WFI के नये प्रसिडेंट की नियुक्ति का विरोध,Wrestler Sakshi Malik ने रोते हुए भारतीय कुश्ती को कहा अलविदा

भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष के चुनाव के बाद पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की है। साक्षी मलिकने प्रेस कॉन्फ्रेंस को दौरान कुश्ती छोड़ने का फैसला किया। उन्होंने देशवासियों के समर्थन और प्यार के लिए धन्यवाद दिया। साक्षी ने नये अध्यक्ष के चुनाव पर अपनी नाराजगी जतायी है।

WFI के नये प्रसिडेंट की नियुक्ति का विरोध,Wrestler Sakshi Malik ने रोते हुए भारतीय कुश्ती को कहा अलविदा
साक्षी मल्लिक का कुश्ती से संन्यास का एलान।
  • साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास का किया एलान
  • रोते हुए बीच से छोड़ गईं प्रेस कॉन्फ्रेंस

नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष के चुनाव के बाद पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की है। साक्षी मलिकने प्रेस कॉन्फ्रेंस को दौरान कुश्ती छोड़ने का फैसला किया। उन्होंने देशवासियों के समर्थन और प्यार के लिए धन्यवाद दिया। साक्षी ने नये अध्यक्ष के चुनाव पर अपनी नाराजगी जतायी है।

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रोते हुए बीच में छोड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि हम 40 दिनों तक सड़कों पर सोये। देश के कई हिस्सों से बहुत सारे लोग हमारा समर्थन करने आये। अगर बृजभूषण सिंह के बिजनेस पार्टनर और करीबी सहयोगी इस फेडरेशन में रहेगा, तो मैं अपनी कुश्ती को त्यागती हूं... हमारी लड़ाई जारी रहेगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान साक्षी मलिक भावुक दिखीं और रोते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस को बीच में छोड़ दिया। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़ने से पहले सरकार और भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव पर जमकर अपनी भड़ास निकाली।

प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़ने से पहले साक्षी ने कहा कि मैंने देश के लिए जितने भी पुरस्कार जीते हैं आप सब के आशीर्वाद से जीते हैं। मैं आप सभी देशवाशियों की हमेशा आभारी रहुंगी। कुश्ती को अलविदा। बहुत साल लगे ये हिम्मत बनाने के लिए ये लड़ाई लड़ने के लिए। आप सभी को मालूम है कि कुश्ती संघ का अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का राइट हैंड बना है। जो सरकार ने कहा था वो पूरा नहीं किया गया। हमारी मांग थी महिला अध्यक्ष की। जो सरकार ने नहीं मानी।

सरकार ने नहीं पूरा किया अपना वादा
साक्षी ने आगे कहा, अगर महिला अध्यक्ष होती तो महिला खिलाड़ियों का शोषण नहीं होगा। न ही पहले महिलाओं की भागेदारी थी और ना ही अब। आप पूरी लिस्ट उठाकर देख लो। महिलाओं को कोई स्थान नहीं दिया गया है। ये लड़ाई जारी रहेगी, आने वाली पीढ़ियों को भी ये लड़ाई लड़नी पड़ेगी।