नई दिल्ली: डीआरडीओ ने कोरोना संक्रमण के इलाज की दवा ‘2-डीजी’ के इस्तेमाल को लेकर जारी किये निर्देश 

डीआरडीओ ने मंगलवार को कोविड-19 पेसेंट के इलाज के लिए अपनी दवा ‘2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज के इस्तेमाल को लेकर निर्देश जारी किये हैं। डीआरडीओ ने कहा कि अनकंट्रोल सुगर और हर्ट के गंभीर बीमारी तथा गंभीर रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम से पीड़ित पेसेंट को यह दवाई देने से पहले सतर्कता बरतनी चाहिए। 

नई दिल्ली: डीआरडीओ ने कोरोना संक्रमण के इलाज की दवा ‘2-डीजी’ के इस्तेमाल को लेकर जारी किये निर्देश 

नयी दिल्ली। डीआरडीओ ने मंगलवार को कोविड-19 पेसेंट के इलाज के लिए अपनी दवा ‘2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज के इस्तेमाल को लेकर निर्देश जारी किये हैं। डीआरडीओ ने कहा कि अनकंट्रोल सुगर और हर्ट के गंभीर बीमारी तथा गंभीर रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम से पीड़ित पेसेंट को यह दवाई देने से पहले सतर्कता बरतनी चाहिए। 

डीआरडीओ ने मंगलवार को ट्वीटर पर डीसीजीआई की मंजूरी के अनुसार कोविड-19 पेसेंट पर इस दवा के इस्तेमाल को लेकर निर्देश जारी किये हैं। कहा कि आदर्श तौर पर, डॉक्टर कोविड-19 के मध्यम से लेकर गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों को जल्द से जल्द ‘2डीजी” अधिकतम 10 दिनों के लिए दें।

डीआरडीओ ने कहा कि अनकंट्रोल सुगर, हर्ट की गंभीर समस्या, ‘सीवियर रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम जिगर और गुर्दे की बीमारी से पीड़ित पेसेंट पर अबतक ‘2डीजी’ का अध्ययन नहीं किया गया है। इसलिए सतर्कता बरतनी चाहिए।“2डीजी गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं तथा 18 साल से कम उम्र के लोगों को नहीं देनी चाहिए।पेसेंट या उनके अटेंडेंट को सलाह दी जाती है कि वे अपने हॉस्पीटल से दवा की सप्लाई के लिए डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज (डीआरएल) से संपर्क करने का अनुरोध करें।

डीसीजीआई ने मई की शुरुआत में कोरोना वायरस के मध्यम और गंभीर पेसेंट पर इमरजेंसी में इस्तेमाल करने के लिए ‘2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज’दवाई को मंजूरी दे दी थी। डीआरडीओ द्वारा विकसित इस दवाई की पहली खेप 17 मई को डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह और हेल्ढ मिनिस्टर डॉ हर्षवर्द्धन ने जारी किया था। इस दवा को डीआरडीओ की प्रमुख प्रयोगशाला नाभिकीय औषधि एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान ने डीआरएल के सहयोग से विकसित किया है।

डिफेंस मिनिस्टरी ने आठ मई को कहा था कि क्लीनिकल ट्रायल में पता चला है कि ‘2-डीजी’हॉस्पीटल में एडमिट पेसेंट को तेजी से ठीक करने और ऑक्सीजन पर निर्भरता कम करने में मदद करती है।