Uttar Pradesh: उमेश पाल किडनैपिंग केस में अतीक अहमद समेत तीन को आजीवन कारावास

उत्तर प्रदेश के माफिया अतीक अहमद को  मेश पाल किडनैपिंग मामले में मुख्य अभियुक्त माफिया अतीक अहमद समेत तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है। अतीक के अलावा खान सौलत और दिनेश पासी को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। एमपी-एमएलए कोर्ट के जज डा दिनेश चंद्र शुक्ल ने वर्ष 2006 में हुई अपहरण के मामले में तीनों को दोषी करार देते हुए सजा सुनायी है। 

Uttar Pradesh: उमेश पाल किडनैपिंग केस में अतीक अहमद समेत तीन को आजीवन कारावास
  • अशरफ समेत सात आरोपियों को कोर्ट ने किया बरी
  • तीनों दोषियों पर एक-एक लाख का जुर्माना

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के माफिया अतीक अहमद को  मेश पाल किडनैपिंग मामले में मुख्य अभियुक्त माफिया अतीक अहमद समेत तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है। अतीक के अलावा खान सौलत और दिनेश पासी को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। एमपी-एमएलए कोर्ट के जज डा दिनेश चंद्र शुक्ल ने वर्ष 2006 में हुई अपहरण के मामले में तीनों को दोषी करार देते हुए सजा सुनायी है। 

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कोर्ट ने 17 साल पुराने मामले में सात आरोपियों अतीक के भाई अशरफ उर्फ खालिद अजीम समेत फरहान, जावेद उर्फ बज्जू, आबिद, इसरार, आशिक उर्फ मल्ली, एजाज अख्तर को बरी कर दिया है।पुलिस रिकॉर्ड में अतीक गैंग पर 101 मुकदमे दर्ज हैं। यह पहला मामला है, जिसमें अतीक दोषी ठहराया गया और सजा मिली है। उमेश पाल के परिवार ने कोर्ट से माफिया अतीक के खिलाफ फांसी की मांग की है।  उमेश पाल की 24 फरवरी को प्रयागराज में मर्डर हो गई थी। 
अतीक नोटों के बल पर कुछ भी कर सकता है: उमेश की मां
कोर्ट के फैसले के बाद उमेश पाल की मां शांति देवी ने कहा- मेरा बेटा शेर की तरह लड़ा था। अतीक को फांसी की सजा होनी चाहिए। पत्नी जया पाल ने कहा- योगी जी मेरे पिता समान हैं। वह हमारे परिवार का ध्यान रखेंगे। उमेश की मां शांति देवी ने कहा किअतीक अहमद ने मेरे बेटे का मर्डर कराया। तीन-तीन लोगों की जान गई। वो पुराना खुंखार बदमाश और डकैत है, वो नोटों के बल पर कुछ भी कर सकता है। इसलिए मुख्यमंत्री से मेरी मांग है कि उसे फांसी दी जाए। मेरा सिर्फ एक बेटा नहीं मारा गया, दो सुरक्षाकर्मी भी मारे गये। ऐसे में मेरे तीन बेटे मारे गये हैं। उसे अपहरण मामले में भले ही उम्रकैद की सजा सुनाई है, लेकिन मर्डर केस में उसे फांसी दी जाए।उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने कहा कि मैं घर पर अकेली हूं। इसलिए मुख्यमंत्री जी से मांग करती हूं कि मेरी सुरक्षा का ख्याल रखा जाए। अतीक को अपहरण मामले में उम्रकैद की सजा कोर्ट ने सुनाई है। इस फैसले पर मैं कुछ नहीं कहना चाहती हूं। मेरी मुख्यमंत्री से मांग है कि मेरे पति के मर्डर केस में अतीक को फांसी की सजा दिलाई जाए।
वकीलों ने लगाये फांसी दो फांसी के नारे 
अतीक अहमद को जब जब कोर्ट में  जाया गया, कैंपस में वकीलों ने फांसी दो फांसी के नारे लगाये। इससे पहले नैनी सेंट्रल जेल से अतीक को बंद वैन में कोर्ट लाया गया था। इसमें CCTV कैमरे और पर्दे लगे थे। कोर्ट तक 10 किमी की दूरी 28 मिनट में तय हुई। अतीक को सोमवार शाम को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था।
जूतों की माला लेकर पहुंचे
कोर्ट के बाहर कुछ लोग जूतों की माला लेकर पहुंचे थे। इनका कहना था कि अतीक ने बहुत लोगों को तंग किया है। अब हम उसे जूतों की माला पहनाना चाहते हैं।
अतीक गैंग पर 100 से ज्यादा केस
अतीक अहमद का 20 साल से ज्यादा वक्त तक प्रयागराज समेत आसपास के 8 जिलों में वर्चस्व रहा है। यूपी पुलिस के डोजियर के अनुसार, अतीक के गैंग IS- 227 के खिलाफ 101 मुकदमे दर्ज हैं। अभी कोर्ट में 50 मामले चल रहे हैं। इनमें NSA, गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के मुकदमे भी हैं। अतीक पर पहला मुकदमा 1979 में दर्ज हुआ था।
उमेश पाल किडनैपिंग केस 
अतीक अहमद और उमेश पाल के बीच दुश्मनी 18 साल पुरानी है। इसकी शुरुआत 25 जनवरी, 2005 में बीएशपी एमएलए राजू पाल के मर्डर के साथ हुई थी। उमेश, राजू पाल मर्डर केस का चश्मदीद गवाह था। अतीक अहमद ने उमेश को कई बार फोन कर बयान न देने और केस से हटने को कहा था। ऐसा न करने पर जान से मारने की धमकी दी थी। उमेश पाल नहीं माना तो 28 फरवरी, 2006 को उसका अपहरण करा लिया। उसे रात भर मारा गया। बिजली के शॉक दिये गये। मनमाफिक गवाही देने के लिए टार्चर किया गया। इस मामले में 17 मार्च को कोर्ट में बहस हो चुकी थी।उमेश पाल ने 1 मार्च, 2006 को अतीक के पक्ष में गवाही दी। उस समय सपा की सरकार थी। 
उमेश अपनी और परिवार की जान की रक्षा के लिए सालभर चुप रहा। 2007 में विधानसभा चुनाव हुए और सपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। मायावती की नेतृत्व वाली बसपा की पूर्ण बहुमत से सरकार बनी। राजू पाल की मर्डर के चलते अतीक के खिलाफ मायावती ने कार्रवाई की। चकिया स्थित उसका ऑफिस तुड़वा दिया। उमेश पाल को लखनऊ बुलाकर हिम्मत दी। उमेश पाल ने एक साल बाद पांच जुलाई, 2007 में अतीक अहमद उसके भाई अशरफ समेत 10 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। उमेश पाल की तहरीर पर धूमनगंज थाने में धारा 147/148/149/364A/323/341/342/504/506/34/120 B and 7 Criminal law Amendment Act के तहत अपहरण का मामला दर्ज हुआ था। इस केस की 17 साल से उमेश पाल बिना डरे पैरवी कर रहे थे। प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल और उनकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिस गनर की बदमाशों ने गोली मारकर मर्डर कर दी थी। इस हत्याकांड को 44 सेकेंड में अंजाम दिया था।