Uttar Pradesh : 1991 बैच के IPS अफसर राजीव कृष्ण बने यूपी के नये डीजीपी
1991 बैच के आइपीएस अफसर राजीव कृष्ण उत्तर प्रदेश के डीजीपी बनाये गये हैं। राजीव कृष्ण को भी कार्यवाहक डीजीपी ही बनाया गया है। ऐसे में राजीव कृष्ण लगातार पांचवें कार्यवाहक डीजीपी हैं।

- प्रदेश को लगातार पांचवें कार्यवाहक डीजीपी मिले
लखनऊ। 1991 बैच के आइपीएस अफसर राजीव कृष्ण उत्तर प्रदेश के डीजीपी बनाये गये हैं। राजीव कृष्ण को भी कार्यवाहक डीजीपी ही बनाया गया है। ऐसे में राजीव कृष्ण लगातार पांचवें कार्यवाहक डीजीपी हैं।
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यूपी के कार्यवाहक डीजीपी का पद संभाल रहे 1990 बैच के आईपीएस अफसर प्रशांत कुमार 31 मई को रिटायर हो गये। इसके बाद को राजीव कृष्ण उत्तर प्रदेश पुलिस का चीफ बनाया गया है। राजीव कृष्ण डीजी विजिलेंस के पद पर तैनात हैं और उनके पास अध्यक्ष/डीजी पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड का अतिरिक्त प्रभार भी है।
पिछले दिनों 60,244 पदों पर सबसे बड़ी सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद दोबारा इस भर्ती को सकुशल व निष्पक्ष ढंग से संपन्न कराने के बाद से ही राजीव कृष्ण को अगले डीजीपी के रूप में देखा जा रहा था।
सीएम योगी के करीबी माने जाते हैं राजीव कृष्ण
राजीव कृष्ण की गिनती उत्तर प्रदेश के सबसे काबिल और कड़क अफसरों में होती है। उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करीबी माना जाता है। उनकी नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब राज्य सरकार को पुलिस भर्ती परीक्षा में पेपर लीक जैसी बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा था। इस मामले के बाद भर्ती बोर्ड की तत्कालीन डीजी रेणुका मिश्रा को हटाया गया था। इसके बाद राज्य सरकार ने यह बड़ी जिम्मेदारी राजीव कृष्ण को सौंपी थी। उनके नेतृत्व में यूपी पुलिस की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा दोबारा करवाई गयी। यह परीक्षा बिना किसी गड़बड़ी के सफलतापूर्वक पूरी हुई।
कौन हैं IPS राजीव कृष्ण?
1991 बैच के IPS राजीव कृष्ण का जन्म नोएडा में 26 जून, 1969 को हुआ था। इस समय वे विजिलेंस के डायरेक्टर और पुलिस भर्ती बोर्ड के चेयरमैन के तौर पर काम कर रहे थे। अपने करियर की शुरुआत में राजीव कृष्ण ने बरेली, कानपुर और अलीगढ़ में ASP के रूप में काम किया। इसके बाद उन्होंने फिरोजाबाद, इटावा, मथुरा, फतेहगढ़, बुलंदशहर, नोएडा, आगरा, लखनऊ और बरेली जैसे कई जिलों में ASP और SSP के तौर पर सेवाएं दीं।
उत्तर प्रदेश में जब एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) का गठन हुआ, तो राजीव कृष्ण इसके पहले DIG बने थे। उन्होंने मेरठ रेंज के IG और बाद में लखनऊ व आगरा जोन के ADG के रूप में भी काम किया है।अगस्त 2023 में उन्हें विजिलेंस विभाग का ADG बनाया गया। जनवरी 2024 में डीजी पद पर प्रमोशन के बाद वे डीजी विजिलेंस बने। मार्च 2024 में पुलिस भर्ती पेपर लीक कांड के बाद सरकार ने भर्ती बोर्ड की कमान भी उन्हें सौंपी, जिसे उन्होंने बखूबी अंजाम दिया।
फैमिली बैकग्राउंड शानदार, वाइफ IRS, साले BJP एमएलए
राजीव कृष्ण की वाइफ मीनाक्षी सिंह भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अफसर हैं। वे इस समय लखनऊ में आयकर आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं। सरोजनीनगर से BJP विधायक राजेश्वर सिंह इनके साले हैं। राजेश्वर सिंह भी पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी रह चुके हैं। राजेश्वर सिंह की वाइफ लक्ष्मी सिंह भी सीनीयर आइपीएस अफसर हैं। वे इस समय गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) की पुलिस आयुक्त के रूप में कार्यरत हैं।
मूलरूप से गौतमबुद्धनगर के निवासी राजीव कृष्ण एडीजी लखनऊ व आगरा जोन समेत अन्य महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे हैं। कार्यवाहक डीजीपी के रूप में तैनात 1990 बैच के आइपीएस अफसर प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार मिलने की चर्चा थी, जिस पर शनिवार रात विराम लग गया। सीएम योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद अधिकारियों में गिने जाने वाले प्रशांत कुमार को जल्द कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। कुमार ने पिछले वर्ष एक फरवरी को कार्यवाहक डीजीपी का कार्यभार संभाला था। प्रदेश में वर्ष 2017 में भाजपा सरकार के गठन के बाद यह नौवें डीजीपी की तैनाती है।
24 अप्रैल, 2017 को सबसे पहले सुलखान सिंह डीजीपी बने थे, जिन्हें एक सेवा विस्तार भी मिला था। उनके बाद ओपी सिंह, हितेश चंद्र अवस्थी व मुकुल गोयल पूर्णकालिक डीजीपी के रूप में तैनात रहे। जबकि डा. देवेन्द्र सिंह चौहान को 12, मई 2022 को पहला कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था। इसके बाद डीजीपी के चयन के लिए संघ लोक सेवा आयोग को कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। चौहान के बाद 31 मार्च,2023 को डा.आरके विश्वकर्मा दूसरे व इसी वर्ष 31 मई को विजय कुमार तीसरे कार्यवाहक डीजीपी बने। विजय कुमार का सेवाकाल 31 जनवरी, 2024 को पूरा हुआ था, जिसके उपरांत प्रशांत कुमार चौथे कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था।
नये डीजीपी के चयन की चर्चाएं शुरू होने के बाद राजीव कृष्ण को ही इस पद का सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा था। 1991 बैच में वह सीनीयरटी लिस्ट में तीसरे स्थान पर हैं। इस बैच में आलोक शर्मा व पीयूष आनन्द वरिष्ठता क्रम में आगे हैं पर दोनों ही अफसर सेंट्रल डिपुटेशन पर हैं।
तीन अफसर बनेंगे एडीजी
प्रशांत कुमार के साथ ही 31 मई को 1990 बैच के ही आइपीएस अफसर पीवी रामाशास्त्री व डा.संजय एम. तरडे का भी रिटायर हो गये। रामशास्त्री डीजी जेल व तरडे डीजी टेलीकाम के पद पर तैनात थे।
एक जून को एडीजी के पद पर तैनात 1992 बैच के आइपीएस अफसर आशुतोष पांडेय, आनन्द स्वरूप व नीरा रावत डीजी के पद पर प्रोन्नत हो जायेंगे। जल्द ही नये डीजी जेल व डीजी टेलीकाम की तैनाती के साथ ही इस स्तर के अधिकारियों में अन्य फेरबदल हो सकते हैं।
उत्तर प्रदेश में अस्थायी डीजीपी
पहले अस्थायी डीजीपी के रूप में 11 मई 2022 को तत्कालीन डीजी इंटेलिजेंस डॉ. डीएस चौहान की तैनाती हुई
31 मार्च 2023 को उनके रिटायरमेंट के बाद आरके विश्वकर्मा को दो माह के लिए कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया
एक जून 2023 से 31 जनवरी 2024 तक विजय कुमार कार्यवाहक डीजीपी रहे
31 जनवरी 2024 से 31 मई 2025 तक प्रशांत कुमार कार्यवाहक डीजीपी रहे
तीन डीजी रिटायर, तीन एडीजी होंगे प्रमोट
डीजीपी प्रशांत कुमार समेत तीन डीजी शनिवार को रिटायर हो गये। रिटायर होने वाले दो अन्य डीजी में डीजी जेल पीवी रामाशास्त्री व डीजी टेलिकॉम संजय एम तरडे शामिल हैं। इन तीन अफसरों के रिटायर होने के बाद डीजी ईओडब्ल्यू, डीजी जेल व डीजी टेलिकॉम के पद खाली हो गए हैं। इन अफसरों के रिटायरमेंट के बाद एडीजी स्तर के तीन अधिकारी प्रमोट होंगे। इसमें एडीजी एसआईटी आशुतोष पांडेय, एडीजी पुलिस मुख्यालय आनंद स्वरूप और एडीजी 112 यूपी नीरा रावत शामिल हैं। ये तीनों अफसर जून में प्रमोट होकर डीजी बन जाएंगे। इसके साथ ही 10 जून को डीजी आशीष गुप्ता भी वीआरएस ले रहे हैं। उनकी जगह एडीजी जोन लखनऊ एसबी शिरडकर डीजी के पद पर प्रमोट हो जायेंगे।