उत्तर प्रदेश: लखनऊ के पूर्वा गांव में 21 दिनों में कोरोना संक्रमण एक फैमिली के आठ लोगों की मौत, पांच की तेरहवीं एक साथ

लखनऊ से सटे इमलिया पूर्वा गांव में 21 दिनों के अंदर कोरोना वायरस संक्रमण से घर के चार बेटों, दो बहनों, मां और बड़ी मां की मौत हो गयी है। 

उत्तर प्रदेश: लखनऊ के पूर्वा गांव में 21 दिनों में कोरोना संक्रमण एक फैमिली के आठ लोगों की मौत, पांच की तेरहवीं एक साथ
  • फैमिली के आठ मेंबर की 25 अप्रैल से 15 मई के बीच एक-एक कर हो गयी मौत

लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ से सटे इमलिया पूर्वा गांव में 21 दिनों के अंदर कोरोना वायरस संक्रमण से घर के चार बेटों, दो बहनों, मां और बड़ी मां की मौत हो गयी है। ओमकार यादव की फैमिली की सभी खुशियां 25 अप्रैल से 15 मई के बीच आठ लोगों की मौत के बाद उजड़ गयी। एक ही घर में तार-चार विधवाएं हो गईं हैं। अब इन्हें कौन सहारा देगा ये सोच-सोचकर ओमकार यादव रोते रहते हैं। 

एक दूसरे से छुपाते रहे मौत की बातें
ओमकार यादव बताये हैं कि पूरा परिवार कोरोना की चपेट में आ गया था। सबका एक साथ इलाज हो रहा था। जब मौतों का सिलसिला शुरू हुआ तो ऐसे हालात आ गये कि भाई को भाई की मौत, बेटे को मां की मौत की खबर भी नहीं दी गई। उनके चार भाइयों, मां और दो बहनों की मौत कोरोना से हुई है। जबकि बड़ी मां अपने सामने हुई बेटों की मौत बर्दाश्त नहीं कर सकीं, हर्ट अटैक से उनकी जान चली गयी।
मां बेटे ने एक ही दिन तोड़ा दम
ओमकार यादव का कहना है कि आठ लोगों की मौत 25 दिन के अंदर हुईं हैं। उनकी मां और एक भाई की एक ही दिन अर्थी उठी थी। जिनकी मौत हुई हैं। कोरोना से रूपरानी (85), कमला देवी (82), विजय कुमार(62), विनोद कुमार (60), मिथलेश कुमारी(56), शैल कुमारी (52),  निरंकार सिंह यादव (50) और सत्यप्रकाश (35) की मौत हुई है। 
प्रशासन की ओर से नहीं मिली मदद, बच सकती थी कई जानें
ओमकार यादव ने बताया कि पूरा परिवार संक्रमित हुआ तो प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं की गई। आठ-आठ मौतों के बाद भी सरकार और प्रशासन की ओर से कोई झांकने तक नहीं आया। गांव वालों का आरोप है संक्रमण फैलने के बावजूद प्रशासन ने सैनिटाइजेशन तक नहीं करवाया।