Ranchi Land Scam Case : भूमि घोटाले में बरामद 36 डीड फर्जी, ED ने जांच के लिए भेजे थे कोलकाता, FIR दर्ज

रांची में जालसाज गैंग के सरगना अफसर अली उर्फ अफसू खान के घर से इडी द्वारा जब्त सभी 36 सेल डीड फर्जी पाये गये हैं। जालसाजों द्वारा सेल डीड में निहित 100 एकड़ से ज्यादा जमीन की सेल की जा चुकी है। इडी द्वारा भेजे गये सेल डीड की जांच के बाद कोलकाता रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस ने शुक्रवार को  हेयर स्टीट पुलिस स्टेशन में अननोन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। दस्तावेज में जालसाजी करने के मामले में कोलकाता में दर्ज करायी गयी यह दूसरी एफआइआर है।

Ranchi Land Scam Case : भूमि घोटाले में बरामद 36 डीड फर्जी, ED ने जांच के लिए भेजे थे कोलकाता, FIR दर्ज

रांची। झारखंड की राजधानी रांची में जालसाज गैंग के सरगना अफसर अली उर्फ अफसू खान के घर से इडी द्वारा जब्त सभी 36 सेल डीड फर्जी पाये गये हैं। जालसाजों द्वारा सेल डीड में निहित 100 एकड़ से ज्यादा जमीन की सेल की जा चुकी है। इडी द्वारा भेजे गये सेल डीड की जांच के बाद कोलकाता रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस ने 30 जून को  हेयर स्टीट पुलिस स्टेशन में अननोन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। दस्तावेज में जालसाजी करने के मामले में कोलकाता में दर्ज करायी गयी यह दूसरी एफआइआर है।

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एफआइआर दर्ज कराने के बाद कोलकाता सेरजिस्ट्रार ने इससे संबंधित सूचना इडी को दी है। कोलकाता के रजिस्ट्रार द्वारा इससे पहले रांची में आर्णी के कब्जेवाली जमीन और चेशायर होम रोड स्थित जमीन से जुड़े दस्तावेज में जालसाजी करनेके आरोप में एफआइआर दर्ज करायी जा चुकी है। इडी ने कोलकाता में दर्ज इस एफआइआर को भी अपने इसीआइआर में शामिल कर लिया है। कोलकाता में दर्ज दूसरी एफआइआर को भी इडी द्वारा शीघ्र ही रांची में दर्ज इसीआइआर में शामिल कर लिया जायेगा।
ईडी ने अफसर अली के घर से बरामद 36 सेल डीड को कोलकाता स्थित रजिस्ट्रार को भेज कर जांच करने का अनुरोध किया था। इडी के अनुरोध पर रजिस्ट्रार ने मामलेकी जांच के लिए एसआइटी का गठन किया था। एसआइटी ने सेल डीड की जांच में पाया कि सभी सेल डीड कोलकाता रजिस्ट्री ऑफिस में रखे गये मूल दस्तावेज में जालसाजी कर तैयार किये गये हैं। जालसाजों ने जिस मूल सेल डीड में छेड़छाड़ कर इन्हें तैयार किया है, वे सभी आजादी के पहले के हैं।
जोसेल डीड फर्जी निकले
डीड नंबर वोल्यूम पेज नंबर
1155 41 169 से 199 तक
1716 61 84 से 87 तक
408 42 40 से 43 तक
1731 61 20 से 25 तक
342 21 139 से 142 तक
127 24 288 से 290 तक
619 21 190 से 194 तक
3985 80 297 से 298 तक
184 24 11 से 14 तक
31 20 43 से 48 तक
2741 86 211 से 214 तक
3219 98 000000
11022 216 259 से 262 तक
2376 69 261 से 262 तक
2660 32 211 से 213 तक
3954 169 298 से 300 तक
149 22 17 से 20 तक
1855 61 80 से 83 तक
4757 114 291 से 292 तक
7181 174 277 से 280 तक
6182 191 11 से 17 तक
171 27 34 से 36 तक
4403 186 95 से 98 तक
1219 37 277 से 280 तक
5714 64 301 से 302 तक
14249 227 275 से 277 तक
14244 42 40 से 43 तक
8412 114 295 से 296 तक
2384 69 263 से 264
1513 43 232 से 234 तक
787 62 130 से 135 तक
9877 93 298 से 300 तक
6109 210 298 से 300 तक
3328 06 255 से 259 तक
2861 89 38 से 44 तक
रांची में आर्मी के उपयोग वाली 4.55 एकड़ व चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री मामले की ईडी मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही है। जांच  के दौरा ईडी ने बड़ी जालसाजी को उजागर किया है। ईडी ने जांच के दौरान जालसाजों के सरगना बरियातू के अफसर अली उर्फ अफ्सू खान सहित अन्य गिरफ्तार आरोपितों के ठिकानों से 36 डीड बरामद किये थे। इसको जांच के लिए कोलकाता भेजा गया था, जिसमें फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। ईडी ने सभी 36 डीड के श्याही सहित अन्य तथ्यों की बारीकी से जांच कराई, फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी गांधी नगर की भी मदद ली, जिसमें सभी डीड में हेराफेरी की पुष्टि हुई। ईडी की अनुशंसा पर रजिस्ट्रार आफ एश्योरेंस कोलकाता ने हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में 26 जून को कांड संख्या 196/ 2023 में अननोन जालसाजों पर मिलीभगत व जालसाजी की सेक्शन मे एफआइआर दर्ज करा दी है। अब कोलकाता पुलिस भी इस पूरे मामले की जांच करेगी। ईडी भी उक्त केस को अपनी मूल केस के साथ जोड़ेगी, ताकि जांच का दायरा और आगे तक बढ़ सके।
 ईडी ने रांची में करोड़ों रुपये के भूमि घोटाले में पूर्व रांची डीसी छवि रंजन, पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश और कोलकाता के बिजनसमैन अमित अग्रवाल सहित अन्य को अरेस्ट किया है। ईडी ने जमीन घोटाले में बिजनसमैन विष्णु अग्रवाल और झारखंड हाईकोर्ट के सीनीयर एडवोकेट हिमांशु मेहता से भी पूछताछ की है। ईडी की जांच से यह साबित हुआ है कि गैर-बिक्री योग्य सरकारी भूमि, सेना की भूमि और यहां तक कि निजी भूमि को व्यक्तियों के एक समूह ने फर्जी रिकॉर्ड बनाकर और फर्जी दस्तावेज बनाकर संबंधित भूमि रिकॉर्ड प्राधिकरणों में उपलब्ध रिकॉर्ड में छेड़छाड़ करके हासिल कर लिया। ईडी ने कहा है कि रांची में जालसाजों का एक गैंग एक्टिव है। इस गैंग को फर्जी दस्तावेज बनाने, हेराफेरी करने और असली जैसे दस्तावेज बनाने में महारत हासिल है।
कोलकाता के रजिस्ट्री ऑफिस के थे 36 डीड 
ईडी ने जांच में पाया कि बरामद सभी 36 डीड कोलकाता के रजिस्ट्री ऑफिस से निकले थे। इन सभी डीड के साथ छेड़छाड़ की गई है। जांच में सभी डीड में स्याही से लेकर लिखावट तक में अंतर पाया गया है। चार्जशीट में ईडी ने डीड नंबर के साथ पूरा ब्यौरा दिया है। ईडी ने बताया है कि बिहार व झारखंड की जमीन की 1991 तक कोलकाता में रजिस्ट्री होती थी। इसके बाद जालसाजों ने बैंक डेट से डीड तैयार करना शुरू किया। इसकी मूल कापी कोलकाता के रजिस्ट्री ऑफिस में पहले से थी। इसके बाद उक्त डीड को कोलकाता के मूल डीड में प्लांट भी किया और सर्टिफायड कापी के आधार पर उस जमीन की खरीद-बिक्री की। एक अन्य आरोपित सद्दाम हुसैन के मोबाइल से एक फोटो भी मिली है। इसमें मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ के सबूत मिले हैं। यह डीड अफसर अली के ठिकाने से जब्त की गई थी। कुछ डायरी के पेज मिले हैं, जिसमें लेन-देन का डिटेल है।

पहले भी ED की अनुशंसा पर दर्ज है एक एफआइआर
कोलकाता के हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में 26 जून को दर्ज एफआइआर जालसाजी के मामले में वहां दर्ज दूसरी एफआइआर है। पूर्व में रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस कोलकाता ने रांची में आर्मी के उपयोग वाली जमीन से संबंधित जालसाजी में हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में 10 मई को भी जालसाजी की एफआइआर दर्ज करायी थी। में कांड संख्या 137/2023 में दर्ज मामले में ईडी ने अपने केस के साथ जोड़ लिया था। अब 26 जून वाले केस को भी ईडी ने जोड़ा है।
ईडी ने दो भूखंडों को किया जब्त
ईडी ने सोमवार को इस मामले से संबंधित 74.39 करोड़ रुपये की दो भूखंडों को भी जब्त किया है। इन भूखंडों में सेना के कब्जे वाली रांची के बरियातू मौजा की 4.55 एकड़ जमीन, जिसका बाजार मूल्य करीब 41.51 करोड़ रुपये है व बाजरा मौजा की 7.16 एकड़ जमीन, जिसका बाजार मूल्य 32.87 करोड़ रुपये है, शामिल हैं। दोनों भूखंडों की ईडी ने अस्थायी जब्ती की है।
10 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट
ईडी ने सोमवार को अपनी विशेष अदातल में जिन दस आरोपितों पर चार्जशीट की है, उनमें 14 अप्रैल को गिरफ्तार बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, सेना के कब्जे वाली जमीन का फर्जी रैयत प्रदीप बागची, जमीन दलाल बरियातू के मिल्लत कालोनी निवासी रिम्स का कर्मी अफसर अली उर्फ अफ्सू खान, डोरंडा के मनी टोला का निवासी इम्तियाज अहमद, बड़ागाईं निवासी मोहम्मद सद्दाम हुसैन, तल्हा खान, फैयाज अहमद, चार मई को अरेस्ट रांची के एक्स डीसी आइएएस छवि रंजन व सात जून को अरेस्टआर्मी के कब्जे वाली जमीन के खरीदार जगतबंधु टी इस्टेट के डायरेक्टर दिलीप घोष व अमित अग्रवाल शामिल हैं। इन पर आपसी मिलीभगत से मूल दस्तावेजों में छेड़छाड़ करने व जालसाजी से रांची में जमीनों की खरीद-बिक्री के आरोपों की पुष्टि हुई है। ईडी ने अधिकृत बयान जारी कर पूरे मामले की जानकारी दी है। ईडी ने दाखिल चार्जशीट में बताया है कि भू-राजस्व विभाग के अफसरों की मिलीभगत से भू-माफियाओं के पक्ष में फर्जी तरीके से इन भूखंडों का नामतरण किया गया है।
झारखंड में भूमि माफिया का रैकेट सक्रिय
ईडी की जांच में यह पता चला कि झारखंड में भूमि माफिया का एक रैकेट सक्रिय है, जो कोलकाता व रांची में जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार करता है। इसके बाद जाली दस्तावेज के आधार पर ऐसे भूखंडों को अन्य व्यक्तियों को बेच देता है। ईडी ने इस मामले में 41 ठिकानों पर रेड की, पांच सर्वे किया। ईडी ने इस रेड में भूमि राजस्व विभाग की जाली मुहरें, जाली भूमि दस्तावेज, जालसाजों के बीच अपराध की कमाई के वितरण के रिकार्ड, जालसाजी करने संबंधित फोटो, सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के सबूत को उजागर किया। इस मामले में सभी 10 आरोपित अरेस्ट हुए, उन्हें ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेजा गया है।
ईडी ने झारखंड सरकार से शेयर किये सबूत
ईडी ने छानबीन के बाद झारखंड सरकार के साथ बड़ागाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के खिलाफ मिले सबूतों को साझा किया। उक्त सबूतों के आधार पर रांची पुलिस ने सदर पुलिस स्टेशन में भानु प्रताप प्रसाद के विरुद्ध एफआइआर भी दर्ज की है। ईडी ने मनी लांड्रिंग के तहत कार्रवाई के दौरान एक अन्य आरोपित फैयाज खान के आवासीय परिसर से जाली मुहरों के सबूत भी शेयर किये है।
फोरेंसिक जांच में हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
ईडी ने स्पेशल कोर्ट की अनुमति से रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस कोलकाता और रांची के भू-राजस्व विभाग के मूल रिकार्ड की गांधी नगर स्थित फोरेंसिक साइंस निदेशालय से जांच कराई। इन दस्तावेजों की फोरेंसिक जांच में फर्जीवाड़ा साबित हुआ। ईडी के एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर रजिस्ट्रार आफ एश्योरेंस कोलकाता ने भी हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में आइपीसी के सेक्शन के तहत एफआइआर दर्ज कराई है। वहां की पुलिस भी जांच कर रही है। उक्त केस को भी ईडी ने अपने ईसीआईआर में संलग्न कर लिया है। इस मामले में आगे की जांच जारी है।

जमीन घोटाले में अब तक ये आरोपी हो चुके हैं अरेस्ट
जमीन घोटाले में ईडी ने रांची के एक्स डीसी आईएएस छवि रंजन, बड़ागाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, सेना के कब्जे वाली जमीन के फर्जी रैयत प्रदीप बागची, जमीन कारोबारी अफसर अली, इम्तियाज खान, तल्हा खान, फैयाज खान व मोहम्मद सद्दाम को अरेस्ट कर जेल भेज चुकी है। कोलकाता के बिजनसमैन अमित अग्रवाल और दिलीप घोष को सात जून को ईडी ने अरेस्ट किया था।
जमीन घोटाला मामले में कार्रवाई की टाइम लाइन
तीन नवंबर 2022: अमित अग्रवाल व विष्णु अग्रवाल के ठिकानों पर ईडी का रेड।
13 अप्रैल: आईएएस छवि रंजन समेत 18 लोगों के 21 ठिकाने पर ईडी का रेड।
14 अप्रैल: सात लोगों को गिरफ्तार किया गया।
26 अप्रैल: रांची और जमशेदपुर के छह ठिकानों पर ईडी का रेड।
एक मई: रांची सदर रजिस्ट्रार वैभव मनी त्रिपाठी से ईडी ने की पूछताछ।
दो मई: एडिशनल रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस कोलकाता त्रिदीप मिश्रा से ईडी ने की पूछताछ।
दो मई: जगत बंधु टी-स्टेट के दिलीप घोष सहित 4 को ईडी का समन।
चार मई: रांची के पूर्व उपायुक्त आईएएस छवि रंजन को अरेस्ट किया।
आठ मई: व्यवसायी विष्णु अग्रवाल से पहुंचे ईडी ऑफिस
सात जून: अमित अग्रवाल और दिलीप घोष अरेस्ट।

12 जून: 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट

कमिश्नर की जांच रिपोर्ट में हुआ था फर्जीवाड़ा का खुलासा
रांची कमिश्नर की जांच रिपोर्ट में बरियातू स्थित आर्मी के 4.55 एकड़ कब्जे वाली जमीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री मामले में फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ था। उक्त रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि प्रदीप बागची नामक व्यक्ति ने फर्जी रैयत बनकर जगत बंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर दिलीप कुमार घोष को उक्त जमीन बेच डाली थी। जमीन की खरीद-बिक्री के लिए रजिस्ट्री में प्रदीप बागची ने जिन होल्डिंग नंबर से संबंधित दो अलग-अलग कागजातों को लगाया था, वह जांच में फर्जी मिले थे। 
बरियातू पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई थी एफआइआर
इसके बाद रांची नगर निगम की ओर से भी बरियातू पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराई गई थी।रांची नगर निगम के कर टैक्स कलेक्टर दिलीप शर्मा ने नगर आयुक्त के आदेश पर जून 2022 में प्रदीप बागची के खिलाफ जालसाजी के मामले में एफआइआ दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रदीप बागची ने फर्जी आधार कार्ड, फर्जी बिजली बिल, फर्जी पोजेशन लेटर दिखाकर दो-दो होल्डिंग ले लिया था।कमिश्नर की जांच आर्मी के कब्जे वाले जमीन का असली रैयत जयंत करनाड मिला था। ईडी ने इस पूरे मामले में मनी लांड्रिंग के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू किया था।
कोर्ट ने पुलिस को आरोपियों पर FIR करने का दिया था आदेश
मामला सामने आने के बाद रांची के सिविल कोर्ट ने बरियातू पुलिस को रांची के दो रजिस्ट्रार घासी राम पिंगुआ व वैभव मणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त मुकेश कुमार, बड़गाईं के अंचलाधिकारी मनोज कुमार, फर्जी रैयत प्रदीप बागची, खरीदार जगतबंधु टी-इस्टेट के निदेशक दिलीप कुमार घोष, जयप्रकाश नारायण सिन्हा, मेसर्स गोयल बिल्डर्स अपर बाजार के निदेशक, मोहम्मद जैकुल्लाह और मानवेंद्र प्रसाद पर एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया था।आरोपियों पर जान बूझकर फर्जीवाड़ा कर दूसरे की जमीन की खरीद-बिक्री का आरोप है। दिलीप कुमार घोष ने सात करोड़ रुपये में प्रदीप बागची नामक कथित रैयत से सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन खरीदी थी।
जमीन की डीड पर भी रजिस्ट्रार ने लिख दिया था डीसी के आदेश से हो रही है रजिस्ट्री
आर्मी के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन और चेशायर होम रोड स्थित एक एकड़ जमीन की रजिस्ट्री मामले में ईडी की जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हो चुका है। आर्मी के कब्जे वाली जमीन को फर्जी रैयत बनकर प्रदीप बागची ने 2021 में जगतबंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर दिलीप घोष को रजिस्ट्री कराई थी। प्रदीप बागची ने बंगाल के जिस रजिस्टर्ड डीड के आधार पर जमीन बेची थी, उसमें प्रदीप बागची के पूर्वज ने 1932 में जिससे जमीन खरीदी थी, उसका नाम ही नहीं था। यह देखकर तत्कालीन रजिस्ट्रार घासीराम पिंगुआ ने आपत्ति जताई थी। इसके बाद डीसी के आदेश पर बड़गाईं के तत्कालीन सीओ की अनुशंसा के बाद उक्त जमीन की रजिस्ट्री हुई थी।
13 अप्रैल को हुई थी छवि रंजन से जुड़े ठिकानों पर रेड
रांची जमीन घोटाले में ईडी ने विगत 13 अप्रैल को आइएएस अफसर छवि रंजन सहित 18 लोगों से जुड़े 22 ठिकानों पर एक साथ रेड की थी। इस रेड में ईडी को बड़गाई के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के आवास भारी मात्रा में डीड मिले थे। वहीं कुछ जमीन माफिया के यहां से फर्जी डीड बनाने के स्टांप आदि मिले थे। उक्त रेड में छवि रंजन का मोबाइल भी ईडी ने बरामद किया था, जिसमें ईडी के संभावित प्रश्न व उसके तैयार उत्तर भी थे। इससे यह स्पष्ट हो गया था कि छवि रंजन को यह आशंका पहले से थी कि ईडी किसी भी दिन उनके आवास पर दस्तक दे सकती है। ऐसा ही हुआ भी।
यह है आर्मी के कब्जे वाली जमीन का मामला
रांची के बरियातू पुलिस स्टेशन एरिया में मोरहाबादी मौजा में आर्मी के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन के फर्जी रैयत प्रदीप बागची ने मूल दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर जगत बंधु टी इस्टेट के मालिक दिलीप घोष को बेच दी थी। इसके लिए रांची नगर निगम से जाली कागजात के आधार पर दो होल्डिंग भी ले रखा था। प्रदीप बागची ने इसके लिए जो दस्तावेज प्रस्तुत किया था, उसके अनुसार उक्त जमीन उसके पूर्वज ने 1932 में रैयतों से खरीदी थी। इसकी रजिस्ट्री कोलकाता रजिस्ट्री ऑफिस में हुई थी। पिछले साल इस मामले में दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के आयुक्त ने पूरे मामले की जांच कराई थी तब इसका खुलासा हुआ था। आयुक्त की जांच में जमीन का असली मालिक जयंत कर्नाड हैं। फर्जी दस्तावेज पर होल्डिंग लेने के मामले में प्रदीप बागची पर रांची नगर निगम ने बरियातू पुलिस स्टेशन में पिछले वर्ष एफआइआर भी दर्ज कराई थी। इसके आधार पर ही ईडी ने ईसीआइआर दर्ज की थी।
विष्णु अग्रवाल व अन्य ने मिलकर चेशायर होम रोड में एक एकड़ जमीन के कागजात में फेरबदल किया
ईडी ने रांची के सदर पुलिस स्टेशन एरिया चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन मामले में जांच की तो यहां भी इसी तरह का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, इस जमीन को रियल इस्टेट कंपनी के संचालक विष्णु अग्रवाल व अन्य ने मिलकर जाली कागजात के आधार पर खरीद-बिक्री की है। शिकायतकर्ता उक्त जमीन के मालिक होने का दावा करने वाले उमेश कुमार गोप ने रांची के न्यूक्लियस माल के मालिक विष्णु अग्रवाल के अलावा पुनीत भार्गव, भरत प्रसाद, राजेश राय, लखन सिंह और इम्तियाज अहमद के खिलाफ सदर पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराई थी। पुनीत भार्गव इलिगल स्टोन माइनिंग मामले में पूर्व में अरेस्ट प्रेम प्रकाश का करीबी बताया जाता है। इस मामले में रांची के सदर पुलिस स्टेशन की पुलिस ने अधूरी रिपोर्ट के साथ सिर्फ इसे जमीन विवाद बताते हुए कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट भी दे दिया है। जबकि ईडी ने जालसाजी के बड़े मामले को उजागर किया है।