपये कर दी गई थी। घटना के बाद से दोनों पुलिसकर्मी फरार चल रहे थे। मामले की जांच कर रही एसआईटी टीम की सदस्य और डीसीपी साउथ रवीना त्यागी ने बताया था कि बर्रा-3 के जनता नगर निवासी मनीष की मौत के मामले में फरार चल रहे हत्यारोपित तत्कालीन इंस्पेक्टर अमेठी के मुसाफिरखाना निवासी जेएन सिंह, बलिया निवासी तत्कालीन एसआई अक्षय मिश्रा, जौनपुर बक्सा निवासी एसआई विजय यादव, मिर्जापुर निवासी एसआई राहुल दुबे, गाजीपुर निवासी मुख्य आरक्षी कमलेश यादव और गाजीपुर निवासी आरक्षी प्रशांत कुमार को सस्पेंड किया जा चुका है।
अरेस्टिंग के लिए सोशल मीडिया पर वायरल की गई थीं फोटो
फरार पुलिस कर्मियों की अरेस्टिंग के लिए पुलिस की छह टीमें लगी थीं। जल्द से जल्द गिरफ्तारी के लिए इन पर इनाम की राशि बढ़ाई गई थी। फोटो को भी सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था। डीसीपी के अनुसार आरोपितों के बारे में सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जायेगी।
अफसरों को फोन या व्हाट्सएप पर दें सकते हैं सूचना
रवीना त्यागी का कहना है कि फरार पुलिसकर्मियों के बारे में कोई भी सूचना मिलती है तो एसआईटी टीम के जांच अफसर अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय आनंद प्रकाश तिवारी के मोबाइल नंबर-9454400684 और अपर पुलिस उपायुक्त पश्चिम बृजेश कुमार के मोबाइल नंबर 9454401074 पर दे सकते हैं।
एफआइआर में नेम्ड छह पुलिकर्णी
मनीष की वाइफ मीनाक्षी ने पुलिस को दी गयी कंपलेन में छह पुलिसकर्मियों मर्डर का आरोप लगाये हुए नेम्ड किया था। इनमें इंस्पेक्टर रामगढ़ताल जेएन सिंह, चौकी इंचार्ज फलमंडी अक्षय मिश्रा, सब इंस्पेक्टर विजय यादव के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। सब इंस्पेक्टर राहुल दुबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव, कांस्टेबल प्रशांत कुमार की जगह तीन अननों पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज हुआ।

आठ दिनों में SIT ने सुलझा ली मर्डर मिस्ट्री
कानपुर के प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता की गोरखपुर के होटल में पुलिस की पिटाई से मौत के मामले में कानपुर SIT मात्र दिनों में इस मर्डर मिस्ट्री को सुलझा ली है। से SIT ने इस पूरे मामले के सस्पेंस उजागर तेजी से आरोपित पुलिस वालों की गिरफ्तारी में लगी है 24 घंटे पहले ही आरोपितों को घोषित हुआ 25 हजार रुपए का इनाम बढ़ाकर सीधा एक लाख रुपये कर दिया गया। जबकि आरोपितों को हाजिर कराने के लिए SIT अब उन्हीं पुलिस वालों के तरीकों को अपना ली है, जिसे आज तक आरोपित पुलिस वाले आम लोगों के लिए अपनाते रहे हैं।
होटल के 512 नंबर के अलावा अन्य सात कमरों में ठहरे लोगों से भी होगी पूछताछ
होटल कृष्णा पैलेस में 27 सितंबर को बुक 512 नंबर कमरे के साथ ही अन्य 7 कमरों में ठहरे लोगों की डिटेल भी SIT ने ले ली है। अब SIT उन सभी लोगों को नोटिस देकर उनका बयान करेगी कि उस रात क्या हुआ था। इनमें सटीक जानकारी देने वालों को SIT इस मामले में सरकारी गवाह भी बना सकती है। हालांकि अब तक की जांच में होटल मालिक और होटल मैनेजर आदर्श पांडेय की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध मानी जा रही है। SIT का मानना है कि होटल से ही बकायदा फोन कर पुलिस वालों को बुलवाया गया था।